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70 सालों बाद चीतों को मिला भारतीय घर, जानें कुनो नेशनल पार्क के बारे में

नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को घर देने के लिए देश में लगभग 10 स्थानों को देखा गया, उनमें मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क को सबसे मुफीद पाया गया. साल के अंत में 12 चीते और लाए जाएंगे, जिन्हें गुजरात और छत्तीसगढ़ में बसाया जाएगा.

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Nihar Saxena
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Kuno Park

अस्सी के दशक में सेंक्चुरी से मिला नेशनल पार्क का दर्जा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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1952 में भारत देश में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. अब शनिवार को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्य भारत की विंध्य पर्वत श्रृंखला में फैले कुनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद तीन चीतों को बाड़ा खोलकर पार्क में रिहा किया. बिल्ली प्रजाति के चीतों को इतनी बड़ी संख्या में नामीबिया (Namibia) से लाकर भारत में संरक्षित कर बसाए जाने को दुनिया का सबसे पहला अंतरमहाद्विपीय अभियान करार दिया जा रहा है. संयोग की बात है कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का जन्मदिन भी है. ऐसे में पीएम मोदी का मध्य प्रदेश में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने एक ट्वीट भी किया. इसमें उन्होंने लिखा, 'मध्य प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है.' ऐसे में जानते हैं सात दशकों बाद भारत में चीतों का पहला घर बने कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के बारे में.

कुनो नेशनल पार्क की कुछ खास बातें

  • एक सेंक्चुरी के रूप में शुरू किया गया कुनो नेशनल पार्क आज लगभग 350 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसका आकार पत्ती की तरह है, जिसके बीच से कुनो नदी बहती है. आसमान से देखने पर कुनो नदी नेशनल पार्क की रीढ़ की हड्डी की तरह दिखती है.
  • कुनो नेशनल पार्क कुनो वन्यजीव प्रभाग में आता है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1235 वर्ग किलोमीटर है. 1980 के दशक में एशियाई शेरों को बसाने की एक योजना के तहत इसे एक सेंक्चुरी से नेशनल पार्क के दर्जे में तब्दील कर दिया गया.
  • कुनो के 750 वर्ग किलोमीटर के इलाके को दो दर्जन चीताओं को बसाने के लिए मुफीद पाया गया है. नामीबिया से लाए गए आठ चीते अंतरमहाद्विपीय स्थानांतरण के लिहाज से दुनिया में पहली बार अंजाम दिया गया अभियान है. इसका कोई अन्य उदाहरण अभी तक देखने में नहीं आया है.
  • कुनो नेशनल पार्क की एक अन्य बेजोड़ खूबी पहाड़ घर के पास 30 हजार साल पुरानी गुफा पेंटिंग्स हैं. इनमें तमाम जंगली जानवरों को दिखाया गया है.  
  • कुनो नेशनल पार्क की समृद्ध जैव विविधता है. यहां पेड़ों की 123 प्रजातियां है, झाड़ियों की 71 प्रजातियां, 32 प्रजाति की बेल-पत्तियां, बांस और घास-फूस की 34 प्रजातियां, स्तनपायी जानवरों की 33 प्रजातियां, 206 प्रजातियों के पक्षी, मछली की 14 प्रजातियां और 33 प्रजाति के सरिसृप समेत उभयचर प्राणियों की 10 प्रजातियां पाई जाती हैं. 

HIGHLIGHTS

  • कुनो नेशनल पार्क 2 दर्जन चीतों को बसाने के लिए मुफीद
  • कुनो के 750 वर्ग किलोमीटर इलाके में छोड़े गए हैं चीते
  • 1980 के दशक में कुनो को मिला था नेशनल पार्क का दर्जा
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