Budget 2023 इस साल भी 1 फरवरी को पेश किया जाना है और देश भर की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पर टिकी है. लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) से पहले इस आखिरी पूर्णकालिक बजट को लेकर सभी क्षेत्रों समेत आम आदमी को भी भारी उम्मीदें हैं. ऐसे में रियल एस्टेट (Real Estate) क्षेत्र के शीर्ष निकाय राष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) ने बजट से पहले अपनी सिफारिशों से केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को अवगत कराया है. सरकार को दिए अपने ज्ञापन में नारेडको ने सुझाव दिया है कि यदि कुछ नियमों और कराधान ब्लॉकों को समाप्त कर दिया जाए, तो रियल एस्टेट उद्योग अधिक उत्पादक और विकसित हो सकता है. विशेष रूप से जब रियल एस्टेट ग्राहकों को फिर से आकर्षित करने के लिए ब्याज कटौती की उम्मीद में हैं. रियल एस्टेट के शीर्ष निकाय ने इसके साथ ही आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के कुछ वर्गों को संशोधित करने या हटाने की भी सिफारिश की है. इन सिफारिशों का मकसद व्यावसायिक संस्थाओं और व्यक्तिगत निवेशकों को रियल एस्टेट सरीखे कैपिटल इंसेटिव सेक्टर में निवेश करने को प्रोत्साहित किया जा सके. हालांकि शीर्ष निकाय ने अपनी सिफारिशों में प्रासंगिक आयकर अधिनियम के तहत संबंधित धाराओं का उल्लेख नहीं किया है.
आयकर अधिनियम की धारा 23(5) हटाने की सिफारिश
इसके अलावा शीर्ष अचल संपत्ति निकाय ने सरकार से आयकर अधिनियम की धारा 23 (5) को हटाने का आग्रह किया है, जो आवास से काल्पनिक किराये की आय से संबंधित है. नारेडको के प्रेसिडेंट राजन बंदेलकर ने कहा, 'डेवलपर्स को सेक्शन 23(5) के तहत नोशनल रेंटल इनकम पर टैक्स के बोझ से छूट दी जानी चाहिए.' इसके पीछे तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि नोशनल रेंट वसूलने का विचार भारत में रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने का विरोध करता है. गौरतलब है कि वर्ष 2022 प्रमुख महानगरों में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में वृद्धि से जुड़ी मजबूती के साथ समाप्त हुआ है. कोविड काल के बाद कमर्शियल लीजिंग में भी सुधार देखा गया है. ऐसे में रियल एस्टेट के शीर्ष निकाय ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार आयकर अधिनियम की धारा 24(बी) के तहत ब्याज कटौती की सीमा में वृद्धि पर विचार करे.
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रियल एस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा भी दिया जाए
नारेडको के प्रेसिडेंट राजन बंदेलकर कहते हैं, 'रियल एस्टेट में वृद्धि आगे भी जारी रखने के लिए उद्योग में विश्वास बढ़ाते उपायों को अपनाने की आवश्यकता है. इसमें धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के लिए उपलब्ध कटौती को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना शामिल है. इस तरह के प्रोत्साहन से मांग को बढ़ावा मिलेगा और देश में आवास की कमी भी पूरी की जा सकेगी.' गौरतलब है कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र कोविड-19 महामारी की वजह से भारी विपरीत परिस्थितियों का सामना कर संकट से बाहर आ रहा है. 2022 में रियल एस्टेट ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में आते वित्तीय वर्ष के लिए भी उमन्मीदें और परवान पर हैं. सदी में एक बार आने वाली महामारी के बीच रियल्टी क्षेत्र ने भी बढ़ती इनपुट लागत और उधार लेने की अपेक्षाकृत उच्च लागत को चालाकी से नियंत्रित किया गया है. इस गति को बरकरार रखने के लिए नारेडको के वाइस चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने सरकार को रियल एस्टेट उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने का सुझाव भी दिया है.
HIGHLIGHTS
- भारतीय रियल एस्टेट कोविड-19 महामारी का सामना कर संकट से बाहर आ रहा है
- धारा 24 (बी) के तहत होम लोन की उपलब्ध कटौती बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाए
- सेक्शन 23(5) के तहत नोशनल रेंटल इनकम पर टैक्स के बोझ से छूट भी मिलनी चाहिए