Nikhat Zareen, World Boxing Champion : निखत जरीन. बॉक्सिंग की दुनिया में अब जाना माना नाम. उन्होंने दिल्ली में चल रही महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 50 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत लिया है. पिछले साल भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. एक से अधिक गोल्ड मेडल जीतने वाली वो दूसरी भारतीय बॉक्सर हैं. कभी अपनी आदर्श एमसी मैरीकॉम से ही लड़कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने वाली निखत जरीन 1996 में निजामाबाद में जन्मीं लेकिन अब भारतीय बॉक्सिंग का सबसे उदीयमान चेहरा बन चुकी हैं.
विवादों से भी रहा है निखत जरीन का नाता
निखत जरीन ( Nikhat Zareen ) शुरुआत से विवादों में भी रही हैं. वो उसी 50 किलो भारवर्ग में खेलती थी, जिसमें एमसी मैरीकॉम ने लगातार पूरी दुनिया में परचम लहराया था. साल 2019 के नेशनल चैंपियनशिप के फाइनल में उन्हें मैरीकॉम ने हराया था. लेकिन जब टोक्यो ओलंपिक के एशियन क्वॉलिफिकेशन में मैरीकॉम को भेजा जाने लगा, तो उन्होंने खेल मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और मैरीकॉम को क्वॉलिफाइंग बाउट लड़कर जीतने की चुनौती भी दी. इस चुनौती के बाद बाद मैरीकॉम ने बयान दिया था कि वो निखत को जानती तक नहीं है, कौन निखत जरीन? इसके बाद 28 दिसंबर 2019 को हुए उस मुकाबले में उन्होंने निखत को धूल भी चटा दी थी. यही नहीं, मैरी कॉम ने परंपरा से विपरीत जाते हुए निखत जरीन से हाथ तक नहीं मिलाया था. इस बात से निखत जरीन बहुत निराश हुई थीं. इस बात से उबरने में उन्हें वक्त लगा था. और निखत इस बात से उबर भी आईं.
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मैरीकॉम को हराने वाली खिलाड़ी को सेमीफाइनल में धोया
हालांकि अब निखत जरीन को न सिर्फ मैरीकॉम जानती हैं, बल्कि उन्हें पूरी दुनिया में बॉक्सिंग के फैन्स जानने लगे हैं. वैसे, इस बार उन्होंने जिस कोलंबियाई खिलाड़ी को सेमीफाइनल मुकाबले में 5-0 से धोया है, उसी ने टोक्यो ओलंपिक में मैरीकॉम को हराकर उनके पदक जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया था. हालांकि मैरीकॉम अब तक बॉक्सिंग की दुनिया की महानतम खिलाड़ी मानी जाती हैं, उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए शुरुआती सभी 6 गोल्ड मेडल जीते थे. आखिरी गोल्ड मेडल उन्होंने साल 2018 में दिल्ली में ही जीता था. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कुल 8 मेडल जीते हैं. हालांकि अब वो रिटायर हो चुकी हैं और सांसद हैं.
ओलंपिक मेडल जीतना अगला लक्ष्य, मुश्किल होगा मुकाबला
निखत जरीन का सपना ओलंपिक मेडल जीतने का है. टोक्यो ओलंपिक में वो भाग नहीं ले पाईं थी, लेकिन पेरिस ओलंपिक में उनकी नजर पीले तमगे पर है. वो उसी 50 किलो भार वर्ग में अपनी किस्मत आजमाएंगी, जिसमें मैरीकॉम खेलती थी. लेकिन अब उनकी सामने मैरीकॉम की जगह 48 किलो भार वर्ग में इसी वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली नीतू घंघास की चुनौती होगी. चूंकि 48 किलो भार वर्ग के मुकाबले ओलंपिक नहीं होते, ऐसे में वो वजन बढ़ाकर इस मुकाबले में उतरेंगी. ऐसे में जरीन के पेरिस ओलंपिक के सफर पर हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी.
HIGHLIGHTS
- निखत जरीन ने लगातार दूसरी बार जीता गोल्ड मेडल
- वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लगाया गोल्डन पंच
- कभी मैरी कॉम से हुईं थी बेईज्जत, अब बढ़ा रही हैं उनकी विरासत