कथित तौर पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के बाद कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रात की दरिम्यान इस कदर हिंसा भड़क उठी की कि पुलिस को हालात काबू करने के लिए गोली चलानी पड़ गई. जिसमें 3 लोगों की जान चली गई. उग्र भीड़ सब कुछ फूंक देने पर आमादी हो गई थी. उपद्रवियों को जो कुछ दिखाई दिया, उसे ही आग के हवाले कर दिया. सैकड़ों वाहनों को फूंक डाला. तमाम गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया. पहले भीड़ ने कांग्रेस के विधायक को निशाने पर लिया और उनके आवास पर जमकर पत्थरबाजी की. इसके बाद उग्र लोग पुलिस थाने पहुंच गए और जब बात नहीं बनी तो पुलिसवालों को भी निशाना बना डाला. भीड़ अनियंत्रित हो गई थी.
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शहर में केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के सामने बड़ी भीड़ नजर आई. वहीं अन्य हिंसक भीड़ ने डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन में घुसकर कुछ वाहनों और फर्नीचर की तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं, कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया. लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया. मजबूरन पुलिस को हाथ में बंदूक थामनी पड़ी और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली तक चलानी पड़ी. नतीजन पुलिस की गोली लगने से 3 लोगों की मौत हो गई. हालांकि एडिश्नल पुलिस कमिश्नर समेत 60 पुलिसकर्मी भी इस हिंसा में जख्मी हो गए.
और यह सब सिर्फ सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट के बाद शुरू हुआ. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. दरअसल, आरोप है कि कांग्रेस के विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे ने फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट किया था. उसने यह अपमानजनक पोस्ट कथित तौर पर पैगंबर को लेकर किया था, जिसकी प्रतिक्रिया में देर रात बेंगलुरु शहर का केजी हल्ली और डीजे हल्ली थाना इलाका दहल उठे. कांग्रेस विधायक के भतीजे की पैगंबर को लेकर अपमानजनक पोस्ट के बाद अल्पसंख्यक समुदाय का गुस्सा फूट पड़ा. सैकड़ों लोग इकट्ठे होकर देर रात ही बेंगलुरु के पुलकेशी नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक के आवास पर पहुंच गए और विधायक के घर पर जमकर पत्थर बरसाए.
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हिंसक भीड़ ने कांग्रेस विधायक अकांदा श्रीनिवास मूर्ति के घर के बाहर एकत्र होकर पोस्ट के खिलाफ नारेबाजी की और आगजनी भी की. लोग श्रीनिवास मूर्ति के रिश्तेदार नवीन की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. लोगों ने डीजे हल्ली, केजी हल्ली और पुलकेशी नगर में भी विरोध प्रदर्शन किया. बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर कमल पंत की मानें को पुलिस ऑफिसर ने उन्हें हालात समझाने की कोशिश की. उग्र भीड़ विधायक की तत्काल गिरफ्तारी और अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रही थी. जब उन्हें समझाया गया कि ये इस तरह से नहीं हो सकता तो लोग गुस्सा हो गए और पत्थरबाजी करने लगे.
माहौल इस कदर बिगड़ गए कि उपद्रवियों की भीड़ ने विधायक के घर में तोड़फोड़ करने के बाद कुछ हिस्सों में आग लगा दी. इससे विधायक के घर में और बाहर खड़ीं 30 से ज्यादा गाड़ियां जल गईं. दर्जनभर पुलिस वाहनों को भी भीड़ ने फूंक दिया. भीड़ कंट्रोल से बाहर हो गई थी. पुलिस के पास फायरिंग के अलावा कोई विकल्प बचा नहीं था. मसलन, हालात गंभीर होते देख पुलिस को आधी रात उपद्रवियों पर गोली चलाने की अनुमित दी गई. जिसका नतीजा यह रहा है कि 3 लोगों को मौत पुलिस की गोली लगने से हो गई. हिंसा में 60 पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए हैं.
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हिंसा के संबंध में 110 उपद्रवी गिरफ्तार किए गए हैं. आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने के आरोपी स्थानीय विधायक के भतीजे को गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल बेंगलुरु में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है और डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन की सीमा में कर्फ्यू है. पुलिस का दावा है कि अब हालात नियंत्रण में हैं.