Who is Haji Iqbal? हाजी इकबाल का नाम आज हर किसी की जुबान पर है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को उसकी 4440 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली. अकूत संपत्ति का मालिक हाजी इकबाल उर्फ बाला कभी यूपी की बसपा सरकार के समय जाना माना नाम हुआ करता है. लोग उसे सलाम ठोकते थे. अवैध खनन के कारोबार से हाजी इकबाल ने अकूत दौलत कमाई और इसके सहारे उसने खुद से जुड़े लोगों को भी करोड़पति बना दिया. लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाजी इकबाल पर चाबुक चलाना शुरू कर दिया है और उसकी 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. ये पहली बार नहीं है जब उसकी करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई हो, इससे पहले भी उसपर इसी प्रकार की कार्रवाई हो चुकी है. हाजी इकबाल पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज है.
ये भी पढ़ें: Explainer: राज्यसभा में घटेगी I.N.D.I.A की ताकत, उपचुनाव में 10 में से 9 सीटों पर NDA की जीत तय! जानिए कैसे?
सपा-बसपा सरकार में फला-फूला कारोबार
जब उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की सरकार थी, तब हाजी इकलाब पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया था. उसने करोड़ों का अवैध कारोबार फैला रखा था. खनन के अवैध कारोबार से उसने अकूत दौलत कमाई, मई 2022 में सहारनपुर पुलिस ने हाजी इकबाल के करीबियों की 107 करोड़ की 123 संपत्तियों को जब्त किया था. इस मामले में जब जांच की गई तो उसके गैंग के नाम पर 123 संपत्तियां दर्ज थीं, जिनकी कीमत 36.40 करोड़ से ज्यादा थी. ये संपत्तियां हाइवे किनारे होने की वजह से बेहद कीमती थी. बाजार में जिनका मूल्य लगभग 106 करोड़ 93 लाख से ज्यादा आंका गया था.
तीन साल पहले हुई थी ईडी की कार्रवाई
बता दें कि मार्च 2021 में ईडी ने यूपी के चीनी मिल घोटाले में पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल उर्फ बाला के खिलाफ कार्रवाई की. तब ईडी ने उसकी एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को अटैच किया था. यह मामला राजय की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल का था. बता दें कि यूपी में साल 2010 से लेकर 2011 के दौरान करीब 11 चीनी मिलों को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया. आरोप लगा कि उस डील से राज्य और केंद्र सरकार को करीब 1,179 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
ये भी पढ़ें: Explainer: सेना को मिला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, दुश्मन के घर में घुसकर होगी एयरस्ट्राइक, हैरान करती है ताकत!
कैसे किया था चीनी मिलों का अधिग्रहण
योगी सरकार में जब चीनी मिलों के अधिग्रहण की जांच की गई तो पता चला कि नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और गिरीशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड हाजी इकबाल के नियंत्रण वाली शेल कंपनियां हैं. जांच में पता चला कि पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके परिवार के सदस्यों ने 2010-11 के दौरान यूपी सरकार की चीनी मिलों के विनिवेश की बोली प्रक्रिया में भाग लिया था. अलग-अलग शेल कंपनियों के माध्यम से 7 चीनी मिलों का अधिग्रहण किया गया. इसमें विभिन्न शेल कंपनियों के डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था.
ये चीनी मिल बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में स्थित हैं. हाजी इकबाल और उसके परिवार ने बोली लगाकर गिरीशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सात कंपनियों को खरीद लिया. इसके अलावा एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, आदर्श शुगर प्राइवेट लिमिटेड, एजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, मेजेस्टी शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मास्टिफ शुगर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी हाजी इकबाल के परिवार ने खरीद लिया.
ये भी पढ़ें: Explainer: इटली के लिए क्यों खास है अपोलिया, जहां हो रहा है G7 समिट, देखते ही बनती है खूबसूरती!
2022 में पुलिस ने की कार्रवाई
उसके बाद साल 2022 के मई महीने में सहारनपुर पुलिस ने भी हाजी इकबाल के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की थी. सहारनपुर पुलिस ने राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के साथ मिलकर 21 करोड़ की 50 बेनामी संपत्तियों को कुर्क कर लिया. तब पुलिस ने 9 अप्रैल 2022 को हाजी इकबाल और उसके छह साथियों के खिलाफ थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में जंगल से बड़े पैमाने पर लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन से जुड़े कारोबार और दबंगई के बल पर लोगों को डरा धमकाकर धोखाधड़ी करके सरकारी, गैर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला भी सामने आया था.
हाजी इकबाल के परिवार पर भी दर्ज हैं दर्जनों मामले
पुलिस ने हाजी इकबाल और उसके गैंग पर कई मामले दर्ज किए. हाजी इकबाल पर सहारनपुर के विभिन्न थानों में 2022 में 28 केस दर्ज थे. जबकि उसके बेटे अब्दुल वाहिद उर्फ वाजिद और जावेद पर लखनऊ से लेकर सहारनपुर तक 12 केस दर्ज किए गए. तीसरे बेटे अफजाल पर 3 और चौथे बेटे आलीशान पर सात मामले दर्ज किए गए थे.
लखनऊ में 11 करोड़ की कोठी पर लगा सरकारी ताला
इसके साथ ही पिछले साल हाजी इकबाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की गई और लखनऊ स्थित 11 करोड़ की कोठी पर तालाबंदी कर दी गई थी. यही नहीं सरकार ने सहारनपुर में हाजी इकबाल के घरों पर बुलडोजर चलवा दिया. हाजी इकबाल और उनके चार बेटों पर मिर्जापुर और बेहट थानों में धमकाने और अवैध खनन के केस दर्ज हैं. इसके अलावा जमीनों पर कब्जे और नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप भी उसपर लगे हैं.
ये भी पढ़ें: Explainer: ब्रेन रोट क्या है और इंटरनेट पर क्यों हो रही है चर्चा? चौंकाने वाली है जानकारी, ऐसे बचें!
अब ईडी ने क्यों की कार्रवाई
इस बार प्रवर्तन निदेशालय ने हाजी इकबाल की जो संपत्ति जब्त की है, उसके बारे में कहा गया है कि हाजी इकबाल ने अवैध खनन से जुटाई गई 500 करोड़ की रकम का इस्तेमाल जमीन खरीदने और विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण में किया है. इस संपत्ति की वर्तमान में बाजार में कीमत 4,439 करोड़ रुपये है. ईडी के मुताबिक, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल फरार है, ऐसा माना जा रहा है कि वह दुबई में है. उसके चार बेटे और और भाई जेल में बंद हैं.
Source : News Nation Bureau