राजस्थान (Rajasthan) में वर्ष 2000 से 2019 के बीच कुल 27 उप-चुनाव हो चुके हैं. चार विधायकों की मौत हो जाने के कारण खाली पड़ी सीटों के लिए इस वर्ष मार्च में उप चुनाव होने वाले हैं. इसके परिणामस्वरूप विगत दो दशकों में राजस्थान में होने वाले कुल उप-चुनावों की संख्या 31 हो गई है. बीजेपी ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से आग्रह किया कि एसी (एयर कंडीशनर) से निकलने वाली गैस का रुख श्मशान की ओर नहीं होना चाहिए. जब भाजपा सत्ता में थी तो यहां कलश रखी गई थी जिसे कांग्रेस के शासन में हटा दिया गया और फिर मौतों का सिलसिला शुरू हो गया.
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नए विधानसभा भवन में वास्तु दोष
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक ज्ञानचंद आहूजा ने कहा है कि 2001 में राजस्थान विधानसभा को नए भवन में स्थानांतरित किए जाने के बाद से ही इसमें सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. उन्होंने राज्य में उप-चुनावों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के उद्देश्य से विधानसभा परिसर में हवन, कीर्तन और पूजन कराने का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया है. आहूजा रामगढ़ से भाजपा के विधायक रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन 20 वर्षो में कम से कम 200 विधायक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. इनमें से कुछ की मौत हो गई तो कुछ को जेल हो गई. कुछ जो भाग्यशाली रहे, वे सांसद बन गए और इस कारण उनकी सीटें खाली हो गईं.
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बीते चार महीनों में चार विधायकों की मौत
विगत चार महीनों में राजस्थान में चार विधायकों की मौत हो गई. पिछले साल अक्टूबर में कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी गुजर गए. नवंबर में भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी भी चल बसीं. दिसंबर में कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल का स्वर्गवास हो गया, जबकि इस साल जनवरी में गजेन्द्र सिंह का देहांत हो गया. आहूजा ने कहा कि जब से असेंबली को नई इमारत में शिफ्ट किया गया है तब से 200 विधायक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह कोई सामान्य बात नहीं है. विधानसभा के शुद्धिकरण के लिए पूजा-कीर्तन महत्वपूर्ण है. विधानसभा के समीप ही एक श्मशान है और इसके कारण यहां वास्तु-दोष है.