माकपा की ओर से मेयर प्रत्याशी बनाई गई 21 वर्षीय छात्रा आर्या राजेंद्रन सबसे कम उम्र की मेयर बन गई हैं. आर्या राजेंद्रन बीएससी गणित की छात्रा हैं और पार्टी की छला क्षेत्र समिति की सदस्य हैं. पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि अब और शिक्षित महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में सामने आएंगी. पार्टी ने हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय चुनावों में 100 सदस्यीय परिषद में 51 सीटें जीती हैं. 35 सीटों के साथ भाजपा यहां मुख्य विपक्षी पार्टी है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 10 पार्षदों के साथ तीसरा स्थान मिला था. निगम में चार निर्दलीय पार्षद हैं.
आर्या राजेंद्रन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, 'यह पार्टी का निर्णय है और मैं इसका पालन करुंगी. चुनाव के दौरान लोग मुझे पसंद करते थे क्योंकि मैं एक छात्रा हूं और लोग अपने प्रतिनिधि के तौर पर एक शिक्षित व्यक्ति को चाहते थे. मैं अपनी शिक्षा जारी रखूंगी और मेयर के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करुंगी.' पार्टी की वरिष्ठ नेता जमीला श्रीधरन और दो अन्य भी इस रेस में थे, लेकिन पार्टी ने सबसे युवा नेता को इसके लिए चुनकर हर किसी को हैरान कर दिया.
आर्या राजेंद्रन को शुरू में लगा कि यह उनके कॉलेज के कुछ दोस्तों द्वारा किया गया प्रैंक है लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिवालय ने खुद फोनकर आर्या को बताया कि पार्टी में उन्हें एक प्रतिष्ठित पद सौंपा जा रहा है. सीपीआई-एम की ओर से उन्हें बताया गया कि वह तिरुवनंतपुरम निगम की नई महापौर होंगी. एक मंजिल के मकान में रहने वाला आर्या का परिवार बेटी के महापौर चुने जाने के बाद से काफी खुश है. आर्या ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी का पद दिया है और वह उसे अच्छी तरह से निभाएंगी.
आर्या के लिए मेयर की कुर्सी भले ही नई हो लेकिन राजनीति से उनका गहरा नाता रहा है. आर्या 6 साल की उम्र में पार्टी से जुड़े बच्चों के संगठन बाला संगम की सदस्य बन गई थीं. आर्या अब इस संगठन की प्रदेश अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही वे स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, पार्टी की युवा शाखा के पदाधिकारी भी हैं. आर्या राजेंद्रन एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती है. आर्या के पिता राजेंद्रन एक इलेक्ट्रीशियन हैं जबकि मां श्रीलता राजेंद्रन एलआईसी की एजेंट हैं.
Source : News Nation Bureau