शीतकालीन सत्र के छठे दिन भी राफेल मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में हंगामा जारी है. मंगलवार को एक बार फिर से कांग्रेस ने लोकसभा में राफेल मुद्दे को लेकर हंगामा किया. वहीं अकाली दल समेत कई अन्य पार्टियों ने 1984 सिख विरोधी दंगे को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले को लेकर हंगामा किया. ज़ाहिर है सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. फ़ैसला सुनाए जाने के बाद अकाली दल ने मांग की थी कि इस मामले में जगदीश टाइटलर, कमलनाथ और अन्य गांधी परिवार के लोगों पर भी कार्रवाई हो.
वहीं राज्यसभा में मंगलवार को कुछ सदस्यों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों के भीतर ही तमिलनाडु के दलों ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के सदस्य प्लाकार्ड थामे हुए सभापति के आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. वे कावेरी नदी पर प्रस्तावित एक बांध के निर्माण का विरोध कर रहे थे.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा राफले सौदे में सरकार द्वारा विशेषाधिकार के उल्लंघन का मुद्दा है.
आजाद ने कहा, 'सरकार ने संसद को गुमराह किया है, इसने गलत हलफनामे के जरिए सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया और इस प्रकार राफले सौदे में इसने देश को गुमराह किया है.'
संसदीय मामलों के राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार राफेल सहित सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है."
हंगामे के बीच नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
Source : News Nation Bureau