एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) के निर्देश के बावजूद दिल्ली में वायू प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर है और हालात बदलता नहीं दिख रहा है। लेकिन क्या आपको पता है स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त वातावरण हम सब का क़ानूनी हक़ भी है और कर्तव्य भी।
प्रदूषण की वजह से आम लोगों और बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है यानी कि उनसे जीने का हक़ छीना जा रहा है। स्वच्छ हवा पाने का अधिकार हम सबको जीवन जीने के अधिकार के तहत मिला है।
वायु प्रदूषण और इसकी रोकथाम के लिए वायु (प्रदूषण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 बनाया गया है।
इसकी प्रस्तावना में कहा गया है, 'इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु समुचित कदम उठाना है। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में वायु की गुणवत्ता और वायु प्रदूषण का नियंत्रण दोनों शामिल है।'
इस अधिनियम के तहत सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) को मोटर-गाड़ियों और कारखानों से निकलने वाले धुएं और गंदगी का स्तर निर्धारित करने के लिए फ़ैसला लेने का अधिकार दिया गया है।
जानें अपने अधिकार: संविधान हर नागरिक को उपलब्ध कराता है धर्म की आज़ादी
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों के तहत हर नागरिक से अपेक्षा की जाती है कि वे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान देंगे।
संविधान का अनुच्छेद 48-A कहता है कि राज्य पर्यावरण संरक्षण व उसको बढ़ावा देने का काम करेंगे और देशभर में जंगलों व वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे।
अनुच्छेद 51 A (g) कहता है कि जंगल, तालाब, नदियां, वन्यजीव सहित सभी तरह की प्राकृतिक पर्यावरण संबंधित चीजों की रक्षा करना व उनको बढ़ावा देना हर भारतीय का कर्तव्य होगा।
जानें अपने अधिकार: बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की ज़िम्मेदारी
अनुच्छेद 21, 14 और 19 को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयोग में लाया जा चुका है।
संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वस्थ वातावरण में जीवन जीने के अधिकार को पहली बार उस समय मान्यता दी गई थी, जब रूरल लिटिगेसन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र बनाम राज्य, AIR 1988 SC 2187 (देहरादून खदान केस के रूप में प्रसिद्ध) केस सामने आया था।
यह भारत में अपनी तरह का पहला मामला था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत पर्यावरण व पर्यावरण संतुलन संबंधी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में खनन (गैरकानूनी खनन ) को रोकने के निर्देश दिए थे।
जानें अपने अधिकार: हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना सरकार की है ज़िम्मेदारी
Source : Deepak Singh Svaroci