बाल दिवस आता है तो सोशल मीडिया पर बच्चों की फोटो डालने वालों की बाढ़ सी आ जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में बचपन सुरक्षित नहीं रह गया है. देश के हर बड़े शहर के चौराहों पर आपको भीख मांगते बच्चे मिल जाएंगे. जानकारी के मुताबिक ये बच्चे अपनी मर्जी से भीख नहीं मांगते. इन्हें नशा सुंघाकर भीख मंगवाई जाती है. यदि हम वेस्ट यूपी की ही बात करें तो बच्चे गायब होने में पांचवां स्थान है. नौएडा, गाजियाबाद और मेरठ में दूसरे राज्यों से तस्करी कर बच्चे भी लाए जाते हैं. बचपन बचाओं संगठन के लोगों का मानना है कि वेस्ट यूपी में कई ऐसे तस्कर हैं जिनका जाल देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला है.
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रेलवे स्टेशन पर दी जाती है डिलीवरी
बचपन बचाओं आन्दोलन के सदस्यों के मुताबिक वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के अलावा बिहार में भी बाल तस्करों का जाल फैला है. जो विभिन्न राज्यों से बच्चों को बेचने के लिए लाते हैं. ग्राहक पहले से ही तैयार रहते हैं. रेलवे स्टेशन पर डिलवरी दी जाती है. पिछले दिनों ऐसा ही गैंग मेरठ में पकड़ा भी गया था. बच्चे गायब होने का कारण चाइल्ड सुरक्षा संस्था द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, 85 फीसदी बच्चे पढ़ाई में असफल होने और परिजनों के सपनों को पूरा न कर पाने के चक्कर में घर छोड़ते हैं. 10 फीसदी बच्चों का अपहरण होता है, जबकि पांच फीसदी किशोर प्यार के चक्कर में भी घर छोड़ देते हैं.
आपको बता दें कि वर्ष 2016 में एक जनवरी से लेकर 30 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में 867 बच्चे गायब होने की रिपोर्ट है. जिनमें 298 बच्चे अकेले मेरठ जोन में गायब हुए थे. वहीं बरेली जोन में सर्वाधिक कम 87 बच्चे गायब हुए थे. आगरा में 191, वारणसी में 154 बच्चे गायब होने की रिपोर्ट है. जिनमें से 391 बच्चों को खोजकर उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है. नोएडा में कई ऐसे चौराहे हैं जहां बच्चों से भीख मंगवाई जाती है. भीख न मांगने पर बच्चों को मारा-पीटा जाता है. पिछले दिनों बिहार के दो बच्चों ने स्वयं पुलिस को यह बात बताई थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें जबरन नशा सुंघाकर भीख मंगवाई जाती है.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित बड़े चौराहे पर गिरोह सक्रिय
- पार्कों व अन्य स्थानों से हो रहे बच्चे गायब
- कुछ बच्चे अपने आप भी छोड़ रहे घर