देश में चाहे किसान आंदोलन हो या कश्मीर में प्रॉयोजित आतंकवाद या देशद्रोही गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान हमेशा आगे रहता है. यूनाइटेड किंगडम (यूके) में शनिवार से जी-7 शिखर सम्मेलन शुरू होगा. इस जी7 शिखर सम्मेलन को जब पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगे, उसी दौरान इस बैठक पर पाकिस्तान का नापाक साया रहेगा. इससे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर जब इस सम्मेलन में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है तो ब्रिटिश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस सूमह को प्रदर्शन करने की इजाजत कैसे दे दी है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 जून को डिजिटल माध्यम से जी7 के शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्रों में भाग लेंगे. जी7 समूह में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली और अमेरिका शामिल हैं. जी7 के अध्यक्ष के नाते ब्रिटेन ने भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है. इस बीच ब्रिटेन ने पाकिस्तान प्रायोजित समूह को भारत के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए प्रदर्शन करने की मंजूरी दे दी है.
एक तरफ तो भारत को जी7 शिखर सम्मेलन में बोलने के लिए बुलाया गया है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान प्रायोजित समूह को बाहर खड़े होकर प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई है. इससे तो साफ नजर आ रहा है कि ब्रिटेन न तो भारत को नाराज करना चाहता है और न ही पाकिस्तान को. दोनों देशों को साधने के लिए एक दरवाजे के अंदर से तो दूसरा दरवाजे के बाहर रहेगा.
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जब पीएम नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे, तब उस दौरान पाकिस्तान प्रायोजित समूह भारत के खिलाफ कॉर्नवेल में प्रदर्शन करेंगे. पाकिस्तान भारत को घेरने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ता है, लेकिन उसे हमेशा मुंह की खानी पड़ती है. इस बार भी पाकिस्तान अपने इस नापाक हरकत में कामयाब नहीं हो पाएगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को जी7 शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की नापाक साया को आने से रोकना चाहिए.
आपको बता दें कि ब्रिटेन में हो रहे G-7 समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शुक्रवार को जी-7 देशों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर लगाई गई रोक को हटा लें. राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सदस्य देशों से अनुरोध किया कि कच्चे माल पर लगे बैन हटाया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि इससे गरीब देशों में वैक्सीन के उत्पादन में मदद मिलेगी. इससे पहले उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस बारे में जी-7 देशों के बीच कोई समझौता होगा.
HIGHLIGHTS
- जी7 शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी डिजिटल माध्यम से करेंगे संबोधित
- ब्रिटेन ने पाकिस्तान प्रायोजित समूह को प्रदर्शन के लिए क्यों दी मंजूरी?
- इस सम्मेलन में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली, अमेरिका शामिल