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फिर किसी हिमाकत की फिराक में चालबाज चीन, पूर्वी लद्दाख के पास अब किया यह कारनामा 

चीनी वायु सेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के उस पार 21-22 लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास किया।

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Mohit Sharma
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india-china( Photo Credit : india-china)

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पूर्वी लद्दाख में चीन का दुस्साहस रह-रह कर सामने आ रहा है। हालांकि दोनों देशों के बीच शांति वार्ता का क्रम जारी है, बावजूद इसके चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताजा मामला वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी के पास किए गए सैन्य अभ्यास से जुड़ा है। दरअसल, चीनी वायु सेना ने एलएसी के उस पार एक बड़ा हवाई सैन्य अभ्यास किया है। रक्षा से जुड़े सूत्रों के अनुसार चीनी वायु सेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के उस पार 21-22 लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास किया। इन लड़ाकू विमानों में मुख्य रूप से जे-11 और जे-16 फाइटर जेट्स शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना की ओर से होटन, गार गुंसा और काशगर समेत अन्य एयरफील्ड्स में किए गए इस सैन्य अभ्यास पर भारत ने काफी करीब से नजर रखी हुई थी। आपको बता दें कि चीन ने इन एयरफील्ड्स को पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ हुए तनाव के बाद अपग्रेड किया है। यही नहीं चीन ने चालाकी दिखाते हुए अपने हवाई अड्डों पर खड़़े विमानों को छिपाने के लिए कंक्रीट के स्ट्रक्चर खड़े कर दिए हैं। 

किस फिराक में चीन?

आपको बता दें कि बीते साल से भारतीय लड़ाकू विमानों की भी लद्दाख क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ी हुई हैं। यहां भारतीय वायु सेना की ओर से नियमित रूप से मिग-29 लड़ाकू विमानों की टुकडिय़ों को तैनात किया जा रहा है, जिसकी मुख्य वजह इस साल गर्मियों में चीनी वायु सेना की इस क्षेत्र में हुई तैनाती को माना जा रहा है। भारतीय वायु सेना यहां अपने सबसे खतरनाक राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ा रहा है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि चीन ने एचक्यू-9 और एचक्यू-16 जैसे अपने एयर डिफेंस सिस्टम को अभी तक बरकरार रखा हुआ है, जो लंबी दूरी से ही किसी भी लड़ाकू विमान को निशाना बनाने में समक्ष हैं। 

कितनी ताकतवर भारतीय वायु सेना?

रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना अपनी प्रतिद्वंदी चीनी वायु सेना से अधिक ताकतवर है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि चीनी लड़ाकू विमानों को अधिक ऊंचाई वाले हवाई अड्डों से उड़ान भरनी पड़ती है। जबकि भारतीय विमान अपनी भौगोलिक स्थितियों का फायदा उठाकर मैदानी इलाकों से उड़ान भरकर थोड़े समय में ही पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच सकते हैं। 

20 भारतीय सैनिक हुए थे शहीद 

आपको बता दें कि पिछले साल 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय सेना और चीन सेना के बीच खूनी झड़प हो गई थीं। इस झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, हालांकि चीन का भी लगभग इतना ही नुकसान हुआ था। वो बात अलग है कि चीन ने दोनों सेेनाओं के बीच हुए इस संंघर्ष में मारेे गए अपने सैैनिकों की संख्या नहींं बताई है। इस घटना के बाद से ही लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ हैै। 

11 दौर की वार्ता 

वहीं, पैंगोंग के बाद दोनों देशों के बीच अब पूर्वी लद्दाख के उन शेष इलाकों से सेनाएं पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर बातचीत का सिलसिला जारी है। इस साल 9 अप्रैल को दोनों पक्षों के आला सैन्य कमांडरों के बीच 11वें दौर की बातचीत हुई। हालांकि वार्ता में कोई परिणाम नहीं निकल सका।

कब-कब आपस में भिड़े भारत और चीन?

1. जून 2020: पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में हिंसक झड़पें 
2. मई 2020: भारत में लद्दाख के पास पैंगोंग में हिंसक झड़पें
3. 2017: सिक्किम और भूटान से सटी चीनी सीमा पर डोक ला पास के करीब डोकलाम में स्टैंड ऑफ 
4. 2015: नॉर्थ लद्दाख के बुत्र्से में भारतीय जवानों ने चीन का निगरानी टावर ध्वस्त किया। 
5. 2014: डेमचोक में भारत की ओर से नहर का निर्माण, दोनों पक्ष आमने-सामने आए 
6. 1975: अरुणाचल में तुुलुंग ला में भारत-चीनी सेनाओं के बीच झंडप 
7. 1967: नाथू ला और चो ला में दोनों पक्ष भिड़े
8. 1962: भारत और चीन के बीच युद्ध 

3,488 किलोमीटर लंबी सीमा

दरअसल, भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जो अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर राज्यों से होकर गुजरती हैं।

Source : Rajeev Mishra

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