Advertisment

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे बोले-अग्निपथ से नहीं है समाज के सैन्यीकरण का खतरा

सेना प्रमुख ने इस आशंका को भी खारिज कर दिया कि इस योजना से “समाज का सैन्यीकरण” होगा.

author-image
Pradeep Singh
New Update
Gen Manoj Pande

जन. मनोज पांडे, सेनाध्यक्ष( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अग्निपथ योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है, लेकिन यदि आवश्यक समझा गया तो भविष्य में सकारात्मक बदलावों पर विचार किया जा सकता है. जनरल पांडे ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि अग्निवीरों के लिए नौकरी में आरक्षण और एकमुश्त उम्र में छूट एक जान-बूझकर किया गया. उन्होंने कहा कि जब 24 जून को इस योजना की घोषणा की गई थी, तो व्यापक रूपरेखा साझा की गई थी और अगले कुछ दिनों में बारीक विवरण की घोषणा की गई थी.

अग्निपथ योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को थल सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती किया जाएगा, जिसमें से 25% को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. अकेले इस वर्ष के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 कर दिया गया है. सेना प्रमुख ने इस आशंका को भी खारिज कर दिया कि इस योजना से “समाज का सैन्यीकरण” होगा और कहा कि अग्निपथ कार्यकाल के बाद समाज में प्रवेश करने वाले अग्निपथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे.

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र की राजनीति में शाह और पवार के बीच शह-मात का खेल, जानें कौन बना मोहरा

उन्होंने अग्निवीर योजना पर कहा कि,  युवाओं के लिए सेना में भर्ती होने और समाज के लिए कुछ करने का यह सुनहरा अवसर है. दूसरा सवाल यह उठ रहा है कि चार साल बाद युवाओं के लिए इसमें क्या है. मेरे हिसाब से यह बहुत ही आकर्षक पैकेज है. एक सैनिक को मिलने वाला वेतन न केवल तुलनीय है बल्कि आकर्षक भी है. सेवा निधि पैकेज एक अनूठी विशेषता है जो युवाओं को एकमुश्त राशि प्रदान करेगी. यह एक अच्छी रकम है.

तीसरा, सेना में एक जवान को जो भत्ता मिलता है, वही अग्निवीर को भी मिलेगा. और अंत में, मृत्यु और विकलांगता के मामले में, पर्याप्त मुआवजे की व्यवस्था की गई है. एक और पहलू जो वित्तीय पहलू से अधिक महत्वपूर्ण है, वह यह है कि जब कोई व्यक्ति चार साल तक सेना से जुड़ा रहेगा और जब वह बाहर निकलेगा, तो उसके पास पर्याप्त योग्यता होगी और नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार कुछ क्रेडिट अंक अर्जित किए होंगे. हम उसे लैस करेंगे और वह सेना से अलग-अलग तरह की डिग्री या डिप्लोमा वाले एक बेहतर व्यक्ति के रूप में सामने आएगा. जनरल पांडे ने कहा कि  हमने घोषणाओं की एक श्रृंखला देखी है कि अग्निवीरों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी.

जनरल पांडे ने युवाओं को संदेश दिया है कि,  यह आपके लिए देश की सेवा करने और सेना में प्रवेश करने का एक सुनहरा अवसर है. हमने भर्ती प्रक्रियाओं की घोषणा कर दी है, इसलिए उन्हें भर्ती, शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी शुरू करनी चाहिए और अपनी ऊर्जा और ध्यान इस ओर केंद्रित करना चाहिए. और फिर, मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह योजना, उनके लिए, सेना और देश के लिए एक जीत की स्थिति है.

Agniveers Army Chief Gen Manoj Pande Indian Army Chief rolling back the Agnipath scheme militarization of society
Advertisment
Advertisment