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Drone का बढ़ता अवैध इस्तेमाल देश के लिए बना बड़ा खतरा, जानिए कैसे

यह रिसर्च लैब अवैध ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगाएगी. यह एक ऐसी पहल है, जिसे देश के अन्य राज्य भी अमल में ला सकते हैं.

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Nihar Saxena
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केरल में ड्रोन फॉरेंसिक लैब देश के लिए बन सकती है बड़ी नजीर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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केरल (kerala) देश का पहला ऐसा राज्य बन कर उभरा है, जहां ड्रोन (Drone) फॉरेंसिक लैब एंड रिसर्च सेंटर शुरू किया गया है. यह रिसर्च लैब अवैध ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगाएगी. यह एक ऐसी पहल है, जिसे देश के अन्य राज्य भी अमल में ला सकते हैं. जून में जम्मू एयरफोर्स (Jammu Airforce) पर हमले और पंजाब में सीमा पार से ड्रोन के जरिये हथियारों और नशीले मदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की जानकारी सामने आने के बाद ड्रोन के अवैध इस्तेमाल पर रोक महती जरूरत बन चुकी है. इसके अलावा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में नक्सली भी ड्रोन के जरिये पुलिस पोस्ट पर निगाह रख रहे हैं. ऐसे में ड्रोन के अवैध इस्तेमाल की केरल फॉरेंसिक लैब की पहल अंदरूनी और बाह्य सुरक्षा के लिए अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है. हालांकि ड्रोन के खतरे को भांप कर ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसी साल कुछ नए नियम लागू किए हैं. 

सैन्य इस्तेमाल के लिए मुफीद अवैध ड्रोन बड़ा खतरा
ड्रोन का इस्तेमाल सही है या गलत इस बहस से इतर यह समझना भी बेहद जरूरी है कि बदलते दौर में सरकारी विभागों, सुरक्षा एजेंसियों के लिए ड्रोन एक जरूरत बन कर उभरा है. इस तकनीक का इस्तेमाल आतंकी संगठन भी कर रहे हैं. इसके जरिए रेकी कर वह किसी भी संवेदनशील इमारत के बारे में न सिर्फ सटीक जानकारी जुटा सकते हैं, बल्कि उसे तबाह भी कर सकते हैं. अब तो किसी भी खेल में कवरेज और उसे विभिन्न एंगलों से कवर करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बहुतायत से किया जाने लगा है. हालांकि इस कड़ी में सैन्य इस्तेमाल के लिए मुफीद ड्रोन के अवैध इस्तेमाल ने सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर बल ला दिए हैं. 

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भारत सैन्य मानक ड्रोन का तीसरा बड़ा आयातक देश
भारत के थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक भारत सैन्य इस्तेमाल वाले ड्रोन का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है. आंकड़ों की भाषा में बात करें तो इसकी हिस्सेदारी 6.8 फीसदी है. ऐसे में ड्रोन के अवैध इस्तेमाल को रोकने की चुनौती भी और बढ़ जाती है. हालांकि यह भी सच है कि ड्रोन का इस्तेमाल कई अच्छे कामों के लिए भी हो रहा है. मसलन सरकार ने तेलंगाना में कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन के सशर्त इस्तेमाल की अनुमति दी थी. इसी महीने केरल में संपत्ति के सही नक्शे के तैयार करने में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. इसके बावजूद सैन्य मानकों पर खरा उतरने वाले ड्रोन का अवैध इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गहरा खतरा बन चुका है. इस कड़ी में केरल की फॉरेंसिक लैब काफी कारगर साबित हो सकती है. 

ड्रोन के ये हैं नए नियम
गौरतलब है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इनसे जुड़े खतरों के मद्देनजर इसी साल कुछ नियम लागू किए थे. इसके तहत देशभर में 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने को लेकर नए नियम लागू हैं. इसके तहत अब बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इसके लिए सर्टिफिकेट लेना भी आवश्यक होगा. इन नए नियमों के मुताबिक अब 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने के लिए कम से कम 18 साल उम्र होनी चाहिए. इसके अलावा, दसवीं तक की पढ़ाई, मेडिकल सर्टिफिकेट और सरकारी एग्जाम पास करना भी आवश्यक होगा. बिना ट्रेनिंग और लाइसेंस के ड्रोन उड़ाने पर अब 25 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके तहत अब ड्रोन उड़ाने, ड्रोन बनाने, ड्रोन की खरीद-बिक्री के लिए मंजूरी लेनी आवश्यक है. वहीं, ये नियम 12 मार्च से लागू कर दिए गए हैं. इन नियमों के मुताबिक, खरीद-बिक्री, निर्माण, आयात सहित अन्य गतिविधियों के लिए अब मंजूरी लेनी होगी. ऐसा नहीं करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.

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बिना लाइसेंस के ड्रोन उड़ाने पर कार्रवाई
नए नियमों के मुताबिक बिना लाइसेंस के ड्रोन उड़ाना, एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में उड़ाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा. वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा के 25 किलोमीटर दायरे में ड्रोन उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. वहीं, सरकारी संस्थानों जैसे- सचिवालय, विधानसभा और किसी भी रक्षा संस्थानों के आसपास ड्रोन उड़ाने पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है. ड्रोन उड़ाने के लिए भी अब अनुमति लेनी भी जरूरी है. इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई करना होगा. साथ ही यदि नियम का उल्लंघन  करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. इन नियमों के लागू होने के बाद से ड्रोन के अवैध रूप से इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. 

डीजीसीए से लेनी होगी इजाजत
अगर आपके पास ड्रोन है और आप कहीं भी उड़ा देते हैं तो अब सावधान हो जाएं. अब आप इसे कहीं भी उड़ा नहीं सकते. भारत सरकार ने इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश दिया. अगर आपने कहीं भी ड्रोन उड़ा दिया और नियमों की जानकारी नहीं रखी, तो कार्रवाई के लिए भी तैयार रहें. ड्रोन के नियमों को लेकर सरकार ने कड़ाई की है. इन नये नियमों को लागू कर दिया गया है. सबसे बड़ी बात तो यही है कि अगर आपके पास ड्रोन है जिसका वजन 250 ग्राम से ज्यादा है तो आपको ड्रोन उड़ाने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवीएशन की इजाजत लेनी होगी. हालांकि छोटे ड्रोन को अलग कैटिगिरी में रखा गया है. इसकी क्षमता गति 15 मीटर प्रति सेंकड उड़ान के समय या फिर इससे ज्यादा गति जिसमें 100 मीटर प्रति सेंकड होगी इन्हें भी उड़ाने के लिए इजाजत लेनी होगी.

क्या होगा जुर्म 
ड्रोन का अनाधिकृत इस्तेमाल करना, अनाधिकृत ढंग से खरीदना, अनाधिकृत बेचना और लीज पर देना मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है. अगर ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्ति ने रिमोट पायलेट का लाइसेंस नहीं लिया है तो भी उसे अपराधी माना जायेगा. ड्रोन का इस्तेमाल सामान लाने पहुंचाने केलिए अभी नहीं किया जा सकता. इसका इस्तेमाल फोटोग्राफी के लिए, सुरक्षा और विभिन्न जानकारी एकत्र करने के लिए ही किया जा सकेगा. इसकी इजाजत दी गयी है.

HIGHLIGHTS

  • केरल में खुली है देश की पहली ड्रोन फॉरेंसिक लैब
  • ड्रोन के अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाने की मुहिम
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं ड्रोन
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