कोरोना वायरस (Corona virus) की दूसरी लहर में बहुत तेजी से और बड़ी संख्या में सक्रमण फैल रहे हैं. इस बार के संक्रमण की खास बात यह है कि इनमें पूर्व लाक्षणिक संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो एक चिंता की बात है. अमेरिका (America) के विशेषज्ञ का कहना है कि चूंकि 60 प्रतिशत तक संक्रमण के मामले पूर्व लाक्षणिक हैं, इस लिहाज से सभी को संक्रमित मान लेना चाहिए. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोरोलाडो बोउल्डर और कोऑपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायर्नमेंटल साइंसेस में कैमिस्ट जोस लुइस जिमिनेज ने चिंता जाहिर की है कि इस बार जो संक्रमण हो रहे हैं उनमें से 30 से 59 प्रतिशत पूर्व लाक्षणिक संक्रमितों से आ रहे हैं ना कि अलाक्षणिकों संक्रमितों से और यही चिंता का विषय है.
छह विशेषज्ञों में शामिल
जिमिनेज उन छह विशेषज्ञों में शामिल हैं जिनका आंकलन हाल ही में मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित हुआ है जिसमें कहा गया है कि इस बात के पक्के प्रमाण मिल रहे हैं कि कोविड-19 हवा से फैल रहा है. जिमिनेज से बताया कि पूर्व लाक्षणिक लोग वे होते हैं जो वायरस को तो फैलाते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि वे खुद संक्रमित है, इतना ही नहीं दूसरे भी नहीं समझ पाते कि वे संक्रमित हैं.
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पूर्व लाक्षणिक संक्रमित
जिमिनेज ने बताया कि इस तरह के लोग ना तो खांस रहे हैं ना ही छींक हैं वे अपनी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. वे काम कर रहे हैं, अपने परिवार से मिल रहे हैं और वे खरीददारी कर रहे हैं, लेकिन वे संक्रमित हैं और वे वायरस को फैला रहे हैं. इससे निपटने का एक ही तरीका है कि आप सभी लोगों को संक्रमित मान कर चले और यह भी मानें कि जो भी आपके सामने आएगा वह संक्रमित है.
तीन कारणों से महामारी
हम सब आज इस महामारी में क्यों हैं जिमिनेज इसके तीन कारण बताते हैं. पहला किसी में इसके प्रतिरोध की क्षमता नहीं है. दूसरा यह हवा से पैदा होता है इसलिए यह आसानी से फैलता है. और तीसरी वजह है इसका बिना लक्षणों वाले लोगों से संक्रमण फैल रहा है जिन्हें पूर्व लाक्षणिक या प्री सिम्प्टोमैटिक कहा जाता है.
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अहम है पूर्व लाक्षणिक संक्रमण
सार्स कोव-1 और सार्स कोव-2 महामारी में दो समानताएं हैं. साल 2003 में फैला सार्स कोव-1 भी हवा से फैलता था और इसके प्रति हममें कोई प्रतिरोधी क्षमता नहीं थी. लेकिन यह पूर्व लाक्षणिक तौर से नहीं फैलता था. यह केवल उन लोगों से फैलता था जो बहुत बीमार थे इसलिए उनकी पहचान आसान थी जिससे उन्हें आइसोलेट किया जा सका. सार्स कोव-1 के केवल 9 हजार मामले थे लेकिन आज लाखों संक्रमित मामले हमारे सामने हैं. जिमिनेज इसीलिए पूर्व लाक्षणिक संक्रमण को इतना अहम मानते हैं.
डिसइन्फेक्शन से कुछ नहीं होता
जिमिनेज अपने दलील के लिए अमेरिका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का हवाला देते हैं जिसने कहा है कि यह संभव है कि संपर्क और संक्रमित सतहों के जरिए संक्रमित हो सकते हैं. सीडीसी का कहना था कि कि इसका जोखिम कम है. लेकिन जिमिनेज का कहना है कि सतह को डिसइन्फेक्ट करने से कुछ हासिल नहीं होता. जिमिनेज का यह भी कहना है कि ड्रॉपलेट संक्रमण के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. वास्तव में ड्रॉपले संक्रमण चिकित्सा के इतिहास में कभी सीधे प्रदर्शित नहीं किया गया. जिमिनेज ने जोर दिया कि कोविड-19 शुरू से ही हवा में फैलना वाला संक्रमण था. जिमिनेज के दावों की ना तो सीधे पुष्टि हो सकती है और ना ही उसे सीधे खारिज किया जा सकता है क्योंकि यह तो सच है ही कि कोविड-19 के लक्षण बदलने के साथ संक्रमण बहुत तेज हो गया है.
HIGHLIGHTS
- पूर्व लाक्षणिक संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा
- किसी में इस संक्रमण के प्रतिरोध की क्षमता नहीं
- क्षण बदलने के साथ संक्रमण बहुत तेज हो गया