एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह ने 125 वोटों के साथ राज्य सभा (Rajya Sabha) उपसभापति का चुनाव जीत लिया है। वोटिंग के दौरान एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को कुल 125 वोट मिले थे जबकि विपक्ष के प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद को कुल 105 वोट मिले। उन्होंने निर्वाचन के बाद सदन के नेता अरुण जेटली, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ वाली सीट ग्रहण की।
राज्य सभा के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, पीएम मोदी और राज्य सभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने हरिवंश नारायण सिंह को उपसभापति चुने जाने की बधाई दी।
गौरतलब है कि वोटिंग के दौरान आप (आम आदमी पार्टी), डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), वाईएसआर कांग्रेस, पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) समेत कई सांसद सदन में अनुपस्थित थे। कुल 230 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया, इसलिए बीजेपी को जीत के लिए कुल 116 वोट ही चाहिए थे। जबकि बीजेपी को 125 वोट मिले।
ऐसे शुरू हुई मतदान की प्रकिया
सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति एम वैंकेया नायडू ने सदन पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद उपसभापति पद की चुनाव प्रक्रिया शुरु करवायी। हरिवंश के पक्ष में 125 और हरिप्रसाद के पक्ष में 105 मत पड़े। मतदान में दो सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया। सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे।
हरिवंश के पक्ष में जेडीयू के आर सी पी सिंह, बीजेपी के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया। वहीं हरिप्रसाद के लिये बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, आरजेडी की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, एसपी के रामगोपाल यादव और राकांपा की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया।
इन प्रस्तावों पर मतविभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया। इसके बाद हरिप्रसाद ने हरिवंश को उनके स्थान पर जाकर बधाई दी। नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने हरिवंश को बधाई देते हुये उन्हें उपसभापति के निर्धारित स्थान पर बिठाया।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिवंश को शुभकामनायें देते हुये उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिये गौरव का विषय बताया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सदस्य पी जे कुरियन के पिछले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद उपसभापति का पद खाली हुआ था।
राज्य सभा का गणित
राज्यसभा में फिलहाल कुल 244 सांसद हैं और ऐसे में जीत के लिए 123 सांसदों का समर्थन जरूरी था। राज्यसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके पास 73 सांसद हैं। वहीं गठबंधन की बात करें तो सहयोगी जेडीयू के पास 6, शिवसेना के पास 3 और अकाली दल के पास 3 सांसद हैं। वहीं एआईडीएमके के 13, बीजेडी के 9, टीआरएस के 6 सांसद हैं।
जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए के पास कुल 61 सांसद हैं। एसपी, बीएसपी, टीएमसी जैसी अन्य पार्टियों के समर्थन से यह आंकड़ा 118 ही पहुंच पाएगा।
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पीडीपी के पास दो, डीएमके के पास चार, आम आदमी पार्टी के पास तीन और वाईएसआर कांग्रेस के पास दो सांसद है। बता दें कि इन सभी ने वोटिंग के दौरान सदन में उपस्थित नहीं रहने का फैसला किया था।
Source : News Nation Bureau