गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल-महाराष्ट्र के बाद बिहार की नहीं दिखेंगी झांकियां, राजद का मोदी सरकार पर हमला

गणतंत्र दिवस परेड में ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है.

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Deepak Pandey
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गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल-महाराष्ट्र के बाद बिहार की नहीं दिखेंगी झांकियां, राजद का मोदी सरकार पर हमला

पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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गणतंत्र दिवस परेड में ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. प्रस्ताव के खारिज होने का मतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होगा. दिल्ली स्थित बिहार सूचना केंद्र के सूत्रों ने बिहार की झांकी के प्रस्ताव के खारिज होने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि प्रस्ताव को इस आधार पर स्वीकृति नहीं मिली कि यह राज्यों की झांकियों के चयन के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर सकी.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरित क्षेत्र और भूजल स्तर को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2019 में ‘जल-जीवन-हरियाली मिशन’ की शुरुआत की थी. बिहार ने इसी थीम पर आधारित झांकी का प्रस्ताव दिया था. विपक्षी राजद ने झांकी का प्रस्ताव खारिज होने पर केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर बिहार के लोगों का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया.

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उन्होंने (केंद्र की राजग सरकार ने) बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को खारिज किया और अब गणतंत्र दिवस पर झांकी के जरिए अपनी योजना का प्रदर्शन करने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया. यह ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा की ‘डबल इंजन’ की सरकार की सच्चाई है.

साल 2020 की गणतंत्र दिवस की परेड में पश्चिम बंगाल (West Bengal Tablea) के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी (Maharashtra Tableau) भी देखने को नहीं मिलेगी. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र अवध ने दावा किया कि इस बार के गणतंत्र दिवस की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को गृह मंत्रालय ने स्वीकार करने से मना कर दिया है. इस पर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.

शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है. अगर यही कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती. बता दें कि 26 जनवरी को राजपथ पर कई झांकियां निकलती हैं, जिनमें राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय मंत्रालयों की उपस्थिति होती है.

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केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज करने पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि यह बंगाल के लिए नया नहीं है. दिल्ली को बंगाल से डर लगता है. वे दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में एनसीआर (NRC) और सीएए (CAA) को बंगाल रद्द कर देगा.

इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में कुल 22 झांकियां दिखाई जाएंगी. इसमें 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश की और 6 केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से होंगी. रक्षा मंत्रालय के पास परेड के लिए कुल 56 झांकियों का प्रपोजल आया था. गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाई जाने वाली झांकी को लेकर राज्यों, मंत्रालयों की तरफ से इस बार केंद्र सरकार के पास कुल 56 प्रपोजल भेजे गए थे. इनमें पश्चिम बंगाल की सरकार का प्रपोजल भी शामिल था. केंद्र सरकार ने बंगाल की झांकी के प्रपोजल को ठुकरा दिया.

संजय राउत ने कहा कि इस बार की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नहीं किया गया है. यह जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स द्वारा तैयार किया गया है. हमें इसके लिए ज्यादातर बार पुरस्कार मिला है. ऐसा क्या हुआ कि इस बार महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को जगह नहीं मिली. दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है यही कारण है. यह महाराष्ट्र का बड़ा अपमान है.

उन्होंने कहा कि पूरा महाराष्ट्र गणतंत्र दिवस परेड का इंतजार करता है. मैं महाराष्ट्र के सीएम से मामले में जांच करने की अपील करता हूं. शिवसेना सांसद ने कहा कि हमें अब अन्य राज्यों को देखना होगा जहां पर बीजेपी सत्ता में नहीं है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड को शामिल किया जाता है या नहीं ये अब देखना होगा.

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Source : Bhasha

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