संसद में कथित गोरक्षकों द्वारा की जा रही हत्या को लेकर हंगामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गतिरोध तोड़ने के लिए गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमारी सरकार इस तरह की घटनाओं को लेकर शुरुआत से ही काफी गंभीर है। इसलिए विपक्ष इस तरह के मुद्दे को राजनीतिक रंग न दे। सरकार इन सभी मुद्दे को लेकर गंभीर है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
राज्यसभा में वित्त मंत्री जेटली ने अपना बयान दर्ज़ कराते हुए कहा, 'गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम मोदी पहले दिन से ही गोरक्षा के नाम पर क़ानून को अपने हाथ में लेने को ग़लत करार देते रहे हैं और घटना पर आपत्ति ज़ाहिर कर चुके हैं।'
जेटली ने कहा, 'इस तरह की हिंसक घटनाओं को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। हिंसा कभी भी तरफदारी का मुद्दा नहीं हो सकता।'
आगे उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी हिंसक घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की तरफ से एक्शन लिए जा रहे हैं साथ ही कुछ ज़िम्मेदार लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है। इन सभी लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की गई है। जो भी दोषी पाएं जाएंगे, क़ानून के दायरे में उन सभी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
मॉब लिंचिंग पर कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार खरी-खरी सुनाई, अलग कानून से इनकार
बता दें कि मानसून सत्र के तीसरे दिन (बुधवार) को मॉब लिंचिंग (भीड़ के किसी शखस को पीट-पीट कर मार डालने की घटना) को लेकर राज्यसभा में जबरदस्त हंगाम हुआ था।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जैसे ही इस मुद्दे को सदन में उठाया तमाम विपक्षी पार्टियों भी केंद्र सरकार को इसपर घेरने में जुट गई। हंगाम इतना बढ़ गया कि एक बार सदन को स्थगित करने तक की नौबत आ गई।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'भीड़ आए दिन किसी ना किसी मुद्दे पर किसी शख्स को पीट-पीट कर मार डालती है। उन्होंने कहा झारखंड मॉब लिंचिंग का अखाड़ा बना हुआ है वहां आए दिन किसी ना किसी को भीड़ पीट-पीट मार डालती है।'
मानसून सत्र: किसानों के मुद्दे पर हंगामे के बाद दिन भर के लिए लोकसभा स्थगित
Source : News Nation Bureau