वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में विरोध के बावजूद संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) की परीक्षाएं एक से 6 सितंबर और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जानी है. अब तक छात्रों द्वारा जेईई और नीट (NEET) परीक्षा लिए जाने का विरोध किया जा रहा था, लेकिन अब इन परीक्षाओं के विरोध में राजनीतिक दलों के नेता भी कूद पड़े हैं. आखिर क्यों इन परीक्षाओं को विरोध हो रहा है, इसके पीछे भी वजह भी जानना जरूरी है. यहां हम आपको उन कारणों के बारे में बताएंगे जिसके चलते छात्र परीक्षाओं विरोध कर रहे हैं.
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छात्रों को कोविड-19 महामारी की चपेट में आने का खतरा
छात्र इन परीक्षाओं का विरोध इस कारण से कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें कोविड-19 महामारी की चपेट में आने का खतरा होगा. देशभर के हजारों छात्र इन परीक्षाओं को इस संक्रमण काल में कराने को लेकर अपना विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ये स्थिति अनुकूल नहीं है, लेकिन जेईई और नीट की परीक्षा के नाम पर केंद्र सरकार उनकी जिंदगी से खेल रही है.
परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एक चुनौती
कोरोना महामारी के दौर में बात बचाव की भी आती है. कोरोना से बचाव तभी संभव है, जब सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो. मगर हकीकत यह है कि तमाम अपीलों और सलाहों के बावजूद लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं कर रहे हैं. ऐसे में छात्रों को इस बात का डर सता रहा है कि जब वो परीक्षा केंद्र पर जाएंगे तो कहीं दूसरी की लापरवाही उनकी जान के लिए खतरा न बन जाए. क्योंकि बीते दिनों इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश में बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के दौरान देखने को मिला था. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ाई गईं. जिसका नतीजा यह था कि कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी.
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सार्वजनिक परिवहन बंद होने से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की परेशानी
छात्रों के सामने इससे भी बड़ी चुनौती यह है कि वो परीक्षा केंद्र पर पहुंचेंगे कैसे. क्योंकि देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना वायरस के कारण सार्वजनिक परिवहन बंद हैं और छात्रों के सेंटर सैकडों किलोमीटर दूर हैं. इतना ही नहीं, देश में कई जगहों पर आदिवासी इलाका शहरी क्षेत्रों से दूर हैं. इन आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को काफी लंबी यात्रा कर परीक्षा देने पहुंचना होगा. कुछ छात्रों का यहां तक कहना है कि परीक्षा केंद्र दूर होने के कारण उन्हें रात में सफर करके वहां पहुंचना होगा.
इन्हीं वजहों से छात्र लगातार इस वक्त परीक्षाओं को टालने का आग्रह कर रहे हैं. छात्रों के अलावा उनके माता-पिता भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. अब राजनीतिक दलों ने नेता भी छात्रों के सुर में सुर मिला रहे हैं. राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, एमके स्टालिन और मनीष सिसोदिया सहित कई विपक्षी नेताओं ने भी परीक्षा स्थगित करने की मांग की है. हालांकि छात्रों के चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भी कई जरूरी कदम उठाए हैं.
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जेईई-नीट परीक्षाओं के समय छात्रों के लिए जरूरी दिशानिर्देश
- परीक्षा केंद्र बढ़ा दिए गए हैं. इससे एक शिफ्ट और कक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या कम होगी.
- जेईई मेंस कंप्यूटर आधारित टेस्ट है, जबकि नीट में लिखना होगा.
- एनटीए ने 99 फीसदी छात्रों के लिए उनकी पहली प्राथमिकता का परीक्षा केंद्र सुनिश्चित किया है.
- जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और प्रत्येक पाली में विद्यार्थियों की संख्या अब 1.32 लाख से घटकर 85,000 हो गई है.
- जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा जबकि नीट परीक्षा में एक कमरे में विद्यार्थियों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है.
- एनटीए ने तमाम राज्यों सरकारों से कहा है कि वह परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करें.
- कोरोना संक्रमण से बचने के लिए छात्रों के एडमिट कार्ड में सोशल डिस्टेंसिंग के सारे नियम बताए गए हैं.
- परीक्षा केंद्र पर सभी छात्र, फैकल्टी और स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा.
- सभी छात्रों को छह फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी.
- छात्रों का, फैकल्टी मेंबर और स्टाफ का परीक्षा केंद्र में घुसने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी.
- जेईई और एनईईटी के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों को मास्क और हाथ में दस्ताना पहनना होगा.
- पानी की एक निजी बोतल और परीक्षा केंद्र पर हैंड सैनिटाइजर ले जाना होगा.
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आपको यह भी नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में 24 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे. इस वर्ष जेईई मेन के लिए 8.58 लाख और नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं. जेईई (मुख्य) परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं. अब नीट अंडर ग्रेजुएट-2020 परीक्षा के लिए भी एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे. लेकिन परीक्षाओं से होने से पहले इनका जमकर विरोध हो रहा है. बहरहाल, छात्रों के सामने भविष्य के लिए सवाल भी है और चिंता भी है.