पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर गतिरोध अभी तक जारी है. इमरान सरकार और सेना के बीच आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर कई दिनों से रार चल रही है. इमरान खान की सरकार औऱ सेना के बीच यह दिखाने की कोशिश चल रही है कि आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर सबकुछ ठीक चल रहा है, लेकिन इस बीच आईएसआई प्रमुख की घोषणा के बाद से एक बार फिर सरकार खुद को असहाय दिख रही है. ट्रू साइक्लोन के अनुसार, इस पूरे मुद्दे पर इमरान सरकार खुद को कमजोर पा रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सेना को इमरान सरकार के कामकाज के तरीके पसंद नहीं आ रहे हैं.
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ट्रू साइक्लोन की रिपोर्ट को मानें तो इमरान इस पद पर अपने ऐसे किसी खास व्यक्ति को बिठाना चाहते हैं जो उनकी नीतियों को समझतें हों. खासतौर से भारत को लेकर जो दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी नीतियों को आगे बढ़ा सके. गौरतलब है कि हाल ही में सेना के कुछ वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों का तबादला किया गया है. एक तरफ जहां इमरान खान चाहते है कि फैज हामिद को अभी खुफिया एजेंसी का प्रमुख बने रहने दिया जाना चाहिए, तो वहीं दूसरी तरफ सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा इस मसले पर सरकार को ही चुप रहने की हिदायत दे रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार को सेना के अंदरुणी मामलों में दखल नहीं देनी चाहिए. हालांकि इस पद के लिए अब लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के नाम को अंतिम माना जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर गतिरोध जारी
- पिछले कई दिनों से सेना और सरकार के बीच चल रही रार
- पिछले कुछ दिनों से इमरान सरकार खुद को असहाय दिख रही