कांग्रेस (Congress) के लिए वाकई समय अच्छा नहीं चल रहा है. पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, असम, केरल समेत कई अन्य राज्यों में आतंरिक गुटबाजी ने आलाकमान की पेशानी पर बल लाया हुआ है, तो अब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की वजह से पार्टी के भीतर दो खेमे बन गए हैं. विगत दिनों प्रशांत किशोर की पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तक से कई मुलाकातें हो चुकी हैं. उनकी कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं. इस मसले पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से बात कर चुकीं सोनिया गांधी ही अंतिम फैसला लेंगी. इसकी वजह यह है कि एक धड़ा पीके की कांग्रेस में एंट्री चाहता है, जबकि एक धड़ा इसके सख्त खिलाफ है. इसमें लेटर बम गिराने वाला जी-23 (G-23) समूह भी शामिल है.
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं पीके
गौरतलब है कि गांधी परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद से ही प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी अटकलों का बाजार गर्म है. इस मसले पर सोनिया गांधी भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर चुकी हैं. यह अलग बात है कि प्रशांत किशोर के मसले पर एकराय बनती नहीं दिख रही है. एक धड़ा चाहता है कि अगले साल उत्तर प्रदेश चुनाव समेत 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल कर लिया जाए. वहीं एक धड़ा इसके सख्त विरोध में है. पीके के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर जी-23 समूह के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के घर दूसरे धड़े के नेताओं की एक बैठक भी हो चुकी है. जन्माष्टमी पर हुई इस बैठक में पीके को लेकर गहरा विरोध व्यक्त किया गया. हालांकि पीके के मसले पर अंतिम फैसला लेने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत कर दिया गया है.
यह भी पढ़ेंः अफगानिस्तान में सरकार गठन की कवायद तेज, अखुंदजादा को मिलेगी कमान!
इसी मसले पर पार्टी में हो गए हैं दो फाड़
सूत्रों के अनुसार चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी और उन्होंने इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा भी की है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ने की बात कही थी. ऐसे में विगत दिनों उन्होंने कांग्रेस के आला नेताओं समेत शरद पवार, कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत विपक्ष के कई क्षेत्रीय दिग्गजों से अलग-अलग मुलाकात की है. गौरतलब है कि किशोर ने शुरुआत में 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के साथ काम किया था. उसके बाद जद (यू) में शामिल हो गए थे और पार्टी के उपाध्यक्ष थे. किशोर ने उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के साथ काम किया था. उन्होंने पंजाब में पार्टी की सहायता भी की और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सलाहकार थे.
HIGHLIGHTS
- प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने के लग रहे हैं कयास
- इस मसले पर पार्टी में एकराय नहीं, बन चुके हैं दो अलग खेमे
- जी-23 समूह ने कपिल सिब्बल के घर बैठक कर जताया है विरोध