प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज यानी सोमवार (31 दिसंबर 2021) से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे के दौरान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के फेज-1 का उद्घाटन करेंगे. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath corridor) के निर्माण पर 339 करोड़ रुपये का खर्च आया है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से वाराणसी की तस्वीर बदलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. जहां तक काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) को मिलने वाले दान की बात है तो यह देश के प्रमुख मंदिरों में शामिल है. काशी विश्वनाथ मंदिर को मुख्य रूप से दान और हेल्पडेस्क काउंटर्स से बिकने वाली टिकटों के जरिए पैसा मिलता है. बता दें कि पीएम एम मोदी ने कॉरिडोर के लिए 13 तारीख का चयन भी खास रणनीति के तहत किया है. इसी तारीख को लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद पर आतंकी हमला हुआ था. दूसरे 14 दिसंबर से खरमास भी शुरू हो रहा है. ऐसे में 13 तारीख का चयन एक खास रणनीति का हिस्सा है.
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हर महीने इतना मिलता है दान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर को हर महीने हुंडी/दान के जरिए 70 लाख रुपये और हेल्पडेस्क के जरिए हर महीने 1 करोड़ रुपये मिलते हैं. बता दें कि मंदिर के हेल्पडेस्क काउंटर के जरिए अनुष्ठानों, धार्मिक क्रियाओं, आरती और अन्य गतिविधियों के लिए मैनुअल और ऑनलाइन टिकटों की बिक्री होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि मंदिर में रोजाना औसतन 10 हजार श्रद्धालु और पर्यटकों का आते हैं. त्यौहारों के दौरान भक्तों की संख्या रोजाना 20 हजार के पार पहुंच जाती है.
हालांकि पिछले साल यानी 2020 में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से मंदिर को मिलने वाले दान में काफी गिरावट दर्ज की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन में काशी विश्ननाथ मंदिर को मिलने वाले दान में रोजाना 5.50 लाख रुपये का नुकसान दर्ज किया गया था. हालांकि लॉकडाउन में अन्नक्षेत्र के लिए तकरीबन 30 लाख रुपये का दान मिला था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में मंदिर को मिलने वाला कुल दान 26.65 करोड़ रुपये, 2019-20 में 26.47 करोड़ रुपये और 2020-21 में 12.58 करोड़ रुपये था.
HIGHLIGHTS
- लॉकडाउन की वजह से दान में काफी गिरावट दर्ज की गई थी
- लॉकडाउन में अन्नक्षेत्र के लिए तकरीबन 30 लाख दान मिला था