Advertisment

Ramzan के महीने 250 गुना मुद्रास्फीति से महंगाई की मार से जूझ रहे पाकिस्तानियों की जेब और कटी

खजूर (Dates) 1068 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो तक में बेचे जा रहे हैं, जिसे खरीदना असंख्य पाकिस्तानी परिवारों के वश की बात नहीं है. गौरतलब है कि दुनिया भर में रमजान के महीने हर दिन इफ्तार के लिए खजूर का सेवन बेहद आम है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Pakistan Inflation

रमजान के दिनों इफ्तार के लिए खजूर खरीदना तक हुआ मुहाल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

आर्थिक पतन की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान  (Pakistan) में बढ़ती महंगाई ने रमजान के उत्साह को फीका कर दिया है. आलम यह है कि रमजान  (Ramzan) के पवित्र महीने में खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों ने कई लोगों का सरकार पर से विश्वास हिला दिया है. देश में बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) ने इस साल पाकिस्तानियों को विशेष रूप से मुश्किल में डाला है. देश में बढ़ती महंगाई ने इबादत और लजीज पकवानों के त्योहार रमजान पर पानी फेर दिया है. पिछले वर्षों की तुलना में रमजान के महीने में रीति-रवायतों के साथ शामिल होना इस साल कई लोगों के लिए बहुत महंगा साबित हो रहा है. डीडब्ल्यू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार खजूर (Dates) 1068 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो तक में बेचे जा रहे हैं, जिसे खरीदना असंख्य पाकिस्तानी परिवारों के वश की बात नहीं है. गौरतलब है कि दुनिया भर में रमजान के महीने हर दिन इफ्तार के लिए खजूर का सेवन बेहद आम है.

बीते साल 200 पाकिस्तानी रुपये किलो की चीज इस साल 500 पीआर में
बढ़ती मुद्रास्फीति से त्रस्त पाकिस्तान के एक आम बाशिंदे के मुताबिक, 'महंगाई इतनी बढ़ गई है कि पिछले साल 200 पाकिस्तानी रुपए प्रति किलो बिकने वाली चीजें अब 500 पाकिस्तानी रुपए किलो हो गई हैं. साथ ही पेट्रोल, बस का किराया, घर का किराया और दूसरे खर्चे भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. ऐसे में हम क्या करें?' डीडब्ल्यू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 'ऊंची कीमतों का मतलब है कि कई लोग थोक बाजारों में सौदेबाजी करने के लिए दूर तलक यात्रा करते हैं.' गौरतलब है कि 23 मार्च को समाप्त हुई सात दिनों की अवधि के दौरान गेहूं के आटे की सर्वकालिक उच्च कीमत ने पाकिस्तान में साप्ताहिक मुद्रास्फीति को सप्ताह-दर-सप्ताह दर 1.80 प्रतिशत और वर्ष-दर-वर्ष 46.65 प्रतिशत बढ़ा दी है, जो आगे और भी कठिन समय की ओर इशारा करती है.

यह भी पढ़ेंः चीन और पाकिस्तान के लिए काल बनेगा अंजी ब्रिज, रेलवे का मेगा प्रोजेक्ट बनकर तैयार

पीबीएस के आंकड़े भी डरा रहे
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों ने संवेदनशील मूल्य संकेतक में वृद्धि के लिए टमाटर (71.77 फीसद), गेहूं का आटा (42.32 फीसद), आलू (11.47 फीसद), केले (11.07 फीसद), चाय (7.34 फीसद), जॉर्जेट (2.11 फीसद), लॉन (1.77 फीसद), लंबा कपड़ा (1.58 फीसद), पल्स मैश (1.57 फीसद), तैयार चाय (1.32 फीसद) और गुड़ (1.03 फीसद) की कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया. जियो न्यूज की रिपोर्ट में पीबीएस ने खाना पकाने का तेल 5 लीटर (0.21 फीसद), दाल मूंग (0.17फीसद), दाल मसूर (0.15 फीसद) और अंडे (0.03 फीसद), चिकन (8.14 फीसद), मिर्च पाउडर (2.31 फीसद),  एलपीजी (1.31 फीसद), सरसों का तेल और लहसुन (1.19 फीसद), दाल चना और प्याज (1.06 फीसद), वनस्पति घी की कीमतों में कमी दर्ज की है. 

एसपीआई भी बीते साल के मुकाबले जबर्दस्त स्तर पर
समीक्षाधीन सप्ताह के लिए एसपीआई इस साल पिछले सप्ताह 246.22 अंक के मुकाबले 250.66 अंक दर्ज किया गया. 24 मार्च 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान यह दर 170.92 अंक थी. एक महिला ने त्रासद शब्दों में कहा,  'इस साल महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है. इस महंगाई में एक गरीब आदमी क्या करेगा? मैं खुद एक कामकाजी महिला हूं. दूसरों के घरों में काम करती हूं. मेरे जैसे लोग क्या कर सकते हैं?.' पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. महंगाई 30 फीसदी से ज्यादा हो गई है. पाकिस्तानी सरकार आमतौर पर रमजान के महीने में राहत पैकेज देती है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी झेल रही सरकार के पास देने के लिए लगभग कुछ नहीं है.

यह भी पढ़ेंः Rahul Disqualification: राहुल गांधी का समर्थन कर रो खन्ना ने छेड़ा मधुमक्खियों का छत्ता

आईएमएफ ने भी बेलआउट पैकेज के लिए रखीं कड़ी शर्तें
जियो न्यूज को इस्माइल इकबाल सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख फहद रऊफ ने बताया, 'गेहूं की कीमत में वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण सब्सिडी तंत्र में बदलाव है. सरकार अब सामान्य सब्सिडी से बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (बीआईएसपी) के माध्यम से चुनिंदा लोगों को सब्सिडी दे रही है.' विशेषज्ञों की मानें तो रमजान की शुरुआत के बाद हर गुजरते दिन के साथ खाद्य कीमतों में वृद्धि जारी रहेगी. दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस्लामाबाद को बेलआउट किश्त जारी करने के लिए अगला कदम उठाने से पहले बाहरी वित्तपोषण आश्वासन प्रदान करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि पाकिस्तान और आईएमएफ फरवरी की शुरुआत से बेलआउट पैकेज पर समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. आईएमएफ को 220 मिलियन आबादी वाले नकदी-संकट, परमाणु-सशस्त्र और तरलता की गंभीर चुनौती झेल रहे पाकिस्तान को 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करने हैं.

HIGHLIGHTS

  • महंगाई ने इबादत और लजीज पकवानों के त्योहार रमजान पर पानी फेरा
  • रमजान में खजूर 1068 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो तक में बेचे जा रहे हैं
  • खाद्य मुद्रास्फीति आगे और भी बेहद कठिन समय की ओर इशारा करती है
पाकिस्तान यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 Pakistan Economic Crisis food inflation Dates Bankrupt Pakistan Ramzan 2023 Pakistani Feel Inflation Pinch पाकिस्तान आर्थिक संकट कंगाल पाकिस्तान खजूर
Advertisment
Advertisment