Advertisment

Labour Day 2023: इतिहास; महत्व और इसे क्यों मनाया जाता है, जानें इसके बारे में सब कुछ

Labour Day 2023: मजदूरों और कामगारों की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में हर साल 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Labour

1 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मजदूरों (Labour) और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करने और उन्हें अपने अधिकारों (Rights) के प्रति जागरूक कर प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है. इसे लोकप्रिय रूप से 'मई दिवस' के रूप में जाना जाता है. इसकी उत्पत्ति 19 वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में श्रमिक संघ आंदोलन में हुई, जिन्होंने एक दिन आठ घंटे काम (Working Hours) को लेकर आंदोलन छेड़ा था. श्रम दिवस की शुरुआत एक अवधारणा के साथ हुई थी जिसने आठ घंटे के आंदोलन की शुरुआत की थी और इस प्रकार श्रम के लिए आठ घंटे, मनोरंजन के लिए आठ घंटे और आराम के लिए आठ घंटे के कार्यक्रम को बढ़ावा दिया था.

मजदूर दिवस 2023: इतिहास और महत्व
पहला मई दिवस समारोह 1 मई 1890 को पेरिस फ्रांस में मनाया गया. 14 जुलाई 1889 को यूरोप में समाजवादी दलों के पहले अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय एकता और एकजुटता के श्रमिक दिवस के रूप में समर्पित करने की घोषणा की गई थी. न्यूयॉर्क श्रम दिवस को मान्यता देने वाला बिल पेश करने वाला पहला राज्य था, जबकि ओरेगन 21 फरवरी 1887 को इस पर एक कानून पारित करने वाला पहला राज्य था. बाद में 1889 में मार्क्सवादी अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के लिए एक प्रस्ताव अपनाया जिसमें उन्होंने मांग की कि श्रमिकों से दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाना चाहिए. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि एक मई को अवकाश घोषित किया जाएगा और इसे अंतरराष्ट्रीय श्रम दिव के रूप में जाना जाएगा.

यह भी पढ़ेंः Weather Update: आखिर इस गर्मी में गर्मी महसूस क्यों नहीं हो रही! मई में भी राहत, जानें हो रही बारिश के कारण

भारत में मजदूर दिवस
भारत ने 1 मई 1923 को चेन्नई में मजदूर दिवस मनाना शुरू किया. भारत में इसे 'कामगार दिवस', 'कामगार दिन' और 'अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस' के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन को पहली बार लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा मनाया गया था और इसे देश में राष्ट्रीय अवकाश माना जाता है. श्रम या मई दिवस को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जिनमें कामगार दिन (हिंदी), कर्मिकारा दिनचारणे (कन्नड़), कर्मिका दिनोत्सवम (तेलुगु), कामगार दिवस (मराठी), उझिपलार दिनम (तमिल), थोझिलाली दिनम (मलयालम) शामिल हैं। और श्रोमिक दिबोश (बंगाली).

यह भी पढ़ेंः ज्योतिष Aaj Ka Rashifal, 01 May 2023 : कुंभ राशि वालों को होगा धन लाभ, जानें कैसा रहेगा आज आपका दिन

मजदूर दिवस समारोह
इस दिन दुनिया भर के लोग श्रमिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए मार्च और विरोध प्रदर्शन करके इस दिन को मनाते हैं. जागरूकता फैलाने के लिए कई देशों में इस दिन को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया जाता है.

HIGHLIGHTS

  • दुनिया भर में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है
  • भारत ने 1 मई 1923 को चेन्नई में मजदूर दिवस मनाना शुरू किया
  • पहली बार लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा मनाया गया
International Labour day Labour Day INDIA America अधिकार कार्य घंटे rights मजदूर दिवस Working Hours
Advertisment
Advertisment
Advertisment