आजकल एक टर्म बहुत चल रहा है- इंस्टैंट लोन. इधर आपने क्लिक किया, उधर आपके खाते में पैसा आ गया. दुनियाभर के ऐसे तमाम ऐप्स हैं जो पैसा देने को तैयार बैठे हैं. वो भी बिना गारंटी के. बहुत से लोगों को ये काफी आसान तरीका लगता है, बिना कागज, बिना गारंटी के लोन लेने का. लेकिन इन्ही ऐप्स में से बहुत सारे ऐप ऐसे भी हैं जो लोन वसूलने के लिए, हर हद को पार कर जाते हैं. ऐसे में आपके अधिकार क्या हैं, और आपको क्या करना चाहिए. ऐसे ऐप्स को जैसे ही आप डाउनलोड करते हैं, जैसे ही इन ऐप्स में अपनी जानकारी भरते हैं, वैसे ही ये ऐप आपके फोन में घुसपैठ कर लेते हैं. जितने भी नंबर आपके फोन में सेव हैं, ये सबको देख पाते हैं, आपके सारे मैसेज पढ़ पाते हैं, आपके कैमरे और माइक्रोफोन तक को ये ऐप इस्तेमाल कर सकते हैं. आपकी लोकेशन डिटेक्ट कर सकते हैं और आपके फोन की गैलरी का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता है. यानि आपके प्राइवेट फोटो और वीडियो तक भी ये आसानी से पहुंच सकते हैं. जैसे ही आप ऐसा कोई ऐप अपने फोन में डालते हैं तो इसके साथ या तो एक थर्ड पार्टी ऐप या फिर एक मैलवेयर हो सकता है.
मैलवेयर एक किस्म का वायरस होता है जो ये सारी जानकारियां आपके फोन से चोरी कर लेता है. इसी जानाकारी के आधार पर ही ब्लैकमेलिंग का ये सारा खेल किया जाता है. लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए बाकायदा पूरे-पूरे कॉल सेंटर काम पर लगे होते हैं जो धमकाते हैं, गाली-गलौच करते हैं और धमकियां देते हैं. नकली न्यूड फोटो बनाते हैं और रिश्तेदारों को भेज देते हैं. ऐसे में इंसान बेइज्जती के डर से इनकी बातें मानता चला जाता है. इनके शिकारों में अधिकतर गरीब लोग होते हैं जो बहुत छोटे अमाउंट उधार लेने के चक्कर में ऐसे ऐप्स के जाल में फंस जाते हैं.
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक करीब 60 लोग इन ऐप्स के जाल में फंसकर आत्महत्या कर चुके हैं. जुलाई के महीने में मध्य प्रदेश के एक पूरे परिवार ने ऐसे ऐप्स के जाल में फंसकर आत्महत्या कर ली थी. ये ऐप ना तो आपसे कोई डॉक्यूमेंट मांगते और ना ही आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं. जैसे ही इन पर कोई लोन के लिए अप्लाई करता है, तुरंत ही उसको ये पैसे दे देते हैं. ये कोई बड़ी राशि नहीं होती. लेकिन जब ये लोग वसूली करते हैं तो 100 गुना से लेकर 500 गुना तक से भी ज्यादा वसूल करते हैं. और ऐसा करने के लिए ये हर हथकंडे का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा भी नहीं है कि ये ऐप केवल लोगों के लिए ही खतरा हैं, ये ऐप पूरे समाज, पूरे देश के लिए खतरा हैं. महामारी के बाद लोग जब छोटी-छोटी रकम के लिए परेशान होने लगे थे तब ऐसे ऐप्स ने अपने पांव पसारे. लोगों को 2 हजार से लेकर 20 हजार तक के लोन बांटें और बदले में लाखों लाख रुपए वसूल किए. इन ऐप्स में से अधिकतर ऐप चीन से संचालित किए जाते हैं और आपका जो डेटा चोरी किया जाता है वो भी चीन पहुंच जाता है. चीन के इन ऐप्स पर कई देश पहले ही पाबंदी लगा चुके हैं लेकिन भारत में घुसपैठ करने के लिए चीन के इन ऐप्स ने पीछे का रास्ता अख्तियार किया.
एक हजार से अधिक ऐप्स हैं सक्रिय
ऐसे ऐप को बैंक का होना चाहिए, NBFC यानी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी का होना चाहिए. RBI की ओर से इसके पास लोन देने की इजाजत होनी चाहिए. इसके ऐप पर ऑफिस के अड्रेस से लेकर बाकी जानकारियां भी मौजूद होनी चाहिए. इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि लोन के लिए सिबिल स्कोर पूछा जाता है. कागजात लिए जाते हैं. पैन कार्ड और आधार कार्ड देखने को कहा जाता है. इसके बाद जाकर शायद आपको लोन मिल पाए. वजह ये भी है कि छोटे कर्ज के लिए क्रेडिट कार्ड आसानी से उपलब्ध हैं और लोग बाई नाऊ पे लेटर की सुविधा का भी खासा इस्तेमाल कर रहे हैं. नामी गिरामी बैंक ऐसे लोन बांट रहे हैं. अगर आपका अकाउंट काफी वक्त से किसी बैंक में है तो बैंक का भरोसा आप पर होता है और इसलिए बैंक आपके लिए खास ऑफर निकालता रहता है. इनमें होम लोन, ऑटो लोन, क्रेडिट कार्ड आदि होते हैं. बेहद कम डॉक्यूमेंटेशन में बड़े-बड़े बैंक आपको ये लोन देते हैं. कर्ज देते हैं. इसके बाद भी जानकारी के आभाव में लोग चीनी ऐप्स के जंजाल में उलझ जाते हैं. बीबीसी की एक पड़ताल में भी ऐसे ऐप्स के पीछे चीन के नागरिकों का हाथ निकला है. एक अनुमान के अनुसार एक हजार से अधिक ऐप्स अभी भी गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध हैं.
आरबीआई ग्राहकों को समय समय पर करता है सतर्क
हालांकि ऐसा नहीं है कि सारे ऐप ही बुरे हैं और सारे ही आपकी जानकारियों की चोरी करते हैं. काफी ऐप ऐसे भी हैं जो सरकार के नियम कायदों का पालन करते हैं और RBI के तमाम आदेश निर्देश मानते हैं. और ऐसा भी नहीं है कि ऐसे ऐप्स को रोकने के लिए RBI या सरकार कोई कदम नहीं उठा रहे. गूगल के साथ बात करके 2022 में ऐसे 3500 लोन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटवाया गया था. गूगल खुद भी ऐसे ऐप्स को चेक करता रहता है और अगर रिव्यू ठीक नहीं है या रेटिंग खराब हैं तो भी गूगल ऐसे ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर से हटा देता है. दिसंबर 2022 में RBI ने ऐसे ऐप्स को लेकर एक चेतावनी भी जारी की थी और लोगों को ऐसे एप्लीकेशन्स से दूर रहने के लिए कहा था. RBI ने कहा था कि लोग, अनवेरीफाइड ऐप्स के साथ अपने डॉक्यूमेंट, अपने KYC शेयर न करें. डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी ऐसे ऐप्स को लेकर नियम बनाए जाने की मांग की थी. इनमें ब्याज दरों की पूरी जानकारी और लोन को मंजूरी की प्रक्रिया की जानकारी बात कही गई थी. RBI ने लोगों से ये भी कहा था कि वो धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स की जानकारी पुलिस को दें या फिर RBI तक पहुंचाएं. साथ ही RBI ने सचेत के नाम से एक पोर्टल भी शुरु किया है ताकि लोग अपने साथ हुए धोखे की शिकायत यहां कर सकें.
वरुण कुमार की रिपोर्ट
Source : News Nation Bureau