Advertisment

'बाहुबली' राफेल के आगे पिटे हुए मोहरे हैं F-16 और J-20 फाइटर जेट

आंखों को फाड़कर, कानों के पर्दे खोलकर जान लो, ठीक से समझ लो चीन और पाकिस्तान, अब 'बाहुबली' फाइटर जेट राफेल आ रहा है हिंदुस्तान. राफेल विमान की पहली खेप के 5 जहाज फ्रांस से भारत के लिए रवाना हो गए हैं.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Fighter Jet

'बाहुबली' राफेल के आगे पिटे हुए मोहरे हैं F-16 और J-20 फाइटर जेट( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

आंखों को फाड़कर, कानों के पर्दे खोलकर जान लो, ठीक से समझ लो चीन और पाकिस्तान, अब 'बाहुबली' फाइटर जेट राफेल (Rafale) आ रहा है हिंदुस्तान. राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के 5 जहाज फ्रांस से भारत के लिए रवाना हो गए हैं. जब राफेल भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के बेड़े में शामिल हो जाएगा, तब भारत आसमान में राज करेगा और उसके दुश्मन देशों के छक्के छूट जाएंगे. राफेल आसमान में गरजेगा तो निश्चित ही उसकी गड़गड़ाहट से पाकिस्तान (Pakistan) बहरा हो जाएगा तो चीन को ऊंचा सुनाई देने लगेगा. इतना ही नहीं, भारतीय पायलट राफेल से बादलों को चीरते हुए निकलेंगे तो इमरान और जिनपिंग की आंखें चौंधिया जाएंगी.

यह भी पढ़ें: भारत आ रहा है 'गेंमचेंजर' फाइटर जेट, फ्रांस से राफेल (Rafale) विमान रवाना

भारत राफेल के आने का बेसब्री इंतजार कर रहा है तो उसके दुश्मन देश भी टकटकी लगाए इसी इंतजार में बैठे हैं कि वो देश के बाहुबली की एक झलक देख सकें. फ्रांस से रवाना हुए राफेल फाइटर जेट के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है. लिहाजा सीमा पर चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की आतंकी साजिशों को ध्यान में भारत इन 5 राफेल लड़ाकू विमानों को बुधवार को ही वायुसेना के बेड़े में शामिल कर सकता है. हालांकि, वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इन्हें बल में शामिल करने को लेकर औपचारिक समारोह का आयोजन अगस्त के मध्य में किया जाएगा.

भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 4 साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है. भारतीय सेना उत्तरी सीमा पर चीन की पीएलए के साथ कई जगहों पर संघर्ष की स्थिति में है तो पश्चिमी सीमा पर वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के घुसपैठ और सीमापार से गोलीबारी का सामना करती रहती है. मसलन, इन परिस्थितियों में हवाई शक्ति ही सुंतलन को बनाए रख सकती है. जानकार मानते हैं कि एक भारतीय राफेल लड़ाकू विमान ही दुश्मन की योजना को नेस्तनाबूत कर सकता है.

यह भी पढ़ें: PUBG समेत 47 चीनी एप और किए गए प्रतिबंधित, मोदी सरकार की चीन पर दूसरी डिजिटल स्ट्राइक

लेकिन फिर भी हम, इस बात का भी विश्लेषण कर लेते हैं कि भारतीय सेना में शामिल होने वाले राफेल में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए F-16 और चीन के उन्नत लड़ाकू विमानों चेंगदू जे 20 में कौन से फाइटर जेट कितना ताकतवर है.

भारतीय राफेल

राफेल लड़ाकू विमान मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से सुसज्जित होगा, जोकि दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद सकती हैं. राफेल अधिकतम 24,500 किलो वजन (विमान समेत) कैरी कर सकता है. राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर है. लड़ाकू विमान अपने साथ चार-चार मिसाइल ले जा सकता है. राफेल की गति 2450 किलोमीटर प्रतिघंटा है. राफेल विमान की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है. इसके अलावा राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90 मीटर है, जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है.

राफेल लड़ाकू विमान आसानी के किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आता है. राफेल पांचवी पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है. इसमें लगीं मिसाइलें ज्यादा मारक क्षमता वाली हैं. इसका बेहतरीन रडार सिस्टम 200 किलोमीटर के दायरे में निगरानी रख सकता है. निगरानी के अलावा राफेल को सोर्टीज और अटैक में आसानी से यूज किया जा सकता है. राफेल विमान सिंगल सीटर और ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट्स है. राफेल विमान को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडिफाई किया गया है, जिससे इसकी ताकत में और इजाफा हो गया है. राफेल को युद्ध में लड़ाई का काफी अनुभव है. अफगानिस्तान, लीबिया और इराक में राफेल ने अपनी ताकत को दिखाया.

यह भी पढ़ें: मोदी है तो मुमकिन हैः रूस ने निभाई भारत से दोस्ती, चीन को नहीं देगा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

चीनी फाइटर जेट चेंगदू J-20

राफेल के मुकाबले चीन का सबसे उन्नत फाइटर जेट चेंगदू J-20 थोड़ा कम तर मालूम है. राफेल की तरह J-20 भी सिंगल सीटर और ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट्स है. चीनी J-20 का मेन रोल स्‍टील्‍थ फाइटर का है और चीन इसका इस्तेमाल दुश्‍मन पर नजर रखने के लिए करता है. राफेल के मुकाबले चीन का J-20 विमान वजन में भारी है. J-20 विमान 34 हजार किलो से 37 हजार किलो वजन ले जा सकता है.

J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किमी है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम सिर्फ 2700 किमी किया जा सकता है. यह भी अपने साथ चार-चार मिसाइल ले जा सकता तो लगभग 2100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. J-20 विमान की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच होती है. जबकि इसकी ऊंचाई 4.45 मीटर और विंगस्‍पैन 12.88-13.50 मीटर के बीच हैं. सबसे अहम बात यह है कि चीन का J-20 अब तक किसी बड़े मिशन में शामिल नहीं हुआ है.

पाकिस्तान को अमेरिका से मिला F-16

पाकिस्तान के पास अमेरिका से खरीदा हुआ F-16 फाइटर जेट है. पाकिस्तान का F-16 फाइटर जेट तो भारतीय राफेल के आगे कहीं नहीं टिकता. F-16 की गति 2414 किलोमीटर प्रति घंटा है. F-16 का रडार 84 किलोमीटर के दायरे में केवल 20 टारगेट को ही पहचान सकता है. F-16 सिर्फ एमराम मिसाइलें हैं. जो सिर्फ 100 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. F-16 की लंबाई 15 मीटर, चौड़ाई 9.45 मीटर और ऊंचाई 5 मीटर होती है. हालांकि 1986 से 1989 के दौरान अफगान युद्ध में F-16 का इस्तेमाल हुआ है.

Indian Airforce Rafale F 16 Rafale in india J 20
Advertisment
Advertisment