भारत में सिविल एविएशन (Civil Aviation) के जनक के तौर पर अगर जेआरडी टाटा का नाम लिया जाए तो उचित ही होगा. दरअसल, टाटा एयरलाइंस के राष्ट्रीयकरण के बाद भी उनका रुझान उसमें लगातार बना रहा. बता दें कि देश के आजाद होने के बाद तत्कालीन नेहरू सरकार ने टाटा एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण करने के बाद उसे एयर इंडिया के रूप में पहचान दी तो JRD TATA को उसका चेयरमैन बनाया गया. भारत के आर्थिक विकास की गाथा जब भी लिखी जाएगी उसमें भारत रत्न जेआरडी टाटा-JRD Tata (जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा) का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
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29 जुलाई 1904 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था. जेआरडी की शुरुआती शिक्षा पेरिस में हुई थी. जेआरडी टाटा शुरुआती दौर में फ्रांस की सेना में भर्ती हो गए थे. पिता को इस बात की जानकारी होने पर जेआरडी टाटा को तुरंत स्वदेश वापस बुला लिया गया. 1924 में जेआरडी सेना की नौकरी छोड़कर भारत आ गए. जेआरडी टाटा ने पारिवारिक कारोबार में शामिल होकर टाटा समूह (Tata Group) को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया.
जेसीके पीटर्सन के मार्गदर्शन में लिया शुरुआती प्रशिक्षण
जेआरडी टाटा ने अपना शुरुआती कारोबारी प्रशिक्षण टाटा के मुंबई स्थित मुख्यालय में जेसीके पीटर्सन (तत्कालीन डायरेक्टर इंचार्ज, टाटा स्टील) के मार्गदर्शन में शुरू किया. स्टील कारोबार की शुरुआती ट्रेनिंग के बाद वे 1926 में जमशेदपुर चले गए. वहां उन्होंने टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी के परिचालन का अध्ययन किया. जमशेदपुर में रहने के दौरान उन्हें पिता आरडी टाटा की मृत्यु की सूचना मिली. जेआरडी मुंबई वापस लौट गए. जेआरडी को पिता के जाने के बाद टाटा संस लिमिटेड का डायरेक्टर बनाया गया. डायरेक्टर पद पर आसीन होने के समय उनकी आयु 26 साल थी.
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1933 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी के डायरेक्टर बने
टाटा संस के डायरेक्टर जेआरडी टाटा को 1933 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया. 1938 में टाटा स्टील के तत्कालीन अध्यक्ष सर एनबी सकलतवाला की मृत्यु के बाद जेआरडी टाटा स्टील के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए. जेआरडी टाटा स्टील के अध्यक्ष पद पर लगातार 46 वर्ष तक रहे.
जेआरडी टाटा ने जब टाटा समूह की जिम्मेदारी संभाली थी उस समय सिर्फ 14 कंपनियां थीं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दूरदर्शी नीतियों से 5 दशक बाद टाटा समूह में 95 से अधिक कंपनियां खड़ी हो गईं. टाटा संस का चेयरमैन बनने के बाद उन्होंने समूह को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
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हवाई जहाज उड़ाने के थे शौकीन
जेआरडी टाटा को हवाई जहाज उड़ाने का शौक था. उन्हें 10 फरवरी 1929 को भारत के पहले पायलट के रूप में लाइसेंस मिल गया था. मई 1930 को उन्होंने 'आगा खां उड्डयन प्रतियोगिता' में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था. 15 अक्टूबर 1932 को कराची और मुंबई के बीच उड़ान भरकर जेआरडी ने टाटा उड्डयन सेवा (टाटा एविएशन सर्विस) का उद्घाटन किया था. 8 मार्च 1947 को जेआरडी द्वारा स्थापित की गई एयर इंडिया एक संयुक्त प्रक्षेत्र की कंपनी बन गई. 1 अगस्त 1953 को एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया. जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बनाया गया.
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जन्म और मृत्यु की तारीख समान
जेआरडी टाटा ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च सेंटर एंड हास्पिटल, इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर परफार्मिग आर्ट्स एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज और विभिन्न ट्रस्टों का निर्माण किया. जेआरडी का निधन 29 नवंबर 1993 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में 89 वर्ष की उम्र में हुआ था. संयोग देखिए कि उनकी जन्म की तारीख भी 29 थी और मृत्यु की तारीख भी 29 ही थी.