उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा जिला हाथरस (Hathras) वर्तमान समय में मीडिया रपटों, राजनीतिक और सामाजिक सक्रियतावाद का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है और इसकी वजह यहां कुछ समय पहले हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना है, जिसमें दो हफ्ते तक जिंदगी की जंग लड़ते हुए पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. यह पहली बार नहीं है जब सामूहिक दुष्कर्म और यौन दुराचार के खिलाफ भारत में विरोध प्रदर्शन होते दिख रहे हैं. बीते समय में भी कई ऐसी हिंसात्मक वारदातें हुई हैं, जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला है.
दिल्ली का निर्भया केस
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में साल 2012 के 16 दिसंबर में एक चलती हुई बस में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना को हालिया उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं. इसमें एक 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा के साथ प्राइवेट बस में मारपीट की गई, सामूहिक दुष्कर्म किया गया, बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गई. घटना के संदर्भ में दोषी पाए गए चार आरोपियों को इस साल मार्च में फांसी की सजा दे दी गई.
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शक्ति मिल केस
साल 2013 में मुंबई में इसी तरह की एक घटना हुई, जिसे शक्ति मिल्स सामूहिक दुष्कर्म के नाम से जाना गया. इसमें एक 22 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट संग पांच लोगों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया, जिसमें से एक नाबालिग भी था. मुंबई में स्थित एक मैगजीन के दफ्तर पर इंटर्न के तौर पर काम करने वाली यह युवती अपने किसी असाइनमेंट पर शक्ति मिल्स के सूनसान वाले इलाके में गई हुई थीं, जो साउथ मुंबई में महालक्ष्मी के पास स्थित है. इस दौरान एक पुरूष सहकर्मी भी उनके साथ मौजूद था.
लॉ स्टूडेंट केस
इससे पहले 1996 में 25 वर्षीय लॉ की एक स्टूडेंट अपने किसी एक अंकल के घर पर मृत पाई गई थी, जिसे गला घोंटकर मारा गया था. उसके साथ न केवल दुष्कर्म किया गया बल्कि सिर पर 14 बार हेल्मेट से वार भी किया गया और बाद में पूर्व आईपीएस अधिकारी संतोष कुमार सिंह के बेटे द्वारा पीड़िता के गले में तार फंसाकर उसकी हत्या कर दी गई. हालांकि बाद में संबंधित आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया.
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हैदराबाद मामला
इसी क्रम में नवंबर, 2019 में हैदराबाद के पास शमशाबाद में 26 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर से देश को हिलाकर रख दिया था. हालांकि इस बार घटना में शामिल गिरफ्तार हुए चार आरोपी पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में मार दिए गए.
कठुआ दुष्कर्म
साल 2018 में कठुआ सामूहिक दुष्कर्म मामला, साल 2019 के अप्रैल में मुंबई के विले पार्ले इलाके में नौ साल की एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना को भी भुलाया नहीं जा सकता.
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7.3 फीसदी बढ़े अपराध
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा मंगलवार को जारी एक आंकड़े के मुताबिक 2018 से 2019 तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी अवधि में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में भी 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. संख्याओं की बात करें, तो उत्तर प्रदेश इस तरह की घटनाओं के मामले में सबसे आगे रही है.