Election Special: भारत का संविधान हर बालिग नागरिक को मतदान का अधिकार देता है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है. मतदान में शामिल होने के लिए कुछ जरूरी शर्तों का होना अनिवार्य है, जिससे मतदान की वैधता बनी रहे. इन शर्तों में नागरिक का मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी शामिल है. उसका नाम मतदाता सूची में भी शामिल होना जरूरी है. साथ ही उसके पास वैध पहचान पत्र का होना भी. हालांकि इसके बावजूद बहुत सारी जगहों पर बोगस वोटिंग के मामले सामने आते हैं. कई जगहों पर लोग शिकायत करते हैं कि उनके मतदान केंद्र पर पहुंचने से पहले ही उनके नाम का मत कोई और डाल गया. ये शिकायतें पर्चियों के माध्यम से मतदान के समय ज्यादा आती थी. धीरे-धीरे पूरी प्रक्रिया में काफी सुधार लाया जा चुका है. अब ईवीएम से मतदान होता है, तो पहचान के लिए विशेष स्याही भी लगाई जाती है. इसके अलावा वैध पहचान पत्र का मिलान भी होता है. वहीं, वीवीपैट जैसी व्यवस्थाओं की वजह से प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी बनी है.
मतदान लिस्ट में नाम न होने की समस्या
इस खास लेख में हम जिक्र कर रहे हैं उन बातों का, जिनके बारे में हल्ला काफी होता है, लेकिन पीछे की बात सही से पता नहीं चल पाती. इसमें दो-तीन बिंदु खास हैं. जैसे किसी मतदान केंद्र पर बोगस वोटिंग का होना, मतदाता के नाम पर मतदान पहले ही हो जाना. मतदाता का नाम मतदान लिस्ट से कट जाना. इसमें मतदाता लिस्ट में नाम न होने पर आप मतदान नहीं कर सकते. आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले ही चुनाव आयोग मतदाता सूची को ठीक करता है. उसमें नाम कट जाते हैं, तो जोड़े भी जाते हैं. लेकिन इसके बाद भी आप नाम नहीं जुड़वा सके हैं, तो फिर अगले कुछ समय तक आपको इंतजार करना होगा. और सही समय पर अपना नाम मतदाना सूची में शामिल करवाना होगा. जो कुछ आसान सी शर्तों को पूरा करने के बाद जुड़ जाता है.
बोगस वोटिंग गैरकानूनी
अब बात करते हैं दूसरी समस्या यानी बोगस वोटिंग की. बोगस वोटिंग गैरकानूनी है. अगर आप मतदाता सूची में नाम न होने पर भी वोटिंग की कोशिश करते पकड़े जाते हैं, तो आपको सीधे जेल भेज दिया जाता है. इसमें तय प्रक्रिया के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है. ऐसे में बोगस वोटिंग का ख्याल गलती से भी मन में न लाएं. इसके अलावा अगर कहीं बोगस वोटिंग की खबर मिलती है, तो उसकी तुरंत शिकायत करें. वीवीपैट से लेकर अन्य तरीकों से कुल पड़े वोटों का मिलान कर लिया जाता है. इसमें अंतर पाए जाने पर उस बूथ पर फिर से वोटिंग कराई जाती है.
अगर किसी ने आपकी जगह वोट डाल दिया तो?
अगर ये समस्या आपके साथ होती है, तो आप घबराएं नहीं. अपने वैध पहचान पत्र और वोटिंग लिस्ट में नाम के साथ आप पीठासीन अधिकारी से शिकायत करें. इसके लिए चुनाव आयोग ने टेंडर वोट की व्यवस्था की है. इस नियम में आप पहले के पड़े वोट को चुनौती दे सकते हैं. आप पीठासीन अधिकारी के पास जाएंगे तो वो आपके कागजात की जांच करेगा. आपका दावा सही पाया जाता है, तो वो बैलेट पेपर के जरिए आपका टेंडर वोट डलवा देता. ऐसे में आपको निराश होकर घर लौटने की जगह बोगस वोटिंग को चुनौती देना चाहिए. अगर किसी बूथ पर बोगस वोटिंग की ज्यादा शिकायत आती है, तो पीठासीन अधिकारी बूथ की वोटिंग को निरस्त करने की कार्रवाई के लिए पत्र लिखेगा और उस बूथ पर दोबारा वोटिंग कराई जाएगी.
HIGHLIGHTS
- भारत में मतदान की प्रक्रिया बन चुकी है आसान
- किसी और ने डाल दिया वोट, तो भी आप कर सकते हैं वोटिंग
- बोगस वोटिंग की कोशिश में जाना पड़ेगा जेल
Source : Shravan Shukla