पंजाब (Punjab) की रोपड़ जेल में बंद पबे मोस्ट वांटेड अपराधी मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी पुलिस का काफिला बांदा जेल की तरफ रवाना हो चुका है. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को सौंप दिया गया. कई जघन्य अपराधों में वांछित अंसारी को पंजाब से सड़क मार्ग के रास्ते से यूपी लाया जा रहा है. उन्हें बांदा (Banda) जिले की जेल में रखा जाएगा. उत्तर प्रदेश पुलिस के 100 सशस्त्र जवान सड़क मार्ग से 16 घंटे में लगभग 900 किलोमीटर का सफर तय करके सोमवार को पंजाब की रोपड़ (Ropar) शहर की सेंट्रल जेल में पहुंचे. यहां मंगलवार को पूरी कागजी कार्यवाही के बाद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लेकर वापस लौट रहे हैं.
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अंसारी को जबरन वसूली और आपराधिक धमकी के मामले में दो साल और दो महीने तक रोपड़ जेल में रखा गया था. मुख्तार अंसारी को मंगलवार को सभी कानूनी और चिकित्सकीय औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पंजाब की ओर से उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा गया. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एंबुलेंस से बांदा जेल ले जाया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से पहले अंसारी का मेडिकल चेकअप किया गया. उनका कोविड टेस्ट भी कराया गया.
माफिया मुख्तार अंसारी अब से कुछ घंटों बाद यूपी की जेल में होगा, लेकिन मुख्तार अंसारी ने यूपी नहीं आने की तमाम जुगत लगाईं, जो फेल हो गईं. मुख्तार अंसारी जानता है कि यूपी में आने पर उसके किए गए अपराधों का उससे योगी सरकार हिसाब लेगी. लेकिन मुख्तार अंसारी को योगी आदित्यनाथ से डर आज से नहीं, बल्कि 16 साल पहले से लगना शुरू हुआ था. साल 2005 में जब मऊ में दंगे हुए थे और सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. उस समय पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्तार की मुखालफत करने का काम तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने किया था.
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तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव की तमाम बंदिशों के बावजूद योगी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मऊ के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए निकले थे. मऊ जिले से पहले दोहरीघाट में योगी के काफिले को रोक लिया गया था. काफी विरोध प्रदर्शन और पुलिसकर्मियों से झड़प के बाद योगी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था. मुख्तार अंसारी को उस समय योगी आदित्यनाथ ने सीधी चुनौती दी थी. और यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ के प्रभाव वाले जिलों में मुख्तार कदम रखने से डरने लगा था.
उस दौर में योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे राकेश सिंह पहलवान का कहना है कि मुलायम सिंह यादव की शह पर जिस तरह मुख्तार अंसारी अपनी आपराधिक वारदातों को बेहिचक अंजाम दे रहा था, उस समय खुले रूप में योगी आदित्यनाथ ने उसका विरोध किया था और योगी के तेवर को देखकर मुख्तार भी उनसे डरने लगा था. उस दौर में होने वाले अधिकतर दंगों के पीछे मुख्तार अंसारी का नाम लिया जाता था. अपराधियों को प्रश्रय देने का काम भी मुख्तार के द्वारा किया जाता था, जिसका योगी आदित्यनाथ हमेशा विरोध करते रहे.
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आज यूपी में आने से वह इसीलिए डर रहा है, क्योंकि उसे पता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उसके किए गए सभी अपराधियों का संविधान के तहत हिसाब होगा और कोई भी उसे यहां पर सजा दिलाने से नहीं बचा सकेगा. इस बीच कई दफा मुख्तार अंसारी योगी के राज्य में आने पर उसका एनकाउंटर किए जाने की बात भी कह चुका है. इतना ही नहीं, जब उसे पंजाब से यूपी लाया जा रहा है तो इस बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची और उन्होंने कोर्ट से अपने पति की सुरक्षा की मांग की.
मुख्तार की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि यूपी पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के साथ जैसा किया है, कहीं वैसा ही उनके पति के साथ न कर दें. इसलिए वो कोर्ट से अपने पति की सुरक्षा की मांग कर रही है. वहीं दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर के बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने भी मुख्तार अंसारी की जान को खतरा बताया है. आपको बता दें कि अंसारी पर 50 से अधिक आपराधिक मामले हैं, जिनमें हत्या और अपहरण से संबंधित मामले शामिल हैं. पंजाब पुलिस मोहाली शहर के एक बिल्डर से जबरन वसूली मामले में बांदा जेल से 2019 में पांच बार के विधायक अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गई थी, तब से वह रोपड़ जेल में बंद थे.