Social Media Controlling: एक समय था जब फोन जैसी चीज भी इंसान की सोच के दायरे से बाहर थी. तब जीवन एकदम सरल और एक सीधी राह में चलने वाला था. लोगों के बीच की दूरियां भी किलोमीटर से मापी जाती थी. लेकिन फोन के आते ही इंसान का जीवन तिल-तिल कर बदलना शुरू हो गया और सोशल मीडिया ने तो इंसानी जिंदगी के स्वरूप को ही बदल दिया है. सोशल मीडिया ने लोगों के बीच की दूरी तो कम की है साथ ही काफी मुश्किल चीजों को आसान भी कर दिया है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारे समाज में सूचना साझा करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही सरकारें भी इसके उपयोग को निगरानी में रखती हैं। यहां हम जानेंगे कि सोशल मीडिया को सरकारें कैसे कंट्रोल करती हैं और आपका डेटा कितना सुरक्षित है:
कॉन्टेंट की मॉनिटरिंग: सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर स्थित जानकारी को मॉनिटर करती हैं और आपत्तिजनक कंटेंट की स्वीकृति के लिए निगरानी में रखती हैं।
उपयोगकर्ता डेटा का अनुसरण: सरकारें उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया डेटा को अनुसरण कर सकती हैं और उसे विभिन्न कारगरता योजनाओं के लिए उपयोग कर सकती हैं।
साइबर सुरक्षा उपायों का अनुसरण: सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स की साइबर सुरक्षा की निगरानी करती हैं ताकि वे हैकिंग और साइबर अपराध से बच सकें।
इंटरनेट सुरक्षा कानून: कई देशों में इंटरनेट सुरक्षा कानून बने हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को नियमित करने का प्रावधान करते हैं।
डेटा प्राइवेसी कानून: सरकारें डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए कई कानून बना रही हैं ताकि उपयोगकर्ताओं का डेटा सुरक्षित रहे।
सामाजिक नैतिकता की निगरानी: सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स सामाजिक नैतिकता के मानकों का पालन करें।
सोशल मीडिया नीतियाँ: सरकारें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को उचित नीतियों का पालन करने के लिए प्रेरित करती हैं ताकि उपयोगकर्ताओं का हक बना रहे।
इन उपायों के बावजूद, उपयोगकर्ताओं को अपनी डेटा प्राइवेसी पर भी सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षित इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
Source : News Nation Bureau