जम्मू (Jammu) एयरबेस पर हुए आतंकी हमलों में ड्रोन (Drone) से आरडीएक्स गिराने की आशंकाओं के प्रबल होते देख सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है. खासकर यह देखते हुए कि फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी बिजनेस ई-पोर्टल साइट पर बगैर किसी रोक-टोक के ड्रोन बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. यहां से खरीदकर कोई भी इन ड्रोन का इस्तेमाल किसी संवेदनशील इमारत की रेकी करने या उसकी शूटिंग करने में कर सकता है. हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन से जुड़े ऐसे ही खतरों को समझ बकायदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनमें सबसे प्रमुख तो यही है कि ड्रोन उड़ाने के लिए सर्टिफेकिट और लाइसेंस समेत बिक्री-खरीद की मंजूरी को आवश्यक कर दिया गया है. यह अलग बात है कि इन पहलुओं से नावाकिफ लोग शौकिया ड्रोन उड़ा रहे हैं. इनकी आड़ में कभी भी कोई देश का दुश्मन या असामाजिक तत्व जम्मू जैसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है.
आतंकी समूहों के पास हैं अत्याधुनिक चीनी ड्रोन
जम्मू एयरबेस के तकनीकी क्षेत्र में दो धमाकों में ड्रोन के इस्तेमाल के संकेत छत पर हुए सूराख से मिलते हैं. एनआईए इस पहलू पर भी जांच कर रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ड्रोन के जरिए आरडीएक्स गिराकर धमाकों को अंजाम दिया गया. अच्छा यह रहा कि किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि इस घटना ने सुरक्षा बलों को सुरक्षा को लेकर अपनी तैयारियों को नए सिरे से बनाने का अवसर जरूर दे दिया है. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि पिछले साल खुफिया संस्थाओं को जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान के आतंकी समूहों ने चीन से अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे हैं. हालांकि ड्रोन ऑनलाइन भी खरीदे जा सकते हैं. अलग-अलग रेंज के ड्रोन बिजनेस ई-पोर्टल पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इन पर किसी किस्म के नियम या कानून का कोई असर नहीं है.
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ड्रोन कहीं भी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने में सक्षम
गौरतलब है कि ड्रोन से आतंकी हमले के आलोक में सैन्य या अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों की ऊंची दीवारें, कंटीले तार और सेना की चौकियां अब आंतकी हमलों को रोकने के लिए नाकाफी है. एक सुरक्षित दूरी से दुश्मन हमला कर सकता है. ऐसे ड्रोन होते हैं जो 20 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं और साथ ही कुछ किलोग्राम के भार भी अपने साथ लेकर उड़ सकते हैं. पिज्जा से लेकर बम तक कई ऐसी चीजें हैं जो अनमैंड एरियल व्हीकल अपने साथ लेकर हजारों किलोमीटर तक दो दिनों तक अपने साथ रॉकेट और बम लेकर उड़ सकते हैं. इस हमले में आतंकियों ने टाइप 1 या फिर टाइप 2 यूएवी का इस्तेमाल किया गया.
पाकिस्तान कर रहा हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में इस्तेमाल
यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पिछले दो सालों से पाकिस्तान एके-47 एसॉल्ट राइफल, गोला बारूद और ड्रग भारत भेजने के लिए यूएवी का इस्तेमाल कर रहा है. विशेष तौर पर पंजाब और जम्मू बॉर्डर पर ऐसा किया जा रहा है. अतीत में कई ड्रोन देखे गए हैं और इन्हें निष्क्रिय भी किया गया है और हथियार भी बरामद हुए हैं. ड्रोन देशविरोधी गतिविधियों के लिए इसलिए भी मुफीद है, क्योंकि रडार कुछ सैन्य ड्रोन का पता लगा सकते हैं, लेकिन छोटे क्वाडकॉप्टर का नहीं. ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए यह कड़ी चुनौती है. फाइटर जेट ब्लास्ट पेन में रखे जा सकते हैं लेकिन रडार और अन्य सामान हवाई हमले के लिहाज से खतरे में रहते हैं. इसलिए खतरे को देखते हुए संवेदनशील एयरबेस के लिए स्पेशल रडार, लेजर, और एंटी एयरक्राफ्ट गन की तैनाती करनी होगी.
