पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में बीते साल हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत से पिघलनी शुरू ही हुई है कि ड्रैगन ने फिर फुफकारना शुरू कर दिया है. लद्दाख के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर वह न सिर्फ आधुनिक हाई-वे का निर्माण कर रहा है, बल्कि उसने भारत (India) को ध्यान में रखते हुए हाल ही में शांगी में अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट वाय-9 के साथ सैन्य अभ्यास किया. इस सैन्य अभ्यास से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक वाय-9 ट्रांसपोर्ट विमान वास्तव में वाय-8 का ही आधुनिक संस्करण है. बताया जा रहा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के केजे-500 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट, वाय-8 एंटी सबमेरीन एयरक्राफ्ट, वाय-8 इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट समेत वाय-9 भी इस सैन्य अभ्यास में शामिल हुए. गौरतलब है कि इनमें से ही कुछ लड़ाकू विमानों के जरिए बीते दिनों ड्रैगन ने ताइवान की वायुसीमा का अतिक्रमण किया था. चीन वाय-9 को एलएसी के पास ही तैनात करने जा रहा है. इस तरह वह भारतीय सीमा पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है.
वाय-9 ने सैन्य अभ्यास में ही बनाए कई रिकॉर्ड
इस सैन्य अभ्यास में वाय-9 ने शामिल होकर वैश्विक स्तर पर कई रिकॉर्ड भी कायम कर दिए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण तो यही है कि वाय-9 सबसे अधिक ऊंचाई पर टैकऑफ औऱ लैंड करने वाला ट्रांसपोर्ट के काम आने वाला लड़ाकू विमान बना. इसके साथ ही वाय-9 ने लगातार 40 घंटे की उड़ान भर 10 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया. चीन का वाय-9 ट्रांसपोर्ट विमान चीन की पश्चिमी थिएटर कमांड से जुड़ा है. चीन की यह थिएटर कमांड पहली ऐसी कमांड है, जिसने 2,438 मीटर की ऊंचाई पर बने एयरपोर्ट पर कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट उतारा है. यह विमान भी चीन की पीएलए को अपनी सेवाएं देता है.
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अमेरिका के हर्कुलिस का जवाब है वाय-9
शांगी एयरक्राफ्ट कंपनी ने वाय-9 का निर्माण किया है, जो एक मध्यम रेंज का मध्यम आकार का विमान है, जो युद्ध के दौरान रणनीतिक साज-ओ-सामान भेजने के काम आता है. सामरिक विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन ने इस विमान के जरिए अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा तैयार सी-130 हर्कुलिस को जवाब दिया है. शांगी कंपनी ने 2005 में इंटरनेशनल एविएशन एक्सपो में इसका प्रदर्शन किया था. उस वक्त पीएलए में इसे शामिल नहीं किया गया था. चीन का वाय-9 विमान किसी भी मौसम में कैसी भी स्थिति में ऊंचाई पर बने एयरबेस पर उतर सकता है. इसमें वोजिय़ांग एफडब्ल्यूजे-6सू टर्बोप्रॉप इंजन लगा हुआ है, जो इसे विपरीत परिस्थितियों में भी काम करने लायक बनाता है. यह विमान एक बार में 25 टन भार अपने साथ ढो सकता है. सेना के जवानों को लाने-जाने के अलावा यह चिकित्सा सेवाएं देने में भी सक्षम है. इसके जरिए युद्ध की स्थिति में चीन 106 पैराट्रूपर्स को उतार सकता है, जबकि अमेरिकी विमान 132 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम है.
HIGHLIGHTS
- चीन ने अत्याधुनिक वाय-9 विमान के साथ किया था सैन्य अभ्यास
- अमेरिका के हर्कुलिस का जवाब माना जा रहा है पीएलए का विमान
- वाय-9 को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तैनात करने जा रहा चीन