Independence Day 2020: किसने दिलाई आजादी? महात्मा गांधी या सुभाष चंद्र बोस, पढ़िए ब्रिटेन के PM ने क्या कहा था

देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया. पूरा देश इसके जश्न में डूबा था. वर्षों की अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. लेकिन इसके साथ ही एक नया विवाद का जन्म हुआ. आजादी का नायक कौन? महात्मा गांधी या सुभाष चंद्र बोस.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
gandhi subhash

महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया. पूरा देश इसके जश्न में डूबा था. वर्षों की अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. लेकिन इसके साथ ही एक नया विवाद का जन्म हुआ. आजादी का नायक कौन? महात्मा गांधी या सुभाष चंद्र बोस. इस विवाद पर लेखकों और लोगों की अपनी अलग-अलग राय है. लेकिन उस वक्त ब्रिटेन के तात्कालिक प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में सुभाष चंद्र बोस का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के प्रभाव के चलते हमें भारत को आजाद करना पड़ा. वहीं कई ऐसे लोग हैं जो भारतीय स्वाधीनता की लड़ाई में महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन के योगदान को नकारते हैं. साथ ही आजादी का पूरा श्रेय सुभाष चंद्र बोस और अन्य कई महापुरुषों को देते हैं.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कही थी ये बात

वहीं कई लोगों और लेखकों ने महात्मा गांधी को भारत की आजादी का नायक मानते हैं. सत्य और अहिंसा के आंदोलन को आजादी का प्रमुख हथियार माना गया. क्रांतिकारी आंदोलन को नहीं बल्कि अहिंसक आंदोलन को वरीयता दी गई. जब भारत आजाद हुआ था, उस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली थे. एटली 1945 से 1951 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे थे. भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करने पर ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वहां के लोगों ने प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि जब हम द्वितीय विश्वयुद्ध जीत चुके थे तो उस समय भारत को आजाद करने की क्या जरूरत थी? ब्रिटेन के तात्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली से पूछा कि आखिर आपने भारत क्यों छोड़ा? आप दूसरा विश्वयुद्ध जीत चुके थे. 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन फ्लॉप हो चुका था, फिर आपने भारत को अचानक स्वतंत्र करने का फैसला क्यों किया?

इस वजह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत को किया था आजाद

मुख्य न्यायाधीश के इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली ने कहा कि 25 लाख भारतीय सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध जीतकर लौट रहे थे. इस बीच कराची नेवल बेस, जबलपुर, आसनसोल जैसी की जगहों पर से सैनिक विद्रोह की खबरें आ रहीं थी. सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज लगातार ब्रिटेन सेना पर दबाव बढ़ा रही थी. एटली ने आगे कहा कि 'हम जान गए थे कि अब ज्यादा दिनों तक भारत पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल है. ये सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व का प्रभाव था कि भारत में लोग राष्ट्रीय अस्मिता और राष्ट्र के स्वाभिमान को लेकर उग्र हो रहे थे. अगर हम भारत को न छोड़ते तो सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन हो सकता था जो ब्रिटेन को बहुत नुकसान पहुंचाता. अगर महात्मा गांधी की तरह अहिंसक आंदोलन होता रहता तो हम पर असर नहीं होता.

पूर्व केंद्र मंत्री ने भी महात्मा गांधी के योगदान को नकारा था

वहीं इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने भी देश की आजादी में महात्मा गांधी के योगदान को खारिज किया था. उन्होंने कहा कि भारत को आजादी भूख हड़ताल और सत्याग्रह से नहीं मिली. इसके पीछे कई अन्य महापुरुषों का योगदान था.

Source : News Nation Bureau

independence-day independenceday2020 15august2020 एमपी-उपचुनाव-2020 Mahatma Gandhi Subhash chandra bose स्वतंत्रता दिवस महात्मा गांधी सुभाष चंद्र बोस Independence Day 2020
Advertisment
Advertisment
Advertisment