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नियम भी हैं, जिनकी अवहेलना पर है जुर्माना
हालांकि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इनसे जुड़े खतरों के मद्देनजर इसी साल कुछ नियम लागू किए थे. इसके तहत देशभर में 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने को लेकर नए नियम लागू हैं. इसके तहत अब बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इसके लिए सर्टिफिकेट लेना भी आवश्यक होगा. इन नए नियमों के मुताबिक अब 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने के लिए कम से कम 18 साल उम्र होनी चाहिए. इसके अलावा, दसवीं तक की पढ़ाई, मेडिकल सर्टिफिकेट और सरकारी एग्जाम पास करना भी आवश्यक होगा. बिना ट्रेनिंग और लाइसेंस के ड्रोन उड़ाने पर अब 25 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके तहत अब ड्रोन उड़ाने, ड्रोन बनाने, ड्रोन की खरीद-बिक्री के लिए मंजूरी लेनी आवश्यक है. वहीं, ये नियम 12 मार्च से लागू कर दिए गए हैं. इन नियमों के मुताबिक, खरीद-बिक्री, निर्माण, आयात सहित अन्य गतिविधियों के लिए अब मंजूरी लेनी होगी. ऐसा नहीं करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
बिना लाइसेंस के ड्रोन उड़ाने पर कार्रवाई
नए नियमों के मुताबिक बिना लाइसेंस के ड्रोन उड़ाना, एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में उड़ाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा. वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा के 25 किलोमीटर दायरे में ड्रोन उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. वहीं, सरकारी संस्थानों जैसे- सचिवालय, विधानसभा और किसी भी रक्षा संस्थानों के आसपास ड्रोन उड़ाने पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है. ड्रोन उड़ाने के लिए भी अब अनुमति लेनी भी जरूरी है. इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई करना होगा. साथ ही यदि नियम का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. इन नियमों के लागू होने के बाद से ड्रोन के अवैध रूप से इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
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डीजीसीए से लेनी होगी इजाजत
अगर आपके पास ड्रोन है और आप कहीं भी उड़ा देते हैं तो अब सावधान हो जाएं. अब आप इसे कहीं भी उड़ा नहीं सकते. भारत सरकार ने इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश दिया. अगर आपने कहीं भी ड्रोन उड़ा दिया और नियमों की जानकारी नहीं रखी, तो कार्रवाई के लिए भी तैयार रहें. ड्रोन के नियमों को लेकर सरकार ने कड़ाई की है. इन नये नियमों को लागू कर दिया गया है. सबसे बड़ी बात तो यही है कि अगर आपके पास ड्रोन है जिसका वजन 250 ग्राम से ज्यादा है तो आपको ड्रोन उड़ाने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवीएशन की इजाजत लेनी होगी. हालांकि छोटे ड्रोन को अलग कैटिगिरी में रखा गया है. इसकी क्षमता गति 15 मीटर प्रति सेंकड उड़ान के समय या फिर इससे ज्यादा गति जिसमें 100 मीटर प्रति सेंकड होगी इन्हें भी उड़ाने के लिए इजाजत लेनी होगी.
क्या होगा जुर्म
ड्रोन का अनाधिकृत इस्तेमाल करना, अनाधिकृत ढंग से खरीदना, अनाधिकृत बेचना और लीज पर देना मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है. अगर ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्ति ने रिमोट पायलेट का लाइसेंस नहीं लिया है तो भी उसे अपराधी माना जायेगा. ड्रोन का इस्तेमाल सामान लाने पहुंचाने केलिए अभी नहीं किया जा सकता. इसका इस्तेमाल फोटोग्राफी के लिए, सुरक्षा और विभिन्न जानकारी एकत्र करने के लिए ही किया जा सकेगा. इसकी इजाजत दी गयी है.
HIGHLIGHTS
- बगैर अनुमति ड्रोन की बिक्री और खरीद पर है जुर्माना
- सर्टिफिकेट-लाइसेंस समेत और भी हैं कई नियम
- फिर भी जो चाहे उड़ा रहा है ड्रोन, खतरे में सुरक्षा