फिलिस्तीन के साथ हालिया झड़पों में इजरायल की 'आयरन डोम' मिसाइल रक्षा प्रणाली (Iron Dom Air Defence System) सुर्खियों में रही है. इस बीच यहूदी देश इजरायल (Israil) ने अपने शस्त्रागार में एक और घातक हथियार है जोड़ लिया है. इसे भविष्य के युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है. अत्याधुनिक हथियारों के लिए विख्यात इजरायल के नाम एक और आविष्कार जुड़ गया है. इजरायल ने दुनिया का पहला एंटी मिसाइल लेज़र सिस्टम विकसित की है. दुनिया का पहला एंटी मिसाइल लेज़र सिस्टम‘आयरन बीम’ (Air Beam Defence System) के सफल परीक्षण की जानकारी खुद इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (israel pm naftali bennett) ने दी. इजरायल के प्रधानमंत्री बेनेट ने इस ऐतिहासिक पल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सुनने में ये साइंस फिक्शन जैसा लग सकता है, लेकिन ये सच है. इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को ‘आयरन बीम’ लेजर इंस्पेक्शन का नाम दिया गया है.
एक शॉट पर महज 3.5 डॉलर का आता है खर्च
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय ने उच्च शक्ति वाले ‘आयरन बीम’ लेजर इंटरसेप्शन सिस्टम के साथ सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा किया. गौरतलब है कि ये दुनिया की पहली ऊर्जा-आधारित हथियार प्रणाली है. इससे यूएवी, रॉकेट और मोर्टार को नीचे गिराने के लिए एक लेजर का इस्तेमाल किया जाता है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेनेट के मुताबिक इससे एक शॉट के लिए महज 3.5 डॉलर का खर्च आता है. इसके अलावा, इसके इस्तेमाल से क्षेत्र पर इंटरसेप्टर का मलबा गिरने का भी कोई खतरा नहीं रहता है.
मिसाइलों को मार गिराने में है सक्षम
भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए नए हथियारों के अनुसंधान और विकास में निवेश करने वाले इजरायल ने एक लेजर हथियार आयर बीम का विकास किया है. किरण पर आधारित ये हथियार निकट दूरी की वायु रक्षा प्रणाली के रूप में बहुत ही उपयोगी है. यह मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. माना जा रहा है कि आयरन बीम एक उच्च वायु रक्षा प्रणाली के रूप में काम करेगा. इसका इस्तेमाल आयरन डोम को चकमा देकर सुरक्षित वायु क्षेत्रों में घुसने में कामयाब होने वाले खतरों को बेअसर करने के लिए होगा. हालांकि, आयरन बीम को एक स्टैंड-अलोन सिस्टम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे अधिक आबादी वाले इलाकों को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और शहर के केंद्रों पर स्थापित किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, पारंपरिक मिसाइल इंटरसेप्टर के मुकाबले एक निर्देशित ऊर्जा हथियार या लेजर हथियार का उपयोग करने का मुख्य लाभ प्रति शॉट कम लागत, सीमित संख्या में फायरिंग, कम परिचालन लागत और कम जनशक्ति के साथ ही मलबा गिरने के खतरे से छुटकारा है.
पहली बार 2011 किया गया था प्रदर्शित
आयरन बीम एक निर्देशित-ऊर्जा हथियार वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे 11 फरवरी और 2014 में सिंगापुर एयर शो में अनावरण किया गया था और 17 अगस्त 2020 को इजरायली रक्षा ठेकेदार राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम द्वारा तैनात किया गया था. प्रणाली को कम दूरी के रॉकेट, तोपखाने और मोर्टार बमों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी सीमा 7 किमी (4.3 मील) तक है. इसके अलावा, सिस्टम मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) को भी रोक सकता है. एरो 2, एरो 3, डेविड्स स्लिंग और आयरन डोम के अलावा आयरन बीम इजरायल की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली का पांचवां तत्व होगा, हालांकि, आयरन बीम को अकेले इस्तेमाल किया जा सकता है.
सस्ता और सुरक्षा करने में सक्षम है आयरन बीम
आयरन बीम फायरिंग के 4-5 सेकंड के भीतर हवाई लक्ष्य को नष्ट करने के लिए फाइबर लेजर का उपयोग करता है. इसका इस्तेमाल एक स्टैंड-अलोन सिस्टम के साथ ही एकल वायु-रक्षा प्रणाली के तौर पर किया जा सकता है. पारंपरिक मिसाइल इंटरसेप्टर के मुकाबले एक निर्देशित ऊर्जा हथियार का उपयोग करने का मुख्य लाभ प्रति शॉट कम लागत, असीमित संख्या में फायरिंग, कम परिचालन लागत और कम जनशक्ति है. संरक्षित क्षेत्र पर गिरने के लिए कोई इंटरसेप्टर मलबा भी नहीं होता है. महंगे मिसाइल इंटरसेप्टर के विपरीत, प्रत्येक इंटरसेप्शन की लागत नगण्य है. सभी लागतों को कवर करने के लिए लगभग US$2,000 प्रति शॉट, प्रति इंटरसेप्टर फायरिंग $100,000 से $150,000 के मुकाबले.
HIGHLIGHTS
- डिफेंस सिस्टम का नाम 'आयरन बीम' लेजर इंस्पेक्शन दिया गया है
- दुनिया का पहला एंटी मिसाइल लेज़र सिस्टम है ‘आयरन बीम’
- इजरायल के प्रधानमंत्री बेनेट ने वीडियो शेयर कर दी जानकारी