पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हिंसक झड़प के बाद चीनी सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने जिस तरह की धमकी कुछ समय पहले भारत को दी थी, अब जिनपिंग (Xi Jinping) प्रशासन ने उस पर अमल शुरू कर दिया है. उस धमकी के तहत अखबार ने कहा था कि भारत को एक साथ कई मोर्चों पर चीन या उसके दोस्तों से जूझना पड़ेगा. इस धमकी को अमल में लाते हुए चीन अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) की मदद से भारत के खिलाफ जैविक युद्ध (Bilogical War) छेड़ने की नापाक साजिश रच रहा है. इस साजिश का केंद्र उसने पाकिस्तान को ही बनाया है, जहां भारत के खिलाफ बतौर हथियार इस्तेमाल में लाए जाने वाले खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस और अन्य जीवाणुओं पर रिसर्च की जा रही है.
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भारत समेत पश्चिमी देश निशाने पर
खुफिया इनपुट्स से पता चला है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत और पश्चिमी देशों के खिलाफ बायोलिजकल वॉरफेयर यानी जैविक युद्ध की साजिश रच रहे हैं. दोनों देशों ने इसके लिए तीन साल का गुप्त समझौता किया है. यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. इसमें कहा गया है कि साजिश के तहत एंथ्रेक्स जैसे खतरनाक वायरस पर काम किया जाना है. इस बारे में खुफिया जानकारी मिल चुकी है. रिपोर्ट में किए गए दावों में दम नजर आता है. दरअसल, कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला है और अमेरिका के पास इसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
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खुद बचने के लिए पाकिस्तान में बनाई लैब
यह अब कोई छिपी बात नहीं है कि चीन के वुहान में कोरोना वायरस सबसे पहले फैलना शुरू हुआ था. पश्चिमी देशों की ओर से दावा किया गया कि वुहान स्थित वायरॉलजी लैब से वायरस लीक हुआ है लेकिन चीन इस बात को नकारता रहा. अब ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि चीन दुनिया की नजरें खुद से हटाकर जैविक युद्ध के लिए पाकिस्तान को केंद्र बना रहा है. इसके लिए दोनों देशों के बीच सीक्रेट समझौता हुआ है जिसके तहत चीन पाकिस्तान में खतरनाक बैक्टीरिया, वायरसों और दूसरे जीवाणुओं पर रिसर्च करने में मदद कर रहा है. इस रिपोर्ट में ऐंथनी क्लैन ने कहा है कि वुहान लैब ने पाकिस्तान की मिलिट्री डिफेंस साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन के साथ उभरती संक्रामक बीमारियों पर रिसर्च और संक्रामक बीमारियों के जैविक नियंत्रण के लिए समझौता किया है.
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आर्थिक से लेकर वैज्ञानिक मदद तक की
क्लैक्सऑन के मुताबिक चीन अपनी सीमा से बाहर ऐसी परियोजनाओं पर काम करना चाहता है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर आने से बच सके. इसी साजिश के तहत वुहान लैब ने पाकिस्तान को वित्तीय और साइंटिफिक रिपोर्ट भी दी है और सामान भी दिया है. प्रोग्राम को चीन पूरी तरह से आर्थिक मदद कर रहा है. एक एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया है कि भारतीय और पश्चिमी इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि चीन इससे इसलिए जुड़ा है ताकि भारत और पाकिस्तान को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा सके. चीन यह भी चाहता है कि खतरनाक बायो केमिकल रिसर्च के लिए पाकिस्तान को केंद्र की तरह पेश कर सके और खुद किसी आलोचना से बच सके.
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घातक बैक्टीरिया पर काम
एक सीनियर इंटेलिजेंस सूत्र के मुताबिक बायॉलजिकल हथियारों के प्रोग्राम के तहत एंथ्रैक्स से जुड़े रिसर्च प्रोजेक्ट में शामिल रहा है. एंथ्रैक्स को एक बायोलॉजिकल वॉरफेयर एजेंट माना जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और पाकिस्तान ने बैकिल्स थुरिंगजैनेसिस को आइसोलेट करने का सफल टेस्ट किया है जो बैकिलुस एंथ्रैंकिस से मिलता-जुलता है. सूत्र के मुताबिक बीटी और एंथ्रैक्स के बीच समानता को देखते हुए यह माना जा सकता है कि पाकिस्तान की इस बैक्टीरिया को लेकर जानकारी से घातक बायॉलजिकल प्रोग्राम को मजबूती मिल सकती है.
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इस तरह पाकिस्तान हो जाएगा ताकतवर
वुहान लैब ने पाकिस्तान को बीटीके लिए केमिकल रीएजेंट्स दिए हैं. उसने पैथोजन्स और बायो-इन्फॉर्मेटिक्स पर पाकिस्तान के वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग भी दी है ताकि पाकिस्तान खुद का वायरस डाटाबेस तैयार कर सके. इंटेलिजेंस सूत्र के मुताबिक इससे पाकिस्तान खुद वायरसों को आइडेंटिफाई कर सकेगा, खतरनाक माइक्रोऑर्गेनिज्म पर काम कर सकेगा और जीनोमिक टूल्स का इस्तेमाल रिसर्च और संक्रामक बीमारियों पर कर सकेगा. हालांकि पाकिस्तान इस वायरस पर ऐसी लैब में काम कर रहा है जो बायो-सैफ्टी लेवल-4 से लैस नहीं हैं. चीन के ऊपर आरोप लगता रहा है कि वह डीएनए रिसर्च कर खास बायोलॉजिकल हथियार तैयार कर रहा है. वुहान इंस्टिट्यूट को लेकर भी दावा किया गया है कि उसने दक्षिण युन्नान प्रांत में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल बायोजी स्थापित किया है जहा बिना सुरक्षा उपायों के क्लास-4 की बीमारियों पर काम चल रहा है.
HIGHLIGHTS
- भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश के तहत साथ आए पाकिस्तान-चीन.
- पाकिस्तान ड्रैगन की मदद से कर रहा जैविक युद्ध की तैयारी.
- तीन साल की डील में पाकिस्तान तैयार करेगा खतरनाक वायरस.