बहुबली मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्तार विधानसभा से बसपा के विधायक हैं. विधानसभा सत्र की कार्यवाही में लगातार 60 दिन शामिल न होने कारण उनकी सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है. इसे लेकर एक याचिका भी विधानसभा अध्यक्ष ह्दयनारायण दीक्षित के पास विचाराधीन है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 192 में यह व्यवस्था दी गयी है कि यदि कोई सदस्य सदन में लगातार 60 दिन अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सदस्यता रद्द कर सकती है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर 4 नवम्बर 2020 को वाराणसी में माफिया विरोधी मंच चलाने वाले सुधीर सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को विधायक मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका पत्र दिया था.
उन्होंने अपने याचिका पत्र में कहा है कि विधानसभा के किसी भी सत्र या संविधानिक चर्चा में वह नहीं शामिल हो रहे हैं, जबकि भारतीय संविधान के अनुसार लगातार 60 दिन तक सत्र में अनुपस्थित रहने वाले विधायक की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान और इसलिए वह अंसारी की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हैं. याचिका कर्ता माफिया विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ह्दयनारायण दीक्षित और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से मुलाकात कर चुके हैं.
यह भी पढ़ेंः Coronavirus (Covid-19): नोएडा में 17 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू
अभी उस याचिका का अध्ययन करके उसे विधिक राय के पास भेजा गया है. अगर भाजपा की ओर से कोई याचिका आती है तो परीक्षण करवा कर जब भी सदन आहूत होगा, तब उसका निस्तारण हो सकता है. दीक्षित ने बताया कि मुख्तार अंसारी के 60 दिन से ज्यादा हो चुके है. जब सदन चलता है तभी यह दिन गिने जाते हैं. ज्ञात हो कि मफिया विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा मंडल कारागार में फिलाहाल 16 नम्बर मुलाहिजा बैरक में रखा गया है. जेल मुख्यालय के निर्देश पर मफिया छह दिनों तक इसी में रहेगा. यही बैरक उसका स्थायी ठिकाना बन सकती है. पंजाब के रूपनगर स्थित जेल से मफिया को लेकर पुलिस टीम बुधवार तो तड़के 4:30 बजे बांदा जेल परिसर में दाखिल किया है. उधर जेल में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी रखी गयी है. जेल गेट पर सीसीटीवी लगाए गये हैं. इन्हें 50 की संख्या में लगाया गया है.
HIGHLIGHTS
- विस सत्र में 60 दिन अनुपस्थित से जा सकती है सदस्यता
- माफिया विरोधी मंच चलाने वाले सुधीर सिंह ने दी याचिका
- याचिका का अध्ययन करके उसे विधिक राय के पास भेजा गया