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Maharashtra Politics : क्या शिवसेना की राह पर जा रही NCP?

Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी घमासान जारी है. इस बार राजनीति के शतरंज में भतीजे ने चाचा को मात दे दी और वजीर बन गए.

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Deepak Pandey
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शरद पवार और उद्धव ठाकरे( Photo Credit : News Nation)

Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला. एनसीपी नेता अजित पवार अपने विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए. सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में पवार ने राजभवन में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. साथ ही उनके 8 विधायक भी मंत्री बनाए गए हैं. भतीजे की इस गुगली में चाचा फंस गए और पूरी तरह बोल्ड हो गए. पिछले साल यही हाल पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के साथ भी हुआ था. ऐसे में अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या एनसीपी भी शिवसेना की राह पर जा रही है? 

   

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद अजित पवार ने अब पार्टी एनसीपी पर दावा ठोक दिया है. उन्होंने कहा कि उनके पास पार्टी और चुनाव चिह्न है और वे अगले चुनाव एनसीपी के चुनाव चिह्न पर ही लड़ेंगे, क्योंकि उनको 42 विधायकों और 6 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है. इसे लेकर शरद पवार का कहना है कि यह जनता तय करेगी कि पार्टी पर किसका हक है. दोनों बयानों से यह स्पष्ट है कि अब अगली लड़ाई एनसीपी की दावेदारी पर होने वाली है. 

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जानें क्या कहते हैं आंकड़े

किसी भी पार्टी पर अधिकार के लिए दो तिहाई बहुमत होना चाहिए. एनसीपी के पास मौजूदा समय में 54 विधायक हैं. ऐसे में पार्टी और चुनाव चिह्न पर मालिकाना हक पाने के लिए अजित पवार के पाले में दो दिहाई यानी 36 से ज्यादा विधायक होने चाहिए. अगर अजित पवार के साथ 42 विधायक चले जाते हैं तो एनसीपी की भी वैसी स्थिति हो जाएगी जैसे एक साल पहले शिवसेना की हुई थी. यानी एकनाथ शिंदे ने पहले शिवसेना में बगावत की और फिर सरकार को समर्थन देकर खुद मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद उन्होंने असली शिवसेना का दावा किया और संख्या बल में अधिक होने की वजह से चुनाव आयोग ने उन्हें ही पार्टी और चुनाव चिह्न दे दिया था. 

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एकनाथ शिंदे का कद हुआ कम

अजित पवार के डिप्टी बनने से सरकार में सीएम एकनाथ शिंदे का कद थोड़ा कम हो जाएगा. अब राज्य में सरकार चलाने के लिए भाजपा को पूरी तरह से शिंदे की शिवसेना पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और महाराष्ट्र में पार्टी को भी मजबूती मिली है. पिछले दिनों बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र फडणवीस को फिर सीएम बनाने की मांग की थी. सरकार में अजित पवार और उनके विधायकों के आने से इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि एक बार फिर फडणवीस सीएम की रेस में आगे निकल गए हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि पार्टी के किसी बड़े नेता ने नहीं की है.  

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