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अब ISRO ने कर दिया ये बड़ा कमाल, Gaganyan Mission के लिए बनाई ऐसी चीज, देखती रह जाएगी दुनिया!

ISRO News: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) ने अब एक और बड़ा कमाल कर दिया है. उसने गगनयान के लिए एक ऐसी चीज बनाई है, जिससे मिशन के सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी.

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Ajay Bhartia
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ISRO Achievements

ISRO ने बनाई ह्यूमनॉइड खोपड़ी (Image: News Nation)

ISRO News: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) ने अब एक और बड़ा कमाल कर दिया है. उसने गगनयान के लिए एक ऐसी चीज बनाई है, जिससे मिशन के सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी. अगर ऐसा हो पाता है, तो एक बार फिर दुनिया भारतीय स्पेस एजेंसी की ताकत को देखती रह जाएगी. ISRO का गगनयान दिसंबर 2024 या फिर 2025 में अपने मिशन पर भेजा सकता है, जिसमें एजेंसी पहली बार फीमेल ह्यूमनॉइड व्योमित्र (Vyomitra) को भेजेगी. ISRO ने इसी व्योमित्र के लिए ह्यूमनॉइड स्कल (Humanoid Skull) बनाई है. आइए जानते हैं कि इसरो ने ये कमाल कैसे कर दिखाया है.

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व्योमित्र के लिए खोपड़ी को इसरो की इर्न्सियल सिस्टम यूनिट ने तैयार किया है. वैज्ञानिकों की टीम ने इसे ह्यूमनॉइड स्कल को केरल के तिरुवंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में बनाया है. इस ह्यूमनॉइड स्कल की डिजाइन हैरान कर देने वाली है. बता दें कि ह्यूमनॉइड एक रोबोटिक सिस्टम होता है, जिन्हें इंसानों जैसे दिखने और उनकी तरह ही काम करने के लिए डिजाइन किया जाता है. व्योमित्र में चल सकने वाली भुजाएं, धड़, चेहरा और गर्दन लगाई गई हैं, जिनकी मदद से वो अंतरिक्ष में ऑटोमेटिकली काम कर सकेगा. आइए जानते हैं कि ये ह्यूमनॉइड अतंरिक्ष में किस तरह के काम करेगा.

  • अतंरिक्ष में जिन कामों को करने में जोखिम अधिक होता है, उनको एस्ट्रोनॉट्स ह्यूमनॉइड से करवाते हैं. इनमें सौर पैनलों की सफाई और स्पेसक्राफ्ट के बाहर खराब हुए उपकरणों को ठीक करना आदि प्रमुखता से शामिल हैं.

  • ये ह्यूमनॉइड ऑटोमेटिकली या फिर एस्ट्रोनॉट्स द्वारा ऑपरेट किए जा सकते हैं. इतना ही नहीं स्पेस में मौजूद रहते हुए ये ह्यूमनॉइड धरती पर मिशन कंट्रोल टीम से कम्युनिकेट भी कर पाएंगे.  

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ISRO ने कैसे बनाई ह्यूमनॉइड खोपड़ी

किसी भी ह्यूमनॉइड का सबसे इम्पोर्टेन्ट पार्ट उसकी खोपड़ी होती है. ऐसे में व्योमित्र ह्यूमनॉइड के लिए खोपड़ी को बना देना इसरो की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है. आइए जानते हैं कि इस ह्यूमनॉइड खोपड़ी को इसरो ने कैसे बनाया है और इसकी खूबियां क्या हैं. 

  • ह्यूमनॉइड खोपड़ी को बनाने के लिए इसरो ने एल्युमिनियम मिश्र धातु (AlSi10Mg) का इस्तेमाल किया है. 

  • ये मिश्र धातु (Alloy) में लचीलापन (flexibility), बहुत हल्की और गर्मी प्रतिरोधी जैसे गुण हैं, जिससे इस ह्यूमनॉइड खोपड़ी की मजबूती काफी बढ़ जाती है.

  • जो स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च होने के दौरान होने वाले कंपन लोड्स (Vibrational loads) को भी झेल सकती है.  

  • इस ह्यूमनॉइड खोपड़ी मॉडल का आकार 200mm x 200 mm है, और इसका वजन केवल 800 ग्राम है.

  • इस ह्यूमनॉइड खोपड़ी को बनाने के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है.

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