अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इस बार जो हालात बिगड़े हैं, शायद ही इससे पहले अमेरिका के इतिहास में ऐसा कुछ हुआ हो. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार और डेमोक्रेट जो बिडेन की जीत को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. नतीजा यह है कि उनके समर्थक अब हिंसा पर उतारू हो गए हैं. वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त बवाल खड़ा किया है.
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इतिहासकारों की मानें तो अमेरिका की संसद में इस वक्त हालात बिगड़े हैं, वैसे हालात ने कम से कम 200 साल में पहली बार यहां की संसद ने देखें हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैपिटल हिल हिस्टॉरिकल सोसायटी के डायरेक्टर ऑफ स्कॉलशिप ऐंड ऑपरेशन्स सैम्युअल हॉलिडे ने चैनल को बताया है कि 1812 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कैपिटल हिल में इस तरह दाखिल हुआ है. उस समय अगस्त 1814 में अंग्रेजों ने इमारत पर हमला किया था और बिल्डिंग के अंदर आग लगा दी थी.
हालांकि इस बार अमेरिका के लोकतंत्र पर बड़ा हमला हुआ है. दरअसल, कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी. इसके तहत जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर लगने की तैयारी थी. जिसको लेकर ट्रंप समर्थकों में गुस्सा था और विरोध में उन्होंने वाशिंगटन में मार्च निकाला. लेकिन तभी हजारों ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया. भारी सुरक्षा के बीच भी बवाल बढ़ता चला गया. देखते ही देखते सभी समर्थक कैपिटल हिल की ओर चल दिए.
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ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुस गए और यहां तोड़फोड़ की. सीनेटरों को बाहर कर यहां कब्जा कर लिया गया. उन्हें रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने इस दौरान लिए लाठीचार्ज किया और साथ ही आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया. लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें बाहर खदेड़ते हुए कैपिटल हिल को सुरक्षित किया. मगर इस हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है.
वाशिंगटन में इस हिंसा के बाद पब्लिक इमरजेंसी लगाई गई है. वाशिंगटन के मेयर के मुताबिक, इमरजेंसी को 15 दिन के लिए बढ़ाया गया है. हालांकि ऐसा नहीं है कि ट्रंप समर्थकों ने ऐसा पहली बार किया, इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं देखी गई है. लेकिन फिलहाल कैपिटल हिल में घुसकर इस बार सारी हदें पार कर दी गई है. इस घटना ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को हिला दिया है. अमेरिकी संसद पर हमले के बाद रिपब्लिकन नेता खुद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लग गए हैं.