देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है. अगर 1951 से लेकर 2011 तक देखें तो भारत में बड़ी तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ी है. भारत में सबसे पहले 1976 में संसद के दोनों सदनों में लंबी चर्चा और विचार विमर्श के बाद 42वां संविधान संशोधन विधेयक पास हुआ और संविधान की सातवीं अनुसूची की तीसरी सूची में ‘जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन’जोड़ा गया. 42वें संविधान संशोधन ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को ‘जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन’ के लिए कानून बनाने का अधिकार दे दिया. आइये हम बताते हैं कि असम, पश्चिम बंगाल, यूपी समेत इन राज्यों में कैसे मुस्लिम आबादी बढ़ी?
असम
- असम में 1951 में हिन्दू आबादी 73.32 प्रतिशत थी , 1971 में 72.5 प्रतिशत थी, जो 2001 में घटकर 64.9 प्रतिशत और 2011 में 61.46 प्रतिशत रह गई
- असम में 1951 में मुस्लिम 24.68 प्रतिशत थी, 1971 में 24.56 प्रतिशत थी, जो 2001 में बढ़कर 30.9 प्रतिशत और 2011 में 34.22 प्रतिशत हो गई
पश्चिम बंगाल
- पश्चिम बंगाल में 1951 में हिन्दू आबादी 79.85 प्रतिशत थी , 1971 में 79 प्रतिशत थी, जो 2001 में घटकर 72.47 प्रतिशत और 2011 में 70.54 प्रतिशत रह गयी
- पश्चिम बंगाल में 1951 में मुस्लिम आबादी 19.46 प्रतिशत थी , 1971 में 20.45 प्रतिशत थी, जो 2001 में बढ़कर 25.2 प्रतिशत और 2011 में 27.01 प्रतिशत हो गई
यूपी
- यूपी में 1951 में हिन्दू आबादी 85.52 प्रतिशत थी , 1971 में 84.37 प्रतिशत थी, जो 2001 में घटकर 80.61 प्रतिशत और 2011 में 79.73 प्रतिशत रह गयी
- यूपी में 1951 में मुस्लिम आबादी 14.28 प्रतिशत थी , 1971 में 15.48 प्रतिशत थी, जो 2001 में बढ़कर 18.50 प्रतिशत और 2011 में 19.26 प्रतिशत हो गई
- मौजूदा दर से आबादी बढ़ी तब भी - मुस्लिमों की आबादी हिन्दुओं से ज़्यादा होने में 270 साल लगेंगे
- 2001 से 2011 में हिंदुओं की जनसंख्या 16.8% की दर से बढ़ी तो मुसलमानों की जनसंख्या 24.6% की दर से बढ़ी.
- 2001 में जनगणना में ये दर 19.92 फ़ीसद पाई गई थी,मुसलमानों की आबादी 29.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी
- 1981 से 2011 तक मुसलमानों की बढने की दर 32.9% से घटकर 24.6% पर आ गई
- 1981 से 2011 तक हिंदुओं की बढ़ने की रफ्तार 22.8% से घटकर 16.8% पर आ गई.
- इसी दर पर अगले 10 साल में मुसलमान 4 करोड़ बढ़ेंगे तो हिंदू उनसे चौगुने यानी 16 करोड़ बढ़ जाएंगे.
- मौजूदा रफ़्तार से आबादी बढ़ी तो भी 2021 में हिंदू 112 करोड़ और मुस्लिम 21 करोड़ होंगे
- 2031 में हिंदू 131 करोड़ और मुस्लिम 26 करोड़ होंगे .
- 100 साल बाद यानी 2111 में हिंदू 455 करोड़ और मुस्लिम 155 करोड़ होंगे
- 200 साल बाद 2211 में हिंदू 2150 करोड़ और मुस्लिम 1400 करोड़ होंगे
- बढ़ते-बढते 2281 में हिंदू 6378 करोड़ और मुस्लिम 6531 करोड़ होंगे
- यानी 270 साल बाद जाकर मुस्लिम हिंदुओं से ज्यादा होंगे
- 2001-2011 : हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी बढ़ने की रफ़्तार में गिरावट आई है
- 2001-2011 तक भारत में हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी बढ़ने की रफ़्तार में गिरावट आई है
- ऐसा भारत में जनसंख्या में बढ़ोतरी की दर में आई कमी की वजह से हुआ है
- हिंदू, मुस्लिम ही नहीं, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन, की जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आई
- 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक़ हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 16.76 फ़ीसद रही
- 2001 में हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 19.92 फ़ीसद थी
- 2001-2011 में हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर में 3.16 प्रतिशत की कमी आई
- 2001-2011 में मुसलमानों की जनसंख्या दर में भी गिरावट देखी गई
- 2001 में मुसलमानों की आबादी 29.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी
- 2011 में मुस्लिमों की आबादी दर घट कर 24.6 फ़ीसद हो गई
कब कितनी - हिन्दू - मुस्लिम आबादी
- 1951 /30.35 CR /3.54 CR
- 1961 /36.65 CR / 4.69 CR
- 1971 / 45.33 CR /6.14 CR
- 1981 /56.24 CR / 8.03 CR
- 1991 / 69.01 CR / 10.67 CR
- 2001 /82.76 CR /13.82 CR
- 2011 / 96.62 CR / 17.22 CR
जनसंख्या नियंत्रण पर राज्यों के क़ानून
- 2020 की असम की तत्कालीन सोनोवाल सरकार, असम में सोनोवाल सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए फैसला किया था कि एक जनवरी 2021 के बाद दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.
