हर होली बैरंग लौटती है बारात, जानिए अयोध्या के भदरसा की ये पूरी कहानी

Holi 2022: भदरसा कस्बे के निवासियों का कहना है कि सैंकड़ों वर्षों से यहां पर होली अनूठे तरीके से मनाई जाती है जिसमें कस्बे के पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल होते हैं.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Holi 2022: Bhadarsa

Holi 2022: Bhadarsa( Photo Credit : NewsNation)

Advertisment

Holi 2022: देशभर में होली का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाने वाला है. आज हम आपको अयोध्या जिले के भदरसा कस्बे में मनाई जाने वाली होली के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, वहां पर होली का त्यौहार बिल्कुल अनूठे तरीके से मनाया जाता है. यही नहीं वहां की होली में शामिल होने के लिए जिले से काम की तलाश में बाहर गए लोग भी वापस आकर होली के पर्व का आनंद उठाते हैं. यहां की होली के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भदरसा नगर पंचायत की सुरक्षा के लिए हर साल जिला प्रशासन की ओर से पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है. बता दें कि यह इलाका काफी संवेदनशील है और यही वजह है कि उनकी तैनाती प्रशासन करता है.  

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड Holi की छुट्टियों पर निकलीं Aaradhya Bachchan, मम्मी-पापा संग Video वायरल

सैंकड़ों वर्षों से मनाई जा रही है अनूठी होली
कस्बे के निवासियों का कहना है कि सैंकड़ों वर्षों से यहां पर होली अनूठे तरीके से मनाई जाती है जिसमें कस्बे के पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल होते हैं. मुस्लिम आबादी बाहुल्य इस कस्बे में गंगा जमुनी तहजीब भी होली के मौके पर दिखाई पड़ती है. मुस्लिम समुदाय के लोग भी होली में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं. बात करें कि आखिर यहां के होली की खासियत क्या है तो आपको बताएं कि भदरसा नगर पंचायत से तकरीबन 500 मीटर की दूरी पर जीवपुर नाम का एक गांव है. इन दोनों के बीच अयोध्या-इलाहाबाद की रेल लाइन पड़ती है. चूंकि रेल लाइन होने की वजह से भदरसा और जीवपुर के लोगों का मिलना जुलना कम हो पाता है. इसी को सोचकर दोनों जगहों के लोगों ने होली को मिलनेजुलने का जरिया बना लिया. 

होली वाले दिन जीवपुर के लोग लड़की पक्ष बनकर सांकेतिक रूप से भदरसा आते हैं और एक निश्चित घर पर जाते हैं. वहां पर तिलक की रस्म अदा की जाती है. इस दौरान लड़की पक्ष के लोगों को खूब आतिथ्य सत्कार किया जाता है. साथ ही लड़की पक्ष वापस जाते समय बारात के लिए आमंत्रण देकर जाता है. मुख्य होली के दूसरे दिन भदरसा कस्बे से हजारों की संख्या में पुरुष और बच्चे बारात लेकर जाते हैं. हालांकि यह बारात भी सिर्फ सांकेतिक भर होता है, लेकिन इसमें खूब मस्ती शामिल होती है. बारात में शामिल लोग अपने साथ रंग, गुलाल और रंग से भरे गुब्बारे साथ में ले जाते हैं. सभी लोग अयोध्या-इलाहाबाद रेल लाइन के पास इकट्ठा होते हैं और वहां से कबीरा गाया जाता है. हालांकि कुछ कबीरा काफी अश्लील भी होता है लेकिन लोग बुरा ना मानो होली कहकर इसको धुएं में उड़ा देते हैं. 

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड जब Holi इन फिल्मों में लेकर आई टर्निंग प्वाइंट, लोगों के उड़ गए होश

जीवपुर पहुंचने के बाद लड़की पक्ष के घर पर सभी बारातियों के लिए खाने पीने का इंतजाम होता है. पूरे गांव के लोग बारातियों के साथ होली खेलते हैं. हालांकि कभी कभार छिटपुट हिंसा भी होती है लेकिन बाद में सब ठीक ही हो जाता है. लड़की पक्ष के घर पर दहेज, लड़की या लड़के की शक्ल सूरत को लेकर विवाद होता है और बारात वापस लौट आती है. यहीं से होली के पर्व का समापन भी हो जाता है. हालांकि यह परंपरा जब से शुरू हुई है तभी से बारात हर साल लौट आती है, लेकिन हर साल भदरसा निवासी उसी शिद्दत के साथ बारात लेकर जाते हैं और जीवपुर के लोग भी उसी शिद्दत के साथ उनका इंतजार करते हैं...आखिर में सब एक दूसरे से प्यार से कहते हैं कि बुरा ना मानो होली है.

HIGHLIGHTS

  • सैंकड़ों वर्षों से भदरसा कस्बे में अनूठे तरीके से मनाई जाती है होली 
  • भदरसा निवासी जीवपुर बारात लेकर जाते हैं और होली खेलते हैं
Ayodhya Holi 2022 happy holi 2022 Bhadarsa
Advertisment
Advertisment
Advertisment