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तिरंगे की ऊंचाई के आगे बौनी हो गईं बर्फ से ढंकी चोटियां, ट्रेनों में भी बजा राष्‍ट्रगान

आइए हम कुछ ऐसी ही तस्‍वीरों के जरिए आपको रूबरू कराते हैं कि देश कैसे मनाया गया अपना 70वां गणतंत्र दिवस.

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Drigraj Madheshia
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तिरंगे की ऊंचाई के आगे बौनी हो गईं बर्फ से ढंकी चोटियां, ट्रेनों में भी बजा राष्‍ट्रगान

लद्दाख में इंडो-तिब्‍बत सीमा पुलिस के जवानों ने 18,000 फीट की ऊंचाई और -30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान के

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यदि दिल में देश की प्रति कुछ करने की भावना हो तो कोई उसे रोक नहीं सकता. 26 जनवरी को बर्फ से ढंकी चोटियां हों या इमरावती नदी का किनारा. या फिर चलती ट्रेन. अपने तिरंगे के प्रति सम्‍मान प्रकट करने के लिए न तो मौसम की दुश्‍वारियां रोक पाईं और न ही नक्‍सलियों की धमकियां. आइए हम कुछ ऐसी ही तस्‍वीरों के जरिए आपको रूबरू कराते हैं कि देश कैसे मनाया गया अपना 70वां गणतंत्र दिवस.

लद्दाख में इंडो-तिब्‍बत सीमा पुलिस के जवानों ने 18,000 फीट की ऊंचाई और -30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान के बीच बर्फ से ढंकी चोटियों पर तिरंगे को सलामी दी.वहीं उत्तराखंड में आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) ने चमोली जिले के औली में समुद्र तल से 9000 फीट ऊंचाई पर तिरंगा फहराया।

जबलपुर में यात्रा के दौरान नर्मदा एक्लप्रेस ट्रेन के अंदर लोगों ने देश के प्रति शहीदों के योगदान को याद किया. यात्रियों ने ट्रेन के भीतर ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान गया.

ओडिशा के पुरी में  Sand artist Sudarshan Pattnaik's ने अपने तरीके से मनाया गणतंत्र दिवस.

जब पूरा देश गणतंत्र दिवस के उल्‍लास में डूबा हो तो साधु संत इसमें पीछे क्‍यों रहें. उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे कुंभ में भी साधु संतों ने तिरंगा फहराया.

छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर में इंदरावती नदि के किनारे झंडारोहण किया गया वह तब जब नक्‍सलियों ने चुनौती दे रखी थी.

Source : News Nation Bureau

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