One nation One Election: केंद्र की मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन पर काफी गंभीर दिखाई दे रही है. इसके सभी बिंदुओं को जानने के लिए सरकार एक कमेटी का गठन भी कर चुकी है. इस कमेटी की अगुवाई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. इसी संबंध में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोविंद साहब से मुलाकात की. केंद्र की ओर से 17 सितंबर से 22 सितंबर तक विशेष सत्र भी बुलाया गया है. माना जा रहा है कि संसद के इस विशेष सत्र के दौरान सरकार इस संबंध में बिल ला सकती है. आइए इस बिल के लाने और इस दौरान देशभर में वन नेशन वन इलेक्शन पर हो रही चर्चा के बीच यह जान लेते हैं कि आखिर ये व्यवस्था पहले ही किन देशों में लागू है.
पीएम मोदी कर चुके हैं बात
पीएम मोदी कई बार वन नेशन वन इलेक्श की बात कर चुके हैं. इसी वर्ष मानसून सत्र के दौरान भी पीएम मोदी ने इस संबंध में चर्चा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ये मौजूदा समय की मांग है. उन्होंने कहा कि इससे देश का समय और पैसा बचेगा. देश में चुनाव होते रहते हैं जिसकी वजह से विकास कामों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. दुनिया के कई देशों में एक राष्ट्र एक चुनाव पहले से ही लागू है.
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इन देशों में पहले से लागू है One Nation One Election
दुनिया के कई ऐसे देश है जहां सभी चुनाव एक साथ होते हैं. इनमें जर्मनी, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, स्पेन, स्लोवेनिया, अल्बानिया, पोलैंड और बेल्जियम जैसे देश प्रमुख रूप से शामिल हैं. यहां राष्ट्रपति के चुनाव से लेकर नगरनिगम के चुनाव सब कुछ एक साथ ही आयोजित किए जाते हैं.
ब्रिटेन में मेयर के चुनाव, सांसद के चुनाव और स्थानीय चुनाव साथ में होते हैं. जबकि यूके के नियम के मुताबिक अगर सरकार अपना विश्वास खो देती है या सरकार के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास हो जाता है तो ब्रिटेन में नए चुनाव की घोषणा की जा सकती है.
सबसे नया देश बना स्वीडन
वहीं इस नियम के लागू किए जाने में सबसे नया देश स्वीडन है. यहां हाल ही में एक साथ सभी चुनाव हुए हैं. इसके बाद स्वीडन उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जहां एक राष्ट्र एक चुनाव होते हैं.
भारत में 1967 तक होते थे एक साथ चुनाव
यहां ये जानकारी के लिए बता दें कि भारत में भी पहले यानी 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ एक साथ ही आयोजित किए गए हैं. हालांकि इसके बाद फिर व्यवस्था बदल गई और अलग-अलग चुनाव कंडक्ट किए जाने लगे.
HIGHLIGHTS
- भारत में वन नेशन वन इलेक्शन पर गर्माई सियासत
- दुनिया में पहले ही कई देशों में लागू है ये व्यवस्था
- भारत में भी 1967 तक एक साथ होते हैं लोकसभा और विधानसभा चुनाव