देश की राजनीति में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर उठ रहा है. चर्चा है कि आखिर कांग्रेस इन सीटों पर किसे उतारने जा रही है. नामांकन के लिए अब सिर्फ 48 घंटे का समय बचा है. यहां नामांकन की आखिरी तारीख 3 मई है और पांचवें चरण में 20 मई को यहां मतदान होगा. ऐसे में सियासी गलियारों में हर कोई यह जानना चाह रहा है कि आखिर कौन यहां से चुनावी मैदान में ताल ठेकेगा. क्योंकि ये दोनों सीटें गांधी परिवार की परंपरागत सीट हैं. गांधी परिवार ही इन सीटों पर ही अपना उम्मीदवार उतारता आया है. वैसे चर्चा है कि नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीटों से कांग्रेस राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को आगे कर सकती है, लेकिन पार्टी अभी तक नामों का ऐलान नहीं कर पाई है. ऐसे में अमेठी-रायबरेली सीट पर अभी सस्पेंस बरकरार. दोनों सीटों पर कांग्रेस क्या फैसला लेगी. इसपर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा भी रायबरेली में इस लड़ाई को गांधी बनाम गांधी करने की तैयारी कर रही है, पार्टी पीलीभीत से निवर्तमान भाजपा सांसद वरुण गांधी के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है.
दरअसल, अमेठी और रायबरेली कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट हैं. पिछले चुनाव यानी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हुआ था. हालांकि, राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए थे. वहीं, वायनाड से लोकसभा का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. वहीं, रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की और ये सीट कांग्रेस की ही बनी रही. इस बार यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद चली गईं.
सोनिया गांधी के राज्यसभा पहुंचने से खाली हुई सीट
सोनिया गांधी के राज्यसभा पहुंचने के बाद से रायबरेली सीट पर सस्पेंस के बादल मडराने लगे और ये सवाल सामने आने लगा कि कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट से कौन चुनाव लड़ेगा. राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी हो रही है कि प्रियंका गांधी इस सीट से ताल ठोक सकती हैं. हालांकि अभी तक पार्टी ने इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है.
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अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा
वहीं अमेठी का सस्पेंस साल 2019 के चुनावी नतीजों के बाद से ही बनना शुरू हो गया था. तभी से चर्चा हो रही थी की क्या राहुल गांधी अगले यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या वायनाड को ही अपना नया गढ़ बनाएंगे? ये चर्चा 2024 की चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद से बढ़ती जा रही है. अभी तक कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ से अमेठी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
रायबरेली-अमेठी कांग्रेस का गढ़
दरअसल, रायरबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. 1952, 1957 में इस सीट से राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी और 1967, 1971, और 1980 में दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रतिनिधित्व किया था. उसके बाद 2004 से 2019 तक राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतती आई हैं. सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद इस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी को पार्टी उतार सकती है. अगर प्रियंका यहां से चुनाव लड़ती हैं तो यह उनका पहला चुनाव होगा. 2019 में अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिकस्त दी थी. ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ा रिस्क है कि अगर दोनों नेता कसौटी पर खरे नहीं उतरते तो पार्टी और गांधी परिवार की साख दांव पर लग सकती है. इस बार रायबरेली और अमेठी की लड़ाई आसान नहीं है.
Source : प्रशांत झा