5 जून 1972 में पैदा हुए थे योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath). मौजूदा वक्त में देश के सबसे बड़े सूबे यानी उत्तर प्रदेश के सीएम हैं. सीएम योगी (CM Yogi Birthday) आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं. एक महंत से यूपी की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ का नाम अजय सिंह बिष्ट था, लेकिन नाथ सम्प्रदाय की ओर से दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर योगी आदित्यनाथ रख लिया था. भगवा धारण करने के बाद उन्होंने अपना जीवन समाज के नाम कर दिया. नाथ सम्प्रदाय के अगुवा, गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने लगातार 5 बार सांसद भी रह चुके हैं. और वर्तमान में देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी ने तय किया है कि वो 2022 का यूपी चुनाव भी योगी के नेतृत्व में ही लड़ेगी.
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'योगी' राजनीति के 'एंग्री यंग मैन' हैं
योगी की शख्सियत पर बारीकी से नजर डालें तो कई रंग में नजर आते हैं. कभी एक संन्यासी के रूप में, तो कभी एक छात्र नेता के रूप में. कभी गांधीगीरी करते योगी, तो कभी अपने तल्ख तेवर वाले योगी. कभी इमोशनल होते योगी तो कभी सियासत में बड़ा उलटफेर कर राजनीतिक पंडितों को हैरान करने वाले योगी. 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. बस यहीं से गोरखपुर की राजनीति में एक 'एंग्री यंग मैन' की यह धमाकेदार एंट्री हुई.
कट्टर हिंदूवादी जरूर पर मुस्लिम विरोधी नहीं
सीएम योगी पर आरोप लगते हैं कि वे कट्टर हिंदूत्व की छवि वाले नेता हैं और मुस्लिम समाज के प्रति नफरत फैलाने का काम करते हैं. हालांकि ये सच नहीं है, ऐसे कई किस्से हैं जब योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिमों की मदद की. गोरखनाथ मंदिर में हर रोज भंडारा होता है, उस भंडारे में हर रोज हजारों की संख्या में मुस्लिम खाना खाते हैं. मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ जब सांसद हुआ करते थे तो इसी मंदिर में जनता दरबार लगाते थे, जहां हर रोज सैकड़ों मुस्लिम अपनी फरियाद लेकर आते थे और उनकी हर संभव मदद की जाती थी. योगी जब भी गोरखपुर जाते हैं. ये कार्यक्रम जरूर करते हैं.
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जब मुसलमान दर्जी की मदद की
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक बार योगी आदित्यनाथ को पता चला कि गोरखपुर में एक बाजार में कुछ गुंडों ने एक मुसलमान दर्जी से फिरौती की मांग की है. पीड़ित ने शिकायत पर पुलिस भी कुछ कर नहीं रही है तो उन्होंने फैसला किया कि वह पुलिसिया रवैये के खिलाफ सड़क पर धरना देंगे. उन्होंने तब तक धरना दिया जबतक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो गया. मीडिया में सीएम योगी एक किस्सा और भी खूब चर्चा में रहा था. उसमें सीएम योगी ने एक मौलवी की मदद करते हुए उन्हें मदरसे की जमीन वापस दिलवाई थी.
मदरसे की जमीन खाली करवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोरखपुर में कुछ भूमाफियाओं ने एक मदरसे की जमीन कब्जा कर ली. मौलवी ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस उनको टहलाती रही. प्रशासन से निराश होकर मौलवी गोरखनाथ मंदिर पहुंचे. उस मौलवी ने योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में मदद की गुहार लगाई. योगी ने उसको वादा किया कि मदरसे की जमीन को कब्जामुक्त किया जाएगा, और उन्होंने ऐसा कराया भी. यही कारण है कि गोरखपुर के मुस्लिम योगी को अपना मसीहा मानते हैं.
HIGHLIGHTS
- मुस्लिम विरोधी नहीं हैं योगी आदित्यनाथ
- गोरखपुर के मुस्लिम योगी को मानते हैं मसीहा
- गोरखनाथ मंदिर में हर रोज भंडारा खाते हैं सैकड़ों मुस्लिम