- ओडिशा में दो से अधिक बच्चे वालों को अरबन लोकल बॉडी इलेक्शन लड़ने की इजाजत नहीं है.
- बिहार की टू चाइल्ड पॉलिसी नगर पालिका चुनाव लड़ने की इजाज़त नहीं देती.
- उत्तराखंड में भी टू चाइल्ड पॉलिसी सिर्फ नगर पालिका चुनाव लड़ने की इजाज़त नहीं देती
- महाराष्ट्र में दो से अधिक बच्चे वालों को ग्राम पंचायत और नगर पालिका के चुनाव लड़ने पर रोक है. महाराष्ट्र सिविल सर्विसेस रूल्स ऑफ 2005 के अनुसार तो ऐसे शख्स को राज्य सरकार में कोई पद भी नहीं मिल सकता है. ऐसी महिलाओं को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के फायदों से भी बेदखल किया गया है.
- गुजरात में लोकल अथॉरिटीज एक्ट को 2005 में बदल दिया गया था. दो से अधिक बच्चे वाले शख्स को पंचायतों के चुनाव और नगर पालिका के चुनावों में लड़ने की इजाजत नहीं है.
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2001 में ही टू चाइल्ड पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरियों और स्थानीय चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी. 2005 में दोनों ही राज्यों ने चुनाव से पहले फैसला उलट दिया था, क्योंकि लोग नाराज होने लगे थे कि ये विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लागू क्यों नहीं है. हालांकि, सरकारी नौकरियों और ज्यूडिशियल सेवाओं में वहां अभी भी टू चाइल्ड पॉलिसी लागू है.
- राजस्थान ने भी जनसंख्या वृद्धि को हतोत्साहित करने के लिए पंचायत चुनाव में टू चाइल्ड पॉलिसी को लागू कर रखा है. राजस्थान पंचायती राज कानून 1994 के मुताबिक, अगर एक व्यक्ति दो से ज्यादा बच्चे हैं तो वो चुनाव लड़ नहीं सकता है. राजस्थान सरकार ने यहां उम्मीदवार को उसी हालत में तीसरे बच्चे की छूट दी है जब दो में से उसका एक बच्चा दिव्यांग हो.
जनसंख्या नियंत्रण पर कानून की मांग
- 2018 में लगभग 125 सांसदों ने राष्ट्रपति से भारत में दो बच्चों की नीति लागू करने का आग्रह किया था.
- 2016 में बीजेपी सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल ने भी जनसंख्या नियंत्रण पर एक निजी सदस्य बिल पेश किया था.
- अभिषेक मनु सिंघवी भी राज्यसभा में The Population Control Bill, 2019 पेश कर चुके हैं.
- आजादी के बाद से ऐसे 35 बिल विभिन्न दलों के सांसद पेश कर चुके हैं, जिनमें 15 कांग्रेस के सांसदों की ओर से पेश किए गए हैं.
- 2015 में गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने एक ऑनलाइन पोल आयोजित कर पूछा था कि क्या मोदी सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई नीति बनानी चाहिए
2050 तक इस्लाम होगा सबसे बड़ा धर्म- प्यू रिसर्च रिपोर्ट
- 2017 में अमेरिकी थिंकटैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने यूरोप में मुस्लिम आबादी बढ़ने का अनुमान जताया है
- इसके मुताबिक 2050 तक यूरोप की आबादी में 7.5 फीसदी मुसलमान होंगे
- अनुमान के मुताबिक़, 2050 में यूरोप में मुस्लिमों की आबादी 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होगी
- अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 प्रतिशत हो सकती है
- अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक प्रतिशत है
- अमेरिका में 2050 में प्रत्येक 50 लोगों में से एक मुसलमान होगा .
- मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से भी अन्य देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी
- वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है,किसी भी मज़हब के मुक़ाबले इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है.
- अनुमान के मुताबिक़ 2070 में इस्लाम मानने वालों की संख्या सबसे ज़्यादा हो जाएगी.इसके बाद इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा
- 2010 में इंडोनेशिया दुनिया का मुस्लिम आबादी वाला सबसे बड़ा देश था,2050 में भारत इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा.
- हालांकि, भारत में तब भी हिंदू आबादी, मुस्लिमों से ज़्यादा ही होगी
- ब्रिटेन और फ्रांस में ईसाइयों की आबादी कुल आबादी के 50 फ़ीसदी से कम हो जाएगी.
- सब-सहारन अफ़्रीका में प्रत्येक 10 ईसाइयों में चार मुस्लिम हैं.
परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला भारत दुनिया का पहला देश, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई क़ानून नहीं
- 1952 में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया.
- परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है.
- इस कार्यक्रम का मक़सद आबादी कंट्रोल करने के लिए हम दो हमारे दो को बढ़ावा देना है.
- भारत में सबसे पहले पहले जनसंख्या नीति बनाने का सुझाव वर्ष 1960 में एक विशेषज्ञ समूह ने दिया था.
- 1975 में इमरजेंसी के दौरान लगभग 62 लाख लोगों की नसबंदी की गई.
- संजय गांधी ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया था.
- 1976 में देश की पहली जनसंख्या नीति की घोषणा की गई.
- 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.
- 1978 में जनता पार्टी सरकार ने संशोधित जनसंख्या नीति की घोषणा की.
- 11 मई 2000 को पीएम की अघ्यक्षता में राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का गठन किया गया.
- राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का पुनर्गठन डॉ. मनमोहन सिंह ने मई 2005 को किया.
- 15 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में कहा था कि हमारे यहां जो बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है. यह जनसंख्या विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अनेक संकट पैदा कर सकता है. सीमित परिवारों से न सिर्फ खुद का बल्कि देश का भी भला होने वाला है. जो लोग सीमित परिवार के फायदे को समझा रहे हैं वे सम्मान के पात्र हैं. घर में बच्चे के आने से पहले सबको सोचना चाहिए कि क्या हम उसके लिए तैयार हैं.
यूपी के हाथरस की आबादी भूटान - मालदीव से ज़्यादा
- हाथरस की आबादी 15 .6 लाख है ,हाथरस यूपी के छोटे जिलों में शुमार है, लेकिन इस जिले की आबादी भी पड़ोसी देश भूटान और मालदीव से कहीं ज्यादा है.
- दुनियाभर के कुल देशों के एक तिहाई देशों की आबादी को हाथरस ने पीछे छोड़ दिया है. 82 देश ऐसे हैं, जिनकी आबादी हाथरस जिले से कम है.
- इन देशों में भूटान, मालदीव के अलावा बहरीन, मॉरीशस, सूरीनाम, ब्रुनेई, माल्टा शामिल हैं.
भारत के एक राज्य बराबर दुनिया के एक देश
- आंध्र प्रदेश की जनसंख्या जर्मनी के बराबर है.
- अरुणाचल प्रदेश की जनसंख्या मॉरीशस के बराबर है.
- असम की जनसंख्या पेरू के बराबर है.
- बिहार की जनसंख्या मेक्सिको के बराबर है.
- छत्तीसगढ़ की जनसंख्या नेपाल के बराबर है.
- दिल्ली की जनसंख्या बेलारूस के बराबर है.
- गोवा की जनसंख्या एस्टोनिया के बराबर है.
- गुजरात की जनसंख्या इटली के बराबर है.
- हरियाणा की जनसंख्या यमन के बराबर है.
- हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या हांगकांग के बराबर है.
- जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या जिम्बाब्वे के बराबर है.
- झारखंड की जनसंख्या इराक के बराबर है.
- कर्नाटक की जनसंख्या फ्रांस के बराबर है.
- केरल की जनसंख्या कनाडा के बराबर है.
- मध्य प्रदेश की जनसंख्या ईरान के बराबर है.
- महाराष्ट्र की जनसंख्या जापान के बराबर है.
- मणिपुर की जनसंख्या मंगोलिया के बराबर है.
- मेघालय की जनसंख्या ओमान के बराबर है.
- मिज़ोरम की जनसंख्या बहरीन के बराबर है.
- नगालैंड की जनसंख्या स्लोवेनिया के बराबर है.
- ओडिशा की जनसंख्या अर्जेंटीना के बराबर है.
- पंजाब की जनसंख्या मलेशिया के बराबर है.
- राजस्थान की जनसंख्या थाइलैंड के बराबर है.
- सिक्किम की जनसंख्या ब्रिटेन के बराबर है.
- तमिलनाडु की जनसंख्या तुर्की के बराबर है.
- त्रिपुरा की जनसंख्या कुवैत के बराबर है.
- उत्तर प्रदेश की जनसंख्या ब्राजील के बराबर है.
- उत्तराखंड की जनसंख्या पुर्तगाल के बराबर है.
- पश्चिम बंगाल की जनसंख्या वियतनाम के बराबर है.
Source : News Nation Bureau