उत्तराखंड में मंगलवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पायलट समेत सात लोगों की मौत होने की खबर है. यह हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ से वापस लौट रहा था और गौरीकुंड के पास दुर्घटना का शिकार हो गया. हादसे का कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है लेकिन हादसे की प्रमुख वजह खराब मौसम है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में यह कोई पहली विमान दुर्घटना नहीं है. खराब मौसम और पहाड़ों की चोटियों से टकराने से पहले भी कई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के शिकार हुए हैं.
केदारनाथ की बात की जाए तो 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच कोहरे और खराब मौसम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें पायलट, कोपायलट समेत 20 जवान शहीद हुए थे.
देश में हुए कई विमान दुर्घटनाओं में सेना के जवान और अधिकारी, राजनेता और नौकरशाहों की जान जा चुकी है. आगे हम कुछ महत्वपूर्ण विमान हादसों की बात करेंगे, जिनमें अति महत्वपूर्ण शख्सियतों को जान से हाथ धोना पड़ा तो कुछ का परिवार ही साफ हो गया.
हेलीकॉप्टर हादसे में CDS विपिन रावत की मौत
देश में विमान दुर्घटनाओं में पहले भी वीआईपी लोगों की जान जाती रही है, लेकिन 8 दिसंबर, 2021 को पहली बार सेना के सर्वोच्च अधिकारी सीडीएस विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की जान चली गई. उनका Mi-17V5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया था. विमान में सवार अधिकांश लोगों की मौत घटनास्थल पर हो गयी थी और कुछ लोगों की मौत अस्पताल में हुई थी.
1963 में पुंछ में हेलीकॉप्टर क्रैस
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 22 नवंबर, 1963 में हुए एक हेलिकॉप्टर क्रैश में सेना के 6 अधिकारियों का निधन हो गया था. देश के सैन्य इतिहास में पुंछ में हुए क्रैस को सबसे बड़ी हवाई दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है. उस घटना में लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह, एयर वाइस मार्शन ईडब्ल्यू पिंटो, मेजर जनरल केएनडी नानावटी, ब्रिगेडियर एसआर ओबेरॉय और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एसएस सोढ़ी शहीद हो गए थे.
आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन
2 सितंबर, 2009 को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी हेलिकॉप्टर से सुबह आठ बजकर 38 मिनट पर बेगमपट से चित्तूर ज़िले में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकले थे. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक साढ़े दस बजे तक उन्हें वहां पहुंचना था. लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे थे. उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. बाद में खोजबीन करने के बाद आंध्र के जंगलों में वाईएस राजशेखर रेड्डी और पायलट का जला हुआ शव और हेलीकॉप्टर का मलबा मिला था.
जब पंजाब के राज्यपाल का विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 9 जुलाई 1994 को हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल सुरेंद्र नाथ का निधन हो गया था. इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके परिवार के 9 सदस्यों की भी मौत हो गयी थी. मंडी जिले की प्रसिद्ध कमरूनाग झील के पास यह विमान हादसा हुआ था. सुरेंद्र नाथ को उस समय पंजाब के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था.
HIGHLIGHTS
- हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पायलट समेत सात लोगों की मौत
- केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे की प्रमुख वजह खराब मौसम है
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं
Source : Pradeep Singh