क्या कांग्रेस खोखली होती जा रही है.. क्या कांग्रेस का जनाधार खत्म होता जा रहा है.. क्या ओल्ड ग्रैंड पार्टी से नेताओं का मोह भंग हो रहा है. ऐसा इसलिए कि पिछले कुछ सालों से कांग्रेस पार्टी से वरिष्ठ नेताओं के जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है. कई दिग्गजों ने एक-एक कर पार्टी को अलविदा कह दिया है. हाल ही में अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा..आचार्य प्रमोद कृष्णम और अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भी कांग्रेस छोड़ने के संकेत मिल रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कमलनाथ और छिंदवाड़ा से उनके सांसद बेटे नकुलनाथ जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. बताया जा रहा है कि कमलनाथ अपने पुत्र नकुलनाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ के बारे में ये भी अटकलें लगाई गई थी कि वो इस समय कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं. हालांकि, कमलनाथ ने इस बारे में कोई सफाई नहीं दी थी.
खबर ये भी है कि कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं. मध्य प्रदेश संगठन में हुए बदलाव से भी कमलनाथ नाराज थे. प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने से कमलनाथ आलाकमान से खफा हैं. इसके अलावा राम मंदिर उद्घाटन में कांग्रेस के नहीं जाने से भी वो नाराज चल रहे थे. क्योंकि 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले उन्होंने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम के पर्चे बांटे थे, लेकिन उद्घाटन से ऐन पहले कांग्रेस ने समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया. ये बात कमलनाथ को नागवार गुजरी और उन्होंने कांग्रेस के बड़े कार्यक्रमों से भी दूरी बना ली थी.
कांग्रेस से नाराज हैं कमलनाथ
इसके अलावा हाल में जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस छोड़ा तो कमलनाथ से पूछा गया था कि प्रमोद कृष्णम कहां जाएंगे. तो उन्होंने कहा था कि सभी स्वतंत्र हैं, किसी पार्टी में रहने के लिए कोई बाध्य नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप भी बीजेपी में शामिल होंगे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहकर बात टाल दी कि अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए. ऐसे में अटकलें लगाई जाने लगी कि देर सबेर कमलनाथ भी भगवा पार्टी का दामन थामेंगे.
बेटे के भविष्य के लिए चिंतित हैं कमलनाथ
पिछले लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिली थी जो कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा की थी. जहां उनके बेटे नकुलनाथ कड़े संघर्ष से जीते थे. छिंदवाड़ा में कमलनाथ और नकुलनाथ की जीत का मार्जिन लगातार कम होता जा रहा है. वहीं, भगवा पार्टी भाजपा यहां पर मजबूत होती जा रही है. बीजेपी अपनी कमजोर सीटों की सूची में छिंदवाड़ा को भी डाले हुई है. छिंदवाड़ा में बीजेपी काफी मेहनत कर रही है. बीजेपी का दावा है कि छिंदवाड़ा में इस बार वह जीत दर्ज करेगी.
कमलनाथ की ओर से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में जाने के संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रवक्ता और कमलनाथ के पूर्व मीडिया सलाहकार नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ-नकुलनाथ की फोटो सोशल मीडिया X पर शेयर करते हुए लिखा ''जय श्री राम'', जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि कमलनाथ-नकुलनाथ भगवा पार्टी में शामिल हो रहे हैं. हालांकि, कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ की ओर से अभी इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है और ना ही उन्हों इसका खंड़न किया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी में शामिल होने के लिए नकुलनाथ दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए. अगर कमलनाथ कांग्रेस छोड़ते हैं तो पार्टी के लिए किसी किला ढ़हने जैसा होगा. क्योंकि 50 सालों का राजनीतिक अनुभव और मशहूर कारोबारी कमलनाथ ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है.
क्यों दरक रही कांग्रेस?
एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं. तो दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी पार्टी से नेता नाता तोड़ रहे. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस लोकसभा में 50 सीटें भी जीत नहीं पाई थी. मोदी के रथ पर सवार बीजेपी को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया अलायंस भी बनाया था. देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बैठकें भी आयोजित की गई थी, लेकिन सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनने से गठबंधन की गांठ मजबूत नहीं हुई, लिहाजा सपा, आप, टीएमसी समेत अन्य दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए अगामी आम चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. अगर राहुल गांधी पार्टी के भीतर नेताओं के बीच सामांजस्य नहीं बैठा पाए तो पार्टी को दरकने में देर नहीं लगेगी और पार्टी पूरी तरह से रसातल में चली जाएगी.
Source : News Nation Bureau