देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के नौ महीने से भी अधिक समय बाद देश को दूसरा सीडीएस मिल गया है. सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) के नाम की देश के दूसरे सीडीएस बतौर घोषणा कर दी गई है. सीडीएस पद का सृजन सेना के तीनों अंग यानी थल सेना, नौसेना और वायुसेना में परस्पर सामंजस्य लाने और देश की समग्र सैन्य क्षमता में मजबूती लाने के लिए किया गया है. केंद्र सरकार पहले से सीडीएस (CDS) के जरिये देश में नई थिएटर कमांड स्थापित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम उठाने की कार्ययोजना पर काम कर रही है. देश जब ढाई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है तब पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की इन चुनौतियों से निपटने में भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही थी. हेलीकॉप्टर हादसे में उनकी अचानक हुई मौत से देश के सैन्य नेतृत्व को गहरा धक्का लगा था. इस कड़ी में अब सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की सीडीएस बतौर नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान को तो गति मिलेगी ही, साथ ही सीमा पर रक्षा पंक्ति भी और मजबूत हो सकेगी. करीब 40 साल के अनुभव में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने न सिर्फ कई कमांड का नेतृत्व किया, बल्कि पूर्वोत्तर समेत जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सैन्य मामलों के विभाग के सचिव की जिम्मेदारी भी अनिल चौहान को
2021 मई में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हुए थे और तभी से एनएससीएस के सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे. गौरतलब है कि बालाकोट पर आतंकी हमले के वक्त वह डीजीएमओ के पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसके बाद ऑपरेशन सनराइज के पीछे अनिल चौहान का ही दिमाग माना जाता है. अब देश के दूसरे सीडीएस की जिम्मेदारी के साथ-साथ वह सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव पद की जिम्मेदारी भी संभालेंगे. रक्षा मंत्रालय ने नए सीडीएस के रूप में उनके नाम की घोषणा बुधवार शाम को की. सुविज्ञ रहे कि 8 दिसंबर, 2021 को देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 12 अन्य सैन्य अधिकारियों को हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने के बाद सीडीएस पद खाली पड़ा था. ऐसे में जानते हैं देश के दूसरे सीडीएस सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों को...
- सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ. 1981 में उन्हें 11 भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स की जिम्मेदारी के साथ भारतीय सेना में कमीशन दिया गया.
- उन्होंने कोलकाता के केंद्रीय विद्यालय में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की. वह बतौर सैनिक ढलने के लिए इस शहर को श्रेय देते हैं.
- सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान नेशनल डिफेंस अकादमी, खड़कवासला और देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी के पूर्व छात्र हैं.
- उत्तरी कमांड की बेहद चुनौतीपूर्ण करार दिए जाने वाले बारामूला सेक्टर में उन्होंने इंफेंट्री डिविजन की कमान भी संभाली.
- लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर अनिल चौहान ने पूर्वोत्तर में कोर कमान की जिम्मेदारी संभालते हुए कई अलगवावादी विरोधी अभियानों को सफल नेतृत्व प्रदान किया. बाद में वह सितंबर 2019 पूर्वी कमान में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के पद पर प्रोन्नत किए गए. अपनी सेवानिवृत्ति तक वह इस जिम्मेदारी को संभालते रहे.
- इन कमांड पदों की जिम्मेदारी संभालते हुए अनिल चौहान ने कई महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियां भी की हैं, जिनमें सैन्य संचालन महानिदेशक भी प्रमुख है.
- सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने तमाम जिम्मेदारियों के अलावा संयुक्त राष्ट्र के अंगोला मिशन में भी अपनी सेवाएं दी हैं.
- अनिल चौहान पिछले साल 31 मई को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे.
- भारतीय सेना से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी वह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक मसलों में अपना योगदान देते रहे.
- सेना के लिए शानदार और विशिष्ट सेवा के लिए सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को कई पदकों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है. इनमें भी परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेना मेडल प्रमुख है.
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बड़े संशोधन के चार महीने बाद बने देश के दूसरे सीडीएस अनिल चौहान
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की सीडीएस पद पर नियुक्ति भारतीय सेना में किए गए एक बड़े संशोधन के लगभग चार महीने बाद हुई है. केंद्र सरकार ने लगभग चार महीने पहले सीडीएस के चयन के पूल को और व्यापक बनाने के लिए जून की शुरुआत में थलसेना, नौसेना और वायु सेना के पदोन्नति क्रम से जुड़े नियमों में बड़ा संशोधन किया था. इसके तहत देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की योग्यता के लिए सेवानिवृत्त तीन सितारा अधिकारी भी दावेदार हो गए हैं. दूसरे सीडीएस बतौर जिम्मेदारी निभाते हुए सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के स्थायी अध्यक्ष भी रहेंगे. इसके साथ ही वह रक्षा मंत्री के एकल बिंदु सैन्य सलाहकार की भूमिका भी निभाएंगे.
नई थिएटर कमांड सीडीएस की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी
बतौर देश के दूसरे सीडीएस सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की नई थिएटर कमांड की स्थापना कर भारतीय सेना के तीनों अंगों के बीच परस्पर तालमेल बढ़ाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. पहले सीडीएस बिपिन रावत की आकस्मिक मौत के बाद नई थिएटर कमांड की स्थापना की प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी. इसके अलावा लंबे समय से लंबित पड़े सैन्य सुधार भी उनकी शीर्ष प्राथिमकता में रहेंगे. भारतीय सशस्त्र सेना की फिलवक्त 17 सिंगल सर्विस थिएटर कमांड्स हैं, जिनमें थल सेना और वायु सेना की सात-सात और नौसेना की तीन थिएटर कमांड हैं. इसकेअलावा चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों से निपटना भी सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगा. खासकर जब सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है तो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी फिर कोई दुस्साहस दिखा सकती है. यहां यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि अगले माह चीनी राष्ट्रपति तीसरे कार्यकाल के लिए अपना रास्ता प्रशस्त कर लेंगे.
HIGHLIGHTS
- पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौत के 9 माह से अधिक समय बाद मिला दूसरा सीडीएस
- देश में नई थिएटर कमांड की स्थापना दूसरे सीडीएस अनिल चौहान की होगी प्राथमिकता
- इसके अलावा अनिल चौहान रक्षा मंत्री के एकल बिंदु सैन्य सलाहकार की जिम्मेदारी भी निभाएंगे