INS विक्रांत को बनने में लगे 13 साल, इन चुनौतियों का करना पड़ा सामना 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना को स्वदेशी युद्धवाहक पोत INS विक्रांत सौंप दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह युद्धवाहक पोत स्वदेशी है. आईएनएस विक्रांत नेवी में शामिल होने से नौसेना की शक्ति बढ़ गई है.

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Deepak Pandey
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INS Vikrant

INS Vikrant( Photo Credit : File Photo)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना को स्वदेशी युद्धवाहक पोत INS विक्रांत सौंप दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह युद्धवाहक पोत स्वदेशी है. आईएनएस विक्रांत नेवी में शामिल होने से नौसेना की शक्ति बढ़ गई है. हालांकि, INS विक्रांत बनाने में भारत को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ा था. सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारत पहली स्वदेशी युद्धवाहक पोत आईएनएस विक्रांत बनाने में सफल हो गया. आइये जानते हैं कि INS विक्रांत कब और कैसे बनकर हुआ तैयार... 

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  • आईएनएस विक्रांत को बनने में 13 साल लगे
  • 2009 में इसका काम शुरू हुआ था
  • 2011 में इसका ढांचा बनकर तैयार हुआ
  • 2013  में इसे समुद्र में ट्रायल के लिए उतरा गया
  • 2003  में प्रोजेक्ट की बुनियाद रखी गयी थी
  • 2003  में ये प्रोजेक्ट 3,216 करोड़ का था
  • प्रोजेक्ट जब तक पूरा हुआ कीमत 6 गुना बढ़ गई
  • प्रोजेक्ट पूरा होते होते 20,000 करोड़ से ज़्यादा लग गए  
  • कुल 550  बड़ी और छोटी कम्पनियां निर्माण में शामिल रहीं
  • 100 एमएसएमई शामिल थी
  • बीईएल, भेल, जीआरएसई, केल्ट्रोन, किर्लोस्कर, लार्सन एंड टुब्रो, वार्टसिला इंडिया के पुर्ज़े लगे हैं
  • सभी कंपनियों के साथ तालमेल बिठाना आसान नहीं था
  • वक्त पर कम्पोनेंट की सप्लाई बड़ा चैलेंज था
  • दुनिया के देशों की नजर इस बात पर थी कि भारत इसे पूरा कर पाएगा या नहीं
  • रूस से स्टील की सप्लाई होनी थी, लेकिन रूस ने 2005 में स्टील सप्लाई पर रोक दी
  • स्टील सप्लाई रोकने से दो साल की देरी हुई, लेकिन भारत ने खुद ही स्टील का प्रोडक्शन किया
  • आईएनएस में लगे स्टील का 100 फीसदी प्रोडक्शन भारत में ही हुआ
  • डीआरडीओ, स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया, जिंदल ग्रुप, एसआर ग्रुप, इलेक्ट्रॉलाइट ने मिलकर स्टील सप्लाई पूरा किया
  • एक एयरक्राफ्ट करियर को बनने में औसतन 10 साल का वक़्त लगता है
  • आज कोचीन शिपयार्ड 10 साल से भी काम वक्त में दूसरा एयरक्राफ्ट करियर बनाने की क्षमता रखता है
  • कोचीन शिपयार्ड दूसरा एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विशाल काम वक्त में पूरा करने को तैयार है
  • जब पहली बार शिप का ट्रायल हुआ तब 1700 लोग उसपर सवार थे
  • तब एक-एक चीज की बारीकी से मॉनिटरिंग की गई
  • छोटी से छित चीज़ें को चेक किया गया
  • ये भी देखा गया कि किचन में लगी मशीन एक घंटे में 1000 चपाती और इडली बना सकती हैं या नहीं

HIGHLIGHTS

  • PM नरेंद्र मोदी ने नौसेना का सौंपा स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत
  • INS विक्रांत के नेवी में शामिल होने से भारतीय नौसेना की बढ़ गई ताकत
  • विक्रांत का प्रोजेक्ट पूरा होते होते 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लग गए